प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी क्या एक नया इतिहास रच रहे हैं - अगर उनके सवा 8 वर्षों के कार्यकाल पर दृष्टि फेरें तो देखते हैं कि देश को नए संसद भवन के अलावा उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालतम प्रतिमा की स्थापना करवा यह संकेत दिया है. अब सेंट्रल विस्टा और राजपथ से कर्तव्य पथ उसके दो अन्य आयाम हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की बहुप्रतीक्षित सेंट्रल विस्टा 8 अगस्त को देश को समर्पित किया गया है . दरअसल, नरेंद्र मोदी के संपूर्ण कार्य व्यवहार और मानसिकता को देखते हुए कहा जा सकता है - नरेंद्र मोदी भारत जैसे लगभग 130 करोड़ की विशाल जनसंख्या जैसे विकासशील देश के प्रधानमंत्री नहीं, मानो एक मुगल शहंशाह जैसे हैं.

इतिहास में मुगल बादशाह और शहंशाह भी देश की जनता के दुख त्रासदी से परे कभी लाल किला बनवाया करते तो कभी ताजमहल, और कभी कोई मुगल बाग बगीचा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से क्षमा याचना के साथ, इस आलेख में यह कहना चाहता हूं कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री महोदय, आपका मिजाज भी मुगल शहंशाह शाहजहां जैसा है जो जनता की समस्याओं और भूख की लड़ाई के बीच रास्ते पर छोड़ कर के अपनी खुशी और महत्वाकांक्षा के लिए ताजमहल बनवाने में लगे रहे. आप के कार्यकाल को भी अगर हम देखें तो पाते हैं कि आपने जब से सत्ता संभाली है जनता के दुख की अपेक्षा कुछ ऐसा निर्माण करते रहते हैं जिससे आने वाले समय में लोग आपको याद रखें कि माननीय नरेंद्र मोदी ने देखो यह बनवाया था, आप अमर हो जाना चाहते हैं. आपकी सिर्फ एक यही इच्छा है कि लोग आपको कभी न भूलें. यही कारण है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय मूर्ति से लेकर अपने नाम पर आपने स्टेडियम भी बनवा लिया है और नियम कायदे से परे देश के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उद्घाटन भी करवाया है. आप नित्य राजाओं, बादशाहों जैसे नए निर्माण कराने और सैर सपाटे में अभिरुचि रखते हैं और चाहते हैं कि कुछ ऐसी चीजें बन जाए कि आने वाली पुश्ते आपको कभी भुला ना सकें.

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