अब किसी को घबराने या चीन से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने एक पौराणिक आइडिया, एक खास मंत्र का जाप दिया है जिसे अगर सभी देश वासी नियमित पढ़ें तो चीन नाम की आसुरी शक्ति से निबटा जा सकता है. इंद्रेश कुमार की मानें तो यह मंत्र सभी को घरों मे पूजा अर्चना करते वक्त जपना है. मुसलमान इस मंत्र को नमाज के पहले या साथ पढ़ सकते हैं.
जाहिर है इससे शंकर और अल्लाह दोनों की ताकत इकट्ठा होकर नास्तिक चीन को सबक सिखा देगी कि विज्ञान–फिज्ञान, अस्त्र-शस्त्र और सैन्य शक्ति सब मिथ्या है, कारगर है तो वह दैवीय चमत्कारिक शक्ति जो हिमालय तरफ कहीं है तो, पर बढ़ रहे पापों के चलते प्रकट होने में हिचकती है. अगर वह सामने आ गई तो उसके प्रति भक्तों की जिज्ञासा और आस्था खत्म हो जाएंगे और पंडों की दुकानदारी खत्म हो जाएगी चूंकि वह न होकर भी बनाए रखी जानी है इसलिए यह नया मूर्खतापूर्ण अंधविश्वास परोस दिया गया है जिससे धर्म और चमत्कारों की डूबती दुकानों को मंदी से उबरने में सहूलियत रहे.
भारत तंत्रिकों मांत्रिकों का देश है जहां सांप के काटे जाने पर लोग अस्पताल नहीं बल्कि झाड़ फूंक कराने गुनिया या ओझा के पास जाते हैं और जब पीड़ित मर जाता है तो अस्पताल जाकर हल्ला मचाने लगते हैं कि डॉक्टरों की लापरवाही से हमारे सगे बाले की मौत हो गई. हमारे महान देश में टेंडर हासिल करने ठेकेदार तांत्रिक को चढ़ावा चढ़ाते हैं, हमारे नेता चुनाव जीतने वोट मांगने जाने से पहले किसी प्रसिद्ध मंदिर मे जाकर तांत्रिक अनुष्ठान कराते हैं, तंत्र मंत्र की महिमा धर्म की तरह अपरमपार है.
हालत तो इतनी दयनीय है कि तंत्रिकों के इश्तिहार चैनल्स और अखबारों की कमाई का बड़ा जरिया हो गए हैं इन विज्ञापनो में ग्यारंटी से कहा जाता है कि तंत्र मंत्र से मनचाहा प्यार मिलता है, रूठा और नाराज जीवन साथी मान जाता है, छात्र बिना पढ़े इम्तिहान पास कर सकते हैं, आप चाहें तो किसी को भी वश में कर सकते हैं और तो और दुश्मन भी आपके पावों में लोट लगाने लगता है. छोटे मोटे मंत्र से अगर वह न माने तो इन सिद्ध पुरुषों के पास एक अदभुद सिद्धि या विद्या उन्हें जान से मारने की भी होती है जिसकी फीस भी तगड़ी होती है इसे मूठ मारनी विद्या कहा जाता है.
यकीन से परे इन ठगों का बाजार और पहुंच दोनों चाइनीज उत्पादों से बहुत ज्यादा हैं जिनके बहिष्कार की बात कानून होते हुए भी करना एक संगीन गुनाह है. इंद्रेश कुमार बेहतर होता बजाय देशवासियों का आव्हान करने के इन सिद्ध पुरुषों का सहारा लेते जो छोटी से छोटी लाज से लेकर अपनी हैसियत के मुताबिक पांच सितारा होटलों तक में पाये जाते हैं. जब इन्हें लाख दो लाख की दक्षिणा देकर चीन को भस्म किया जा सकता है तो सरकार बेवजह अरबों रुपए सीमा सुरक्षा पर खर्च करने की बेवकूफी कर रही है और देश वासी दहशत में हैं सो अलग. लेकिन आरएसएस का मकसद अब चीन के बहाने लोगों में अंधविश्वास फैलाने का है जिससे लोग घरों में पूजा पाठ तो करें ही साथ ही लुप्त हो रही मंत्र शक्ति के नाम पर भी लुटने तैयार हो जाएं.
त्रेता में राम और द्वापर में अर्जुन जब वाण चलाते थें तो मंत्र जरूर पढ़ते थें रामायण और महाभारत में बड़े विस्तार से बताया गया है कि कैसे अभिमंत्रित अस्त्र शस्त्र सीधे दुश्मन के सीने में जाकर लगते थे और वह यमलोक पहुंच जाता था. ये मंत्र मिसाइल दागने वाले हमारे सैनिकों को भी सिखाये जाने चाहिए जिससे चीन को एहसास हो कि भारत किस दम पर विश्व गुरु बनने की बात कर रहा है. एक निहायत ही मूर्खतापूर्ण, अवैज्ञानिक और अव्यवहारिक बात आरएसएस की तरफ से की जाना दर्शाता है कि देश को खतरा चीन या पाकिस्तान से कम इन ढकोसलों से ज्यादा है जो लोगों को दिमागी तौर पर गुलाम आर अपाहिज बनाए रखने का सनातनी टोटका है.
अगर मंत्र शक्ति कहीं है तो उसका इस्तेमाल उपज बढ़ाने और बेरोजगारी दूर करने में क्यों नहीं किया जाता ऐसी और भी कई समस्याएं और जरूरतें हैं जिन्हें तुरंत इस शक्ति की जरूरत है. अफसोस तो इस बात का है कि अगर ऐसा कुछ होता तो हर हर महादेव का और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते सैकड़ों अमरनाथ यात्री बस हादसों और आतंकियों की गोलियों का शिकार होकर मरते नहीं. फिर भी इंद्रेश कुमार निर्देश दे रहे हैं तो उनका दिया यह मंत्र सभी जरूर पढ़ें जिससे चीन को समझ आए कि भारत क्यों उससे पिछड़ा है.
यह नव निर्मित मंत्र बहुत आसान है– हे ऊपर वाले (अपने धर्म और इष्ट के अनुसार स्मरण करें यानि बुदबुदाएं) कैलाश, हिमालय और तिब्बत चीन की आसुरी शक्ति से मुक्त हों. अब अगर आप देश की रक्षा के लिए ये 13 अक्षर भी नहीं पढ़ सकते तो देश द्रोही नहीं तो क्या हैं यह आप खुद तय कर लें.