21 से 24 दिसंबर, 2023 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और आस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम के बीच टैस्ट मैच हुआ था, जिसे भारत ने बहुत बड़े अंतर से जीत कर कमाल कर दिया था. महिला टैस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत ने आस्ट्रेलिया को हराया था. इस से पहले दोनों देशों के बीच 10 टैस्ट मैच खेले गए थे, जिन में से आस्ट्रेलिया को 4 मुकाबलों में जीत मिली थी, जबकि 6 मैच बेनतीजा रहे थे.

पर असली खबर तो यह है कि इस जीत को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान और हैड कोच ने धार्मिक जामा पहना दिया. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 26 दिसंबर, 2023 को मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर में जा कर पूजाअर्चना की थी. उन के साथ टीम के हैड कोच अमोल मजूमदार भी मौजूद थे.

इतना ही नहीं, कभी भारतीय क्रिकेट टीम में सलामी बल्लेबाज रहे और अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर भी इसी साल के फरवरी महीने में उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने गए थे. उन्होंने वहां सुबह की भस्म आरती में भी हिस्सा लिया था.

हालिया भारतीय क्रिकेट टीम की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले विराट कोहली कुछ समय पहले बिलकुल भी बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे थे. उन की कप्तानी भी चली गई थी और सोशल मीडिया पर उन की खराब बल्लेबाजी की खूब खिंचाई भी हो रही थी. इस के बाद वे खबरों में इस बात को ले कर चर्चित हुए कि ‘इस मंदिर में जाते ही खुले भाग्य’.

बता दें कि इसी साल की शुरुआत में विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन दोनों ने तकरीबन डेढ़ घंटे तक मंदिर के नंदी हाल में बैठ कर भस्म आरती की थी और उस के बाद दोनों ने मंदिर के गर्भगृह में जा कर पंचामृत पूजन अभिषेक किया था.

यही नहीं, पिछले साल वे दोनों उत्तराखंड के नील करोली बाबा के आश्रम में भी पहुंचे थे और जनवरी महीने में उन्हें वृंदावन में नीम करोली बाबा के समाधि स्थल पर भी देखा गया था. उन्हें वृंदावन के स्वामी प्रेमानंदजी महाराज के आश्रम में भी देखा गया था.

इस के बाद लोगों ने विराट कोहली की अच्छी बल्लेबाजी को बाबा और मंदिर जाने का कारनामा बता दिया. एक फैन ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘कोहली किस बाबा से मिला था, एड्रैस बताओ. एकदो ख्वाहिश पूरी करवानी हैं.’

इसी तरह सचिन तेंदुलकर के पूरे परिवार को सत्य साईंबाबा का परम भक्त कहा जाता है. जब बाबा का निधन हुआ था, तब सचिन हैदराबाद में थे. यह खबर मिलते ही उन्होंने खुद को होटल के कमरे में बंद कर लिया था. कहते हैं कि क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने सचिन की मुलाकात सत्य साईंबाबा से कराई थी.

सोशल मीडिया पर मंदिरों का प्रचार

जब कोई नामचीन क्रिकेटर या कोई दूसरा सैलिब्रिटी किसी मंदिर में जा कर माथा टेकता है और उस की खबर मीडिया में आती है, तो सोशल मीडिया उसे हाथोंहाथ लेता है. विराट कोहली जैसे नामचीन लोगों के किसी मंदिर, बाबा आदि के बारे में सोशल मीडिया पर किए गए कमैंट, फोटो और वीडियो आम लोगों के दिमाग पर गहरा असर करते हैं. वे मन में बिठा लेते हैं कि अगर बड़े लोगों के बिगड़े काम ऐसे बन रहे हैं, तो हमें भी वहीं जाना चाहिए.

अभी हाल ही में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, नीम करौली बाबा, वृंदावन के स्वामी प्रेमानंद के आश्रम और मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा ट्रैंड कर रहे हैं और इस अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं कि जब कोई राह न सूझे तो किसी के दरबार में जा कर माथा टेक दो.

जो लोग क्रिकेटरों को अपने ‘भगवान’ का दर्जा देते हैं, वे तो आंख मूंद कर उन की हर चीज को फौलो करते हैं. तभी तो आज हर छोटेबड़े मंदिर, आश्रम में लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. नतीजतन, लोग किसी से कर्ज ले कर भी ऐसी जगह जाते हैं, ताकि उन की मुसीबतें दूर हो जाएं, पर कर्ज लेने के बाद तो उन की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाती हैं, यह उन्हें समझ में नहीं आता है.

घोर अंधविश्वासी क्रिकेटर

वैसे तो किसी न किसी तरह का अंधविश्वास हर देश के क्रिकेटर में देखा जा सकता है, पर कुछ क्रिकेटर अपनी पोंगापंथी हरकतों से चर्चा में बने रहते हैं. ‘क्रिकेट के भगवान’ के नाम से मशहूर महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरने से पहले हमेशा बायां पैड पहनते थे, जबकि राहुल द्रविड़ जब बल्लेबाजी करने के लिए तैयार होते थे, तो हमेशा पहले दायां पैड पहनते थे.

एक जमाने के दिग्गज क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ फील्डिंग करते समय अपनी पैंट की जेब में लाल रूमाल रखते थे. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन के गले में काला तावीज बंधा रहता था. फील्डिंग के दौरान कई बार उन्हें उस तावीज को चूमते हुए भी देखा जा सकता था.

एक बार ‘द कपिल शर्मा शो’ में आए वीरेंद्र सहवाग और मोहम्मद कैफ ने खुलासा किया था कि उन के कप्तान सौरव गांगुली बहुत ज्यादा अंधविश्वासी थे. मोहम्मद कैफ ने बताया कि एक बार तो सौरव गांगुली मैच में अपने गले में पहनी माला को पकड़े बैठे रहे थे और प्रार्थना करते रहे थे.

इसी तरह वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि दादा (सौरव गांगुली) के गले में जो चेन है, उस में दुनिया के जितने भगवान हैं उन की फोटो मिलेंगी आप को. दुनिया के जितने पत्थर होते हैं नीलम, मोंगा सब उन के पास हैं.

कहने का मतलब है कि जितने क्रिकेटर, उन के उतने ही अंधविश्वास. हैरत तो तब होती है जब ये लोग अपने हुनर के आगे अपने अंधविश्वास को तरजीह देते हैं और आम लोगों के मन में भर देते हैं कि अगर आप का भाग्य खराब है तो खेल खराब होना तय है, जबकि खेल में हारजीत होना कोई नई बात नहीं है. कोई जीतता है, तो कोई हारता है.

अगर किस्मत और गंडेतावीज, बाबाआश्रम, मठमंदिर और पूजाअर्चना आदि इतने ही ताकतवर होते तो पिछले वनडे वर्ल्ड कप में लगातार 10 मैच जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम देशभर में हो रहे हवनपूजन के बावजूद फाइनल मुकाबले में न हारती. लिहाजा, अपने हुनर और मेहनत पर यकीन करें और इन फुजूल के चक्करों में न पड़ें.

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