होली के मौके पर आपके लिए लेकर आये है सरिता की Top 5 Holi Special Story हिंदी में. इस खास मौके पर पढ़िए सरिता की दिलचस्प कहानियां. जिसे पढ़कर आपको नयी सीख मिलेगी. तो अगर आप भी अपनी होली को शानदार बनाना चाहते हैं तो पढ़िए सरिता की Top 5 Holi Special Story.

  1. Holi Special: कड़वा फल- भाग 1

मम्मीपापा के बीच तनातनी का माहौल मैं ने सिर्फ ऐसे ही दिनों में देखा. अधिकतर तो वे हम भाईबहन के सामने झगड़ने से बचते, पर फिर भी एकदूसरे पर फुजूलखर्ची का आरोप लगा कर आपस में कड़वे, तीखे शब्दों का प्रयोग करते मैं ने कई बार उन्हें देखासुना था.

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2. Holi Special: जो बोया सो काटा

उम्र अधिक हो जाने से शरीर कमजोर हो गया था. निरंजन के लिए अब बाहर के छोटेछोटे काम निबटाना भी भारी पड़ रहा था. कार चलाने में दिक्कत होती थी. मनीषा वैसे तो घर का काम कर लेती थीं लेकिन अकेले ही पूरी जिम्मेदारी संभालना मुश्किल हो जाता था. नौकरचाकरों का कोई भरोसा नहीं, काम वाली थी, कभी आई कभी नहीं.

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3.Holi Special: कबाड़- क्या यादों को कभी भुलाया जा सकता है?

संयुक्त परिवार में बहू बन कर आई कंचन, दिनभर सास, चाची सास, दादी सास, न जाने कितनी सारी सासों से घिरी रहती थी. उन से अगर फुरसत मिलती तो छोटे ननददेवर अपना हक जमाते. अविनाश बेचारा अपनी पत्नी का इंतजार करतेकरते थक जाता. जब कंचन कमरे में लौटती तो बुरी तरह से थक चुकी होती थी. नौजवान अविनाश पत्नी का साथ पाने के लिए तड़पता रह जाता.

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4. Holi Special: बोनसाई- सुमित्रा अपनी बात को रखते हुए क्या कहीं थी?

 

समय तो बारिश का पानी है जबकि परिश्रम कुएं का जल. बारिश में नहाना आसान तो है लेकिन रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे नहीं रह सकते, वहीं, समय से कभीकभी चीजें मिल जाती हैं किंतु हमेशा उस समय का इंतजार तो नहीं कर सकते; सुमित्रा ने अपना मत जाहिर कर दिया था.

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5. Holi Special: होली के रंग- उस दिन सुजाता ने क्या किया?

नितिन और सुनीति सेवेरे से उत्साहित थे. सुजाता जानती थी कि उस की भाभी को उन दोनों बच्चों का यों खेलनाकूदना रास नहीं आता है. फिर भी वह बच्चों को मना नहीं कर पाई. जब बच्चे होली के रंग से सराबोर हो कर घर लौटे तो सब से पहले दौड़ कर अपनी मां सुजाता से लिपट गए. सुजाता के कपड़े भी उन के शरीर पर लगे रंगों से रंग गए.

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