राहुल गांधी की ऐतिहासिक लंबी पदयात्रा की घोषणा के साथ ही भाजपा के मानो होश फाख्ता हो गए हैं. अब वह वह किसी चंचला नारी की तरह कांग्रेस और राहुल गांधी पर बात-बात पर आक्षेप लगा रही है. वहीं कांग्रेस ने बारंबार अपने व्यवहार में एक गंभीरता को परिलक्षित दिखाया है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई वरिष्ठ नेताओं के साथ ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की विधिवत शुरुआत कर दी है. पार्टी इस यात्रा को देशव्यापी व्यापक जनसंपर्क अभियान बता रही है तथा इससे संगठन को संजीवनी मिलने की उम्मीद है. राहुल गांधी ने पदयात्रा का आगाज ‘विवेकानंद पॉलिटेक्निक’ से 118 अन्य ‘भारत यात्रियों ” और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत किया. कांग्रेस पार्टी ने राहुल समेत 119 नेताओं को ‘भारत यात्री’ नाम दिया है, जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक की लंबी पदयात्रा करेंगे. यह लोग कुल 3570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधिवत कन्याकुमारी से अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की औपचारिक शुरुआत की और इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लिखित संदेश के माध्यम से कहा – यह यात्रा भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है तथा यह कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी.
इस तरह कहा जा सकता है कि राहुल गांधी की यह पदयात्रा कई अर्थों में गंभीर संदेश देश को देने लगी है. पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पिता राजीव गांधी को श्रीपेरंबदूर में श्रद्धांजलि देने के बाद यह पदयात्रा आरंभ हुई है जो देखते ही देखते भाजपा के लिए मानो सर दर्द बन गई है और कांग्रेस अब आगे निकलती दिखाई दे रही है.
भाजपा के आरोप
राहुल गांधी की पदयात्रा प्रारंभ होने से पहले से ही भारतीय जनता पार्टी की घबराहट दिखाई देने लगी थी और उसके नेता पदयात्रा पर उंगली उठाने लगे थे. जैसे-जैसे पदयात्रा का समय आता गया भाजपा और भी आक्रमक होती चली गई.
पदयात्रा प्रारंभ होने के साथ भाजपा के नेताओं की जैसे की आदत है उन्होंने हर संभव तरीके से राहुल गांधी कि इस ऐतिहासिक पदयात्रा को प्रारंभ में ही मानसिक रूप से ध्वस्त और कमजोर करने का भरसक प्रयास किया. देश में यह संदेश फैलाने का, अपने गोदी मीडिया के माध्यम से प्रयास किया कि यह सब तो सिर्फ और सिर्फ बेकार की कवायद है .
भाजपा के किसी नेता ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का क्या मतलब है- भाई! भरत तो पहले से ही जुड़ा हुआ है. इस तरह इस अभियान पर प्रश्न चिन्ह लगाने का भरपूर प्रयास किया गया.
मगर आश्चर्यजनक रूप से भाजपा का यह आमोध ब्रह्मास्त्र फेल हो गया. क्योंकि देश की जनता राहुल गांधी को बड़ी गंभीरता से देख रही है और भारत जोड़ो यात्रा को सकारात्मक भाव से ले रही थी.
भाजपा का जब भारत जोड़ो पर प्रश्न चिन्ह का तीर नहीं चला तो भाजपा ने दूसरा तीर चलाया और कहा कि राहुल गांधी तो 42000 की टीशर्ट पहन कर के पदयात्रा पर निकले हैं.
भाजपा का यह तीर भी भोथरा सिद्ध हुआ देश की जनता ने उसे गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि आरोप लगाने वाले स्वयं भाजपा के चाहे वह प्रधानमंत्री हो अथवा गृह मंत्री या अन्य नेता स्वयं लाखों रुपए के बेशकीमती वस्त्र धारण करते हैं. इनकी फिजूलखर्ची सारा देश देख रहा है इनके स्वभाव में कहीं भी किफायतदारी नहीं है. ऐसे में यह तीर अर्थात उपदेश-” पर उपदेश कुशल बहुतेरे” कहावत बनकर रह गया.
भाजपा इस तरह अनेक तरह से राहुल गांधी पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप के तीर चला रही है. मगर यह सारे बाण, रामलीला की नौटंकी की तरह राहुल गांधी के आस पास से निकलते जा रहे हैं और राहुल गांधी मुस्कुराते हुए पदयात्रा करते अपना संदेश देश को देते चले जा रहे हैं.
राहुल गांधी की इस पदयात्रा से अब जहां भाजपा हतप्रभ है वही विपक्ष के अन्य बड़े नेताओं का भी होश काम नहीं कर रहा है. चाहे वे नीतीश कुमार हों या फिर ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के दावेदार सभी के मुंह में ताला लग गया है. अन्यथा होना यह चाहिए कि विपक्ष की एकता की बात करने वाले यह नेता खुलकर राहुल गांधी की पदयात्रा को समर्थन करते. अभी तलक सिर्फ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी की पदयात्रा के पक्ष में अपना वक्तव्य दिया है, बाकी सारे नेता खामोश है उनकी खामोशी अपने आप में एक प्रश्न है.