नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे (एनएफएचएस) के अनुसार सी सेक्‍शन की हिस्‍सेदारी 21.5 फीसदी है, जो कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा अनुशंसित आदर्श 10-15 फीसदी से बहुत ज्‍यादा है। कुछ सी-सेक्‍शंस की जरूरत तब हो सकती है, यदि महिला की गर्भावस्‍था या प्रसव के दौरान कठिनाइयाँ पैदा हों, यह अक्‍सर होता है, ज्‍यादातर ऐसे मरीजों पर, जिनका पहले भी सी-सेक्‍शन हो चुका है।

कई सी-सेक्‍शंस को पहले से ही तय कर लिया जाता है। मदरहुड हॉस्पिटल, गुरुग्राम में ऑब्‍स्‍टेट्रिक्‍स और गायनेकोलॉजी की कंसल्‍टेन्‍ट डॉ. श्‍वेता वज़ीर कहती हैं कि पहले सी-सेक्‍शन करा चुकीं महिलाओं के अलावा, हम प्रसव में इन कारणों से एक नियोजित सी-सेक्‍शन की सलाह दे सकते हैं:

नवजात शिशुओं में कुछ जन्‍मगत विकृतियाँ
प्रसव को जोखिमपूर्ण बनाने वालीं माता की चिकित्‍सकीय समस्‍याएं
जुड़वां या ज्‍यादा बच्‍चे- गर्भाशय में उनकी स्थिति के कारण, जितने ज्‍यादा बच्‍चे हों, आपको सी-सेक्‍शन की जरूरत उतनी ज्‍यादा हो सकती है।
बच्‍चा, जिसके पहले सिर के बजाए नितंब या पैर बाहर आएं, उसे ब्रीच बेबी कहते हैं।
हमें इस विषय पर कई सवाल मिलते हैं, क्‍योंकि हमारे कई मरीजों की पहले से तय सीजे़रियन सर्जरी नहीं हुई होती है। आइये, हम जानें कि सी-सेक्‍शन से पहले और बाद में क्‍या अपेक्षाएं की जा सकती हैं।

सी-सेक्‍शन के दौरान क्‍या होता है?
ज्‍यादातर अस्‍पताल सीज़ेरियन डिलीवरी को जितना संभव हो, आरामदायक रखने का प्रयास करते हैं और माता को प्रसव के कुछ समय बाद ही बच्‍चे से मिलने और उसका स्‍वागत करने का विकल्‍प देते हैं, अगर कोई चिकित्‍सकीय कारण न हों। बच्‍चे को माँ के पास लिटाया जाता है और संभवत: स्‍तनपान भी हो सकता है। शांत रहना और जन्‍म का आनंद लेना भी आम है, क्‍योंकि आपको जोर लगाने पर ध्‍यान नहीं देना होता है और असहजता नहीं होती है। अच्‍छी बात यह है कि यह एक तेज उपचार है; वास्‍तविक प्रक्रिया में केवल 10 मिनट या उससे भी कम लगते हैं और फिर टांके लगाने में और 30 मिनट या ज्‍यादा लगते हैं। आमतौर पर होने वाला सी-सेक्‍शन आसान होता है और अच्‍छी तरह से लिखी गई योजना पर चलता है, चाहे यह चयनात्‍मक हो या अंतिम मिनट में लिया गया फैसला।

सी-सेक्‍शन के लिये तैयार होना
सी-सेक्‍शन के दौरान आमतौर पर एनेस्‍थेसिया के रूप में एपिड्यूरल या स्‍पाइनल ब्‍लॉक का इस्‍तेमाल किया जाता है, ताकि आप होश में रहें, लेकिन आपका निचला शरीर सुन्‍न रहे। फिर आपके पेट को एक एंटीसेप्टिक सॉल्‍यूशस से साफ किया जाएगा और जरूरत होने पर शेविंग की जाएगी। ऑपरेटिंग रूम की टीम आपके ब्‍लेडर में कैथेटर डालेगी और पेट पर स्‍टेराइल पर्दे लगाए जाएंगे। जन्‍म देने में आपके मार्गदर्शक या पति सैनिटरी कपड़े पहनकर आपके पास बैठ सकते हैं और आपका हाथ थाम सकते हैं। एरिया को साफ रखने और आपको अपना कटना देखने से बचाने के लिये आपातकालीन देखभाल के पेशेवर आपके पेट के सामने एक छोटी-सी स्‍क्रीन खड़ी कर देंगे।

चीरा लगाना
आपके बेहोश या पूरी तरह से सुन्‍न हो जाने के बाद डॉक्‍टर आपकी प्‍यूबिक हेयर लाइन के ठीक ऊपर आपके पेट के निचले हिस्‍से में एक छोटा-सा चीरा लगाएंगे। ऐसा लग सकता है कि आपकी त्‍वचा को अनज़िप किया जा रहा हो। अच्‍छी तरह से टांके लगाने के बाद चीरे का निशान दिखेगा और बीतते समय के साथ धीरे-धीरे गायब हो जाएगा। इसके बाद डॉक्‍टर आपके गर्भाशय के निचले हिस्‍से में दूसरा चीरा लगाएंगे। सीज़ेरियन सेक्‍शंस के बीच गर्भाशय पर लगने वाले चीरों की जगह अलग होती है। सीज़ेरियन के बाद डॉक्‍टर से पूछें कि किस तरह के चीरे लगाये गये हैं। भविष्‍य की गर्भावस्‍थाओं में यह जानकारी काम आएगी।

सीज़ेरियन सेक्‍शन में, नीचे दिए गए 2 चीरे लग सकते हैं:

हॉरिज़ोंटल इंसिज़न: ज्‍यादातर मामलों में निचले हिस्‍से में चीरा लगाया जाता है। इस चीरे को “बिकिनी लाइन’’ भी कहते हैं और इसमें पेट तथा गर्भाशय के निचले हिस्‍से में आड़ा चीरा लगता है। इसके घाव ज्‍यादा जल्‍दी ठीक हो जाते हैं, कम नजर में आते हैं और बाद की गर्भावस्‍था में उनके दखल की संभावना कम रहती है।

वर्टिकल इंसिज़न: गर्भाशय पर खड़े चीरे को “क्‍लासिक इंसिज़न’’ कहा जाता है। जब प्‍लैसेंटा बहुत नीचे होता है, आपका शिशु बगल में होता है या बहुत छोटा होता है, तब यह चीरा केवल सबसे गंभीर मामलों में लगाया जाता है या बहुत खास स्थितियों में। इससे बाद की गर्भावस्‍था और प्रसव में परेशानियाँ होने की संभावना रहती है।

इस प्रकिया में एक ही असहजता हो सकती है कि बच्‍चा बाहर आते समय थोड़ा झटका या दबाव लग सकता है। अगर आपको रीजनल एनेस्‍थेटिक लगा है, तो आप इस प्रक्रिया और अपने बच्‍चे के जन्‍म के दौरान जागते रहेंगे, लेकिन कमर से नीचे पूरी तरह सुन्‍न रहेंगे।

सी सेक्‍शन के बाद
सीज़ेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी रूम में नर्सेज तब तक आपकी देखभाल करेंगी, जब तक कि आप मैटरनिटी वार्ड में लौटने के लिये तैयार न हो जाएं। संभवत: आपका शिशु आपके साथ रहेगा। रिकवरी रूम में अपने बच्‍चे को स्‍तनपान कराने में आपकी मदद की जाएगी। अगर मेडिकल टीम को आपके या आपके शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता है, तो शुरूआत में यह संभव न हो। जनरल एनेस्‍थेसिया के बाद आपके जाग जाने तक रिकवरी रूम में नर्स आपकी देखभाल करेंगी। आपके स्थिर होने और जागने के बाद आप अपने बच्‍चे को देख सकती हैं।

सीजे़रियन के बाद आपको दर्द या असहजता हो सकती है, खासकर हिलने-डुलने पर। नर्स को अपना हाल-चाल बताएं। सबसे अच्‍छा काम है असहजता को कम करना, क्‍योंकि ऐसा करने से आप जल्‍दी ठीक हो जाएंगी। दाइयाँ ब्‍लड प्रेशर, घाव और योनि से खून बहने की नियमित जाँच करती रहेंगी। पहले 12 से 24 घंटों तक, आपको यूरिनरी कैथेटर और बोतल लगवानी पड़ सकती है। दाई उठने में आपकी सहायता करेंगी, ताकि पहले 12 घंटों के बाद आप नहा सकें।

सी सेक्‍शन के बाद स्‍तनपान
ज्‍यादातर तो ऐसा ही होता है कि सी-सेक्‍शन के कुछ समय बाद माँ स्‍तनपान करवाना शुरू कर सकती है। आपने सुना होगा कि जन्‍म के बाद पहले घंटे में शिशु को स्‍तनपान कराने की सलाह दी जाती है। अगर आप तुरंत स्‍तनपान में असमर्थ हैं, तो भी दूध की आपूर्ति को बचा सकती है और अपने शिशु के साथ ठोस रिश्‍ता बना सकती है, जैसे कि अगर आपके बच्‍चे को कोई समस्‍या है, जो आप दोनों को अलग रहने पर विवश करती हो।

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