Moral Stories in hindi : इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आएं हैं सरिता कि टॉप 20 मोरल स्टोरी इन हिंदी. इन कहानियों में परिवार, समाज और रिश्तों से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां हैं जो आपके दिल को छू लेगी और रिश्तों को लेकर एक नया नजरिया और सीख भी देगी. इन hindi moral Story से आप कई अहम बाते भी सीख सकते हैं जो जिंदगी और रिश्तों के लिए आपका नजरिया भी बदल देगी. तो अगर आपको भी है संजीदा कहानियां पढ़ने का शौक तो यहां पढ़िए सरिता की Moral Stories in Hindi.
1. आस पूरी हुई : क्या पूरी हो पाई कजरी की आस
कजरी ने धोती और चप्पल संभाल कर रख दी और बेटे को समझा दिया कि कभी शहर जाएंगे तो पहनेंगे. गांव में बड़े लोगों के सामने सदियों से हम छोटी जाति की औरतें चप्पल पहन कर नहीं निकलीं तो अब क्या निकलेंगी.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
2. लेडी डौक्टर कहां है :समर की मां ने डॉक्टर से क्या कहा?
2.
सुबह से ही मीरा बहुत घबराहट महसूस कर रही थी. शरीर में भी भारीपन था और मन तो खैर… न जाने कब से उस के ऊपर अपराधबोध के बोझ लदे हुए हैं. काम छोड़ कर आराम करने का तो सवाल ही नहीं उठता था. बवाल मच जाएगा घर में. सब की दिनचर्या में अस्तव्यस्तता फैल जाएगी.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
3. माफी या सजा: कौन था विशाखा पर हुए एसिड अटैक के पीछे
विशाखा और सौरभ एकसाथ कालेज में पढ़ते थे. कालेज के अंतिम वर्ष तक आतेआते उन दोनों की मित्रता बहुत गहरी हो गई थी. विशाखा एक संपन्न परिवार की इकलौती बेटी थी. वह नाजों से पलीबढ़ी. उस के उच्चशिक्षण के लिए उस का दाखिला दूसरे शहर के एक अच्छे कालेज में करा दिया गया.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
4. रैड लाइट: सुमि के दिलोदिमाग पर हावी था कौन सा डर
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
5. कविता: अपनी ही पत्नी कि हत्या करने पर क्यों मजबूर हुआ विभाष
विभाष ने पक्का निश्चय कर लिया कि भले ही उसे नौकरी छोड़नी पड़े, लेकिन अब वह दिल्ली में बिलकुल नहीं रहेगा. संयोग अच्छा था कि उसे नौकरी नहीं छोड़नी पड़ी. मैनेजमेंट ने खुद ही उस का लखनऊ स्थित ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
6. मिनी, एडजस्ट करो प्लीज : क्या एडजस्ट करना आसान था मिनी के लिए
6 महीनों से जो गुबार मन में रुका हुआ था वह अचानक फूट पड़ा. मैं तुम्हारे कंधे पर झुक गई. तुम मेरे आसुंओं से भीगते रहे. फिर मैं ने तुम्हें बताया कि नरेश के साथ मैं ने कितने खुशहाल दिन बिताए थे. लेकिन सुख के दिन ज्यादा देर न रहे और एक दिन औफिस से लौटते समय नरेश का ऐक्सिडैंट हो गया.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
7. जाएं तो जाएं कहां: क्या कैदी जेल से बाहर आ पाएं?
चांद मोहम्मद को वह जमाना याद आ गया, जब वह शेरोशायरी किया करता था. प्यारमुहब्बत भरी गजलें लिखा करता था. फिर उस की शादी उसी लड़की से हो गई, जिसे वह बेहद प्यार करता था.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
8. चाय : गायत्री की कौन सी इच्छा अधूरी रह गई थी
रविकांत ने कभी सोचने की कोशिश ही नहीं की कि गायत्री की दिनचर्चा क्या है.? दिनचर्या तो बहुत दूर की बात, उन्हें तो उस का पुराना चेहरा ही याद था, जो उन्होंने विवाह के समय और उस के बाद के कुछ अरसे तक देखा था. सामने अस्पताल के पलंग पर बेहोश पड़ी गायत्री उन्हें एक अनजान औरत लग रही थी.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
9. दर्द आसना : आजर और जोया बचपन में क्यों लड़ा करते थे
आजर कम बोलने वाला सुलझा हुआ लड़का था. जबकि जोया को मां के बेजा लाड़प्यार ने जिद्दी और खुदसर बना दिया था. शायद यही वजह थी कि दोनों साथसाथ खेलतेखेलते झगड़ने लगते थे. जो खिलौना आजर के हाथ में होता, जोया उसे लेने की जिद करती और जब तक आजर उसे दे नहीं देता, वह चुप न होती.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
10. याददाश्त-इंसान को कमजोरी का एहसास कब होता है
घर से जब बाहर निकलता तो कुछ न कुछ लाना भूल जाता था. यह भी समझ में आता था कि कुछ भूल रहा हूं लेकिन क्या? यह पकड़ में नहीं आता था. अब मैं कागज पर लिख कर ले जाने लगा था कि क्याक्या खरीदना है बाजार से. इस बार मैं तैयार हो कर घर से बाहर निकला और बाहर निकलते ही ध्यान आया कि चश्मा तो पहना ही नहीं है.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
11. अनाम रिश्ता : नेहा और अनिरुद्ध के रिश्ते का क्या था हाल
कौफी का मग हाथ में ले कर जैसे ही मैं सोफे पर बैठी, हमेशा की तरह मुझे कुछ पढ़ने की तलब हुई. मेज पर कई पत्रिकाएं रखी हुई थीं. लेकिन मेरा मन तो आज कुछ और ही पढ़ना चाह रहा था. मैं ने यंत्रवत उठ कर अपनी किताबों की अलमारी खोली और वह किताब निकाली जिसे मैं अनगिनत बार पढ़ चुकी हूं.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
12. नया सवेरा : गरिमा और शिशिर के प्यार के बीच में कौन आ रहा था
शिशिर और गरिमा दोनों एकदूसरे को चाहते थे. अभी ज्यादा समय नहीं गुजरा था जब दोनों के मन में प्रेम की कोंपले फूटी थीं. दोनों एक ही कंपनी में कार्यरत थे. शिशिर कंपनी का पुराना एंप्लौय था जबकि गरिमा ने कुछ महीने पहले ही जौइन किया था.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
13. भेलपुरी और सैंडविच : प्यार का सुखद अहसास रोमांस
मैं ने 2 ब्रेड स्लाइस के बीच में आलू की भरावन रखी, पतले गोल प्याज के टुकड़े रखे, एक टमाटर का गोल कटा टुकड़ा रख कर उस पर चाट मसाला छिड़का, ब्रेड के दोनों तरफ खूब मक्खन लगा कर जलते स्टोव पर सैंडविचर में रख कर उलटपुलट कर सेंकने लगा.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
14. एक ही नाव पर सवार : महिमा ने करुणा से क्या छीना था?
वह दिन आज भी उस के मानस पटल पर अंकित है, जब मंथन और 2 बच्चों, अंकित और संचित सहित सुखद संसार था उस का. तब उसे क्या पता था कि सुख के जिन सतरंगी रंगों में वह सराबोर है, वे इतने कच्चे हैं कि काली घटा की एक झड़ी ही उन्हें धो देगी. पर, सच सामने आ ही गया.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
15. चुनौतियां: गुप्ता परिवार से निकलकर उसने अपने सपनों को कैसे पूरा किया?
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
16. असली चेहरा: अवंतिका से क्यों नफरत करने लगी थी उसकी दोस्त
अवंतिका से मिल कर मुझे अच्छा लगता था. उस की बातचीत का ढंग बहुत प्रभावशाली था. उस के पहनावे और साजशृंगार से उस के काफी संपन्न होने का भी एहसास होता था. मैं खुश थी कि एक नई जगह अवंतिका के रूप में मुझे एक अच्छी सहेली मिल गई है.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
17. हादसा : मौली के साथ ऐसा कौन-सा हादसा हुआ था
मौली उर्फ मालविका का परिवार बहुत अमीर न होने पर भी खासा प्रतिष्ठित था. पिता जानेमाने चिकित्सक थे पर पैसा कमाने को उन्होंने अपना ध्येय कभी नहीं बनाया. अपनी संतान में भी उन्होंने वैसे ही संस्कार डालने का यत्न किया था पर मौली रोमी की चकाचौंधपूर्ण जिंदगी से कुछ इस तरह प्रभावित थी कि किसी के समझानेबुझाने का उस पर कोई असर नहीं होता था.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
18. जोड़ने की टूटन : आखिर अपने किस रिश्ते को जोड़ना चाहता था प्रदीप
दोपहर को पीछे के बरामदे में बैठी प्रमिला और उस की सास में बातें हो रही थीं. प्रमिला का पति प्रदीप सेना में अफसर था और 2 साल बाद उसे जम्मू में ऐसी नियुक्ति मिली थी जहां वह परिवार को अपने साथ रख सकता था.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
19. कालगर्ल : आखिर उस लड़की में क्या था कि मैं उसका दीवाना हो गया?
प्रिया ने ढेर सारी बातें बताईं. होटलों की रंगीन रातों के बारे में कुछ बातें तो मैं ने पहले भी सुनी थीं, पर एक जीतेजागते इनसान, जो खुद ऐसी जिंदगी जी रहा है, के मुंह से सुन कर कुछ अजीब सा लग रहा था.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
20. लक्ष्मण रेखा : मिसेज राजीव कैसे बन गईं धैर्य का प्रतिबिंब
कुछ रिश्ते दूर के होते हुए भी या कुछ लोग बिना रिश्ते के भी बहुत पास के, अपने से लगने लगते हैं और कुछ नजदीकी रिश्ते के लोग भी पराए, बेगाने से लगते हैं, सच ही तो है. रिश्तों में क्या धरा है? महत्त्व तो इस बात का है कि अपने व्यक्तित्व द्वारा कौन किस को कितना आकृष्ट करता है.
पूरी मोरल स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.