आज जब बढ़ता प्रदूषण और तरह तरह के वायरस हमारे लिए जानलेवा सिद्ध हो रहें हैं तब हमें थोड़ा बहुत पेड़ पौधे होने का महत्व समझ आने लगा है क्योंकि मनुष्य ने पेड़ काट कर बड़ी बड़ी इमारते तो बना ली लेकिन यह नहीं सोचा जिन पेड़ो के होने से हम स्वास ले रहे हैं उन्हीं पेड़ो को काटने से हमारी ये स्वास थम भी सकती हैं। तब हम इन इमारतों का क्या करेंगे हाल ही में कोरोना काल हमें पेड़ पौधों के महत्व को बरखूबी समझा गया है। आज अपनी इसी गलती को सुधारने के लिए लोग अपने घरों में पेड़ पौधे लगा भी रहें है। घर को हरा भरा बनाए रखने के लिए अपनी बालकनी या छत को गार्डन का रूप देना पसंद कर रहें हैं। घरों पर टेरिस गार्डन बनाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. लोग टेरिस गार्डन में तरह-तरह के पौधे ,फूल , सब्जियां और घास लगाते हैं, जिससे गार्डन हरा-भरा दिखाई दे । और सुबह व शाम का वक़्त इन पौधों के साथ सुकून भरा गुजर सकें। अगर आप भी यह सुकून चाहते हैं तो टेरिस गार्डन बनाने से पहले , आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना होगा। जिससे यह सुकून टेंशन में न बदले।

मिट्टी और खाद का मिश्रण हो सही

मिट्टी पौधे की जरूरत के हिसाब से तैयार की जाती है इसलिए पौधा लगाते समय जलनिकासी वाली एवं जैविक पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का प्रयोग करें जिस से पौधे की ग्रोथ अच्छी हो. यदि पौधों को खाद रहित, या चिकनी मिट्टी में लगाते हैं तो पौधे ग्रोथ नहीं करेंगे और बहुत जल्द खराब हो सकते हैं

पौधों की जरूरत के अनुसार मिले धुप

पौधों के लिए सबसे जरूरी हैं धुप लेकिन हमें इस बात का ज्ञान हो कि किस पौधे को अधिक धुप की जरूरत है और किसे कम की। ऐसे में टेरिस पर जिस दिशा में धुप कम आती हो उस तरफ हरी जाली या टीन शेड अवश्य लगाएं जिससे आपके पौधे खराब नहीं होंगे क्योंकि जरूरत के विपरीत धुप मिलने से पौधे कि ग्रोथ धीमी हो सकती है या पत्तिया ,फूल झड़ने लगते हैं और पौधे सुख जाते हैं।

पानी देते समय रखे ख्याल –

कई लोग पौधों में पानी पाइप से देतें है जिससे पौधे की जड़े मिटटी से बाहर आने लगती हैं साथ ही मिटटी में मौजूद उर्वरक भी पानी के प्रेशर से बह जाते हैं जिससे पौधा सूखने लगता है।
पौधों को अधिक पानी देने से जड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और जड़ें सड़ने लगती हैं।वहीं कम पानी देने से कई बार पौधे सूख जाते हैं । इसलिए पौधे की जरूरत के हिसाब से पानी दे।

सीलन ना आने दें

टेरिस गार्डन को सीलन से बचाने के लिए समय समय पर गमलो की जगह में बदलाव करें उनकी निचली सतह पर काही ना जमने दें साथ ही आप गार्डन के ऊपर थर्मोप्लास्टिक का प्रयोग करें।

पौधों के बीच रखे पर्याप्त दूरी

पौधों की ग्रोथ के लिए उनके बीच पर्याप्त दूरी बना कर रखें क्योंकि ज्यादा पास पास गमले रखने से पौधों को हवा सही ढंग से नहीं मिल पाती जिस कारण , हाई ह्यूमिडिटी बनने लगती है, और पौधों में रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...