केंद्र सरकार की एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की कथित आबकारी मामले में गिरफ्तारी से आश्चर्यजनक तरीके से जहां आप पार्टी की लोकप्रियता बढ़ी है वही मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का वायरल चित्र जिसमें वे मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं यह बता रहा है कि सच क्या है. एक निर्भीक और सच्चा व्यक्ति ही ऐसी बिना डर की मुस्कुराहट चेहरे पर बिखेर सकता है.

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है वह अपना पक्ष मीडिया में भी रख सकती है और न्यायालय में भी, मगर जिस तरह भारतीय जनता पार्टी के कुछ चर्चित चेहरे मनीष सिसोदिया पर हमला कर रहे हैं आप पार्टी को भ्रष्टाचार का गढ़ बता रहे हैं उससे यह संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी उसका नेतृत्व राजनीतिक दलों में अगर किसी से सबसे ज्यादा भयभीत है तो वह है अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप. जो धीरे-धीरे आगे बढ़ती जा रही है और अब तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है.

दरअसल, यह अपने आप में हमारे देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक ऐसा घटनाक्रम है जो एक ऐसा रास्ता बताएगा जो हमें सोचने पर मजबूर करेगा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है. सवाल यह है कि क्या देश में अभी देश में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी होती शायद नहीं, आज भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार ऐसा ऐसा काम कर रही है जो कभी नहीं हुआ. लाख टके का सवाल से किया है कि जब आप काम करते हैं तो गलतियां होती हैं कुछ गलतियां जानबूझकर होती जाती है और कुछ अनजाने में हो जाती हैं. सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं.

इस देश ने देखा है बोफोर्स घोटाला का वह मंजर जब पूरे देश के कोने-कोने में गूंज रहा था. मगर क्या हुआ . 2G स्पेक्ट्रम घोटाला कोयला खदान आवंटन का मामला जाने जाने कितने ऐसे मामले भ्रष्टाचार के नाम पर आए और चले गए. हम भ्रष्टाचार की तरफदारी नहीं करते मगर यह भी सच है कि भ्रष्टाचार के नाम पर चाहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हो या प्रवर्तन निदेशालय का गलत इस्तेमाल कतई नहीं होना चाहिए जब तक 100 फीसद सबूत ना हो ऐसे मामलों में सतर्कता बरती जानी चाहिए और देश में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि किसी साफ-सुथरे व्यक्ति पर केंद्र सरकार या फिर उसकी एजेंसियां पावर का गलत इस्तेमाल कर रही हैं नैतिकता और कानून का भय तो होना ही चाहिए.

दरअसल, केंद्रीत जांच ब्यूरो ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक अदालत में पेश किया. अदालत ने पूछताछ के लिए चार मार्च तक के लिए जांच एजंसी की हिरासत में भेज दिया.

विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सीबी आइ और सिसोदिया के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कुछ देर के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने फिर सीबीआइ के तर्कों से सहमति जताई और पांच दिन की हिरासत मजूर कर ली.

जैसा कि हमेशा होता रहा है
सुनवाई के दौरान पहले जांच एजंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की दरकार है.

सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, मगर सीबीआई के अनुसार जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिए थे. वहीं सिसोदिया के वकील ने हिरासत में सौंपने संबंधी जांच एजंसी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि ( तत्कालीन) उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है. यह सारी स्थितियां आशीष के सामने हैं ऐसे में यही कहा जा सकता है कि सीबीआई ने जिस तरह जल्दी बाजी में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की है आने वाले समय में देश को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलेंगी जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है.
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विपक्षी नेता एक हो रहे
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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद कुछ हो ना हो देश के विपक्ष के कई नेता मनीष सिसोदिया के पक्ष में आ गए हैं और उन्होंने खुलकर बयान दिया है कि कहीं ना कहीं कुछ तो लोचा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी ने विपक्षी छोटी-छोटी पार्टियों को एक होने का मौका दे दिया है जो स्वयं उनकी सेहत के लिए नुकसान कारी सिद्ध होगा.

बीआरएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएम के चंद्रशेखर राव ने ट्वीट कर कहा – हम सीबीआइ द्वारा सिसोदया की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं. यह अडानी मोदी गठजोड़ से लोगों का ध्यान हटाने के अलावा और कुछ नहीं है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा – मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी निंदनीय है. मोदी सरकार की परियोजना विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने, चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने और लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को हथियार बना रही है.

उद्धव सेना के सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि जैसे भाजपा विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर रही है. मुझे डर है कि भविष्य में भाजपा के नेताओं का क्या होगा, जब वे सत्ता से बाहर होंगे ? क्या होगा यदि उन्हें समान रूप से सताया या गिरफ्तार किया जाएगा? उनकी मदद को कौन आएगा ?

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सिसोदिया की गिरफ्तारी निराशाजनक है. यह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों की आवाजों पर हमला करने और उन्हें दबाने का एक और बेशर्म प्रयास है.

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