धीरुभाई अंबानी बहुत ज्यादा कंजूस नहीं थे. लेकिन वे इतने फिजूलखर्च भी नहीं थे कि अपने बेटों मुकेश और अनिल की शादियों पर उतना पैसा फूंकना गवारा करते जितना कि उन के बड़े बेटे मुकेश ने अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी पर फूंका. अगर पैसा खर्च करने और पैसा उड़ाने या फूंकने के बीच कोई लाइन नहीं खींची जा सकती तो यह तय कर पाना मुश्किल है कि मुकेश अंबानी ने अनंत अंबानी की शादी में पैसा खर्च किया है या फूंका है. अंदाजा है कि इस शाही शादी पर कोई 5 हजार करोड़ रूपए खर्च किए गए जो मुकेश अंबानी की अकूत दौलत का एक फीसदी हिस्सा भी नहीं है.
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धीरुभाई अंबानी के बारे में हर कोई जानता है कि वे एक पेट्रोल पम्प पर 300 रूपए महीने की नौकरी करते थे और अपने कैरियर के शुरूआती दौर में बहुत छोटे लेबल पर मुंबई में मसालों का कारोबार करते थे. कभी उन्होंने मेलों ठेलों में पकोड़े भी बेचे थे. यानी वे एक गरीब और जमीन से जुड़े कारोबारी थे जिस के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह शख्स मिट्टी से भी पैसा बना लेता है. एक बार उन्होंने यमन के एक शेख को गुलाब उगाने के लिए उपजाऊ भारतीय मिट्टी बेची भी थी और इस से खासा मुनाफा कमाया था. आदमी जब धीरूभाई जितना बड़ा और कामयाब हो जाता है तो उस से जुड़े कई झूठे सच्चे किस्से कहानियां भी मार्किट में चलन में आ जाते हैं. जुझारू और मेहनती धीरुभाई इस के अपवाद नहीं रहे जिन का खड़ा किया आर्थिक साम्राज्य दिनों दिन बढ़ता गया और मुकेश अंबानी ने तो उसे शिखर पर पहुंचा दिया.
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