ऐसा संभवतया पहली बार हुआ है, जब भारत जैसे गरीब और एक विकासशील राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने लीक से हट कर राष्ट्रपति जो बाइडन की पत्नी को एक कीमती हीरा भेंट किया है. अच्छा होता हीरे की जगह नरेंद्र मोदी भारत की संस्कृति, सभ्यता, साहित्य, कला से जुड़ी हुई कोई असाधारण चीज भेंट करते तो शायद कोई आलोचना नहीं कर पाता.

भारत की छवि दुनिया में अलग है. स्वयं नरेंद्र मोदी का दस्ता भारत को विश्वगुरु की पदवी की ओर ले जाने के लिए दिनरात लालायित रहता है. ऐसे में दुनिया के सब से शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के प्रमुख की पत्नी को ऐसा नायाब गिफ्ट प्रस्तुत किया जाना चाहिए था, जिस से देश ही नहीं दुनिया में संदेश जाता कि भारत सचमुच विश्वगुरु है. मगर जैसा कि कहा जाता है हम भारतीयों की यह फितरत है कि पहले हम कुछ करते हैं और बाद में पछताते हैं.

वर्ष 2014 से नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए हैं, कुछ ऐसा करगुजरते हैं, जो चर्चा का विषय बन जाता है. पूरा प्रयास किया जाता है कि हर काम ऐतिहासिक हो. ऐसे में अमेरिका यात्रा के दरमियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक हीरे की भेंट करना भारत की संस्कृति और सभ्यता से मेल नहीं खाता और कहीं ना कहीं यह बहुत बड़ी चूक हुई है, जो आज चौकचौराहे पर यह कहा जा रहा है कि यह तो राजा भोज (अमेरिका) को, गंगू तेली (नरेंद्र मोदी) की भेंट हो गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्षमायाचना के साथ हम विनम्रतापूर्वक कहना चाहते हैं कि राजा भोज और गंगू तेली हमारे देश के बहुत ही महत्वपूर्ण मिथक पात्र हैं. लोकव्यवहार में इस का उल्लेख आ ही जाता है. अब अमेरिका को राजा भोज कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी भी स्वयं को पिछड़ा एवं तेल जाति का बताते हैं, तो फिर यह कहावत और प्रसंग अपनेआप में रोचक भी है और आंख होने वाला भी.

कुलमिला कर कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी अगर राष्ट्रपति की पत्नी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कोई चित्र या उन के संपूर्ण वांग्मय की कोई किताब या गौतम बुद्ध की प्रतिमा आदि भेंट कर देते तो शायद सकारात्मक प्रभाव जाता या फिर नरेंद्र मोदी कोई अनोखी भेंट ले कर जाते कि दुनिया देखती रह जाती. मगर जिस तरह एक हीरा भेंट किया गया है, उस का तो नकारात्मक प्रभाव ही देश और दुनिया में चला गया.

नरेंद्र मोदी और विश्वगुरु

इस संपूर्ण प्रकरण में सचाई यह है कि नरेंद्र मोदी वर्तमान में भारत देश के प्रधानमंत्री हैं और राष्ट्र के प्रतिनिधि के रूप में एक राजकीय अतिथि के रूप में अमेरिका यात्रा पर थे.

कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन को एक स्पेशल गिफ्ट दिया है. पीएम मोदी ने जिल को एक हरे रंग का हीरा गिफ्ट में दिया है. ये ग्रीन डायमंड 7.5 कैरेट का है. इसे लैब में तैयार किया गया है. इस हीरे का खासियत यह है कि ये पृथ्वी से निकाले गए हीरे के सभी गुणों से युक्त है. हीरे को बनाने में सौर और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है और इसे आज के अत्याधुनिक तकनीक के जरीए तराशा गया है.

इस हीरे के साथ पीएम मोदी ने पेपर मेशी भी गिफ्ट किया है. यह एक तरह का बौक्स है, जिस में यह हीरा रखा जाता है. ये बौक्स कश्मीर के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है. एक ऐसा प्रसंग है, जो हमेशा आलोचना की दृष्टि से देखा जाएगा. जब नरेंद्र मोदी की अगलबगल, ऊपरनीचे से विश्व को विश्वगुरु की आवाजें आती हैं, शोर होता है, तो फिर एक दुनिया के सब से ताकतवर राष्ट्र की प्रथम महिला को एक छोटा सा हीरा गिफ्ट दे कर क्या संदेश दिया गया है, यह किसी को समझ नहीं आ रहा. अच्छा होता कि नरेंद्र मोदी कोई अद्भुत प्रतीकात्मक गिफ्ट दे कर देश का सम्मान और कद ऊंचा कर देते.

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