दिल में फरियाद ले कर
आया हूं मैं
भूली हुई यादों को फिर से
जगाने आया हूं मैं
जीने को तो जी रहा हूं
मर भी तो नहीं सकता
मेरे जीने की वजह तुम हो
ये बताने आया हूं मैं
जिगर पर पत्थर रख कर
और गिलेशिकवे भुला कर
आज फिर तुम से मिलने आया हूं मैं
और मैं भुला नहीं पाया हूं
एक पल भी तुम्हें
उन बीते हुए पलों को
भुलाने आया हूं मैं
और तुम्हारे साथ रह कर
कुछ पलों को ही सही
जीने आया हूं मैं.
– शिव कुमार
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