देश दुनिया के चुनिंदा सफल फिल्मी दुनिया के सितारे और सेलिब्रिटी जब कानून को अपने हाथ में लेते हैं तो वह भी आम आदमी की तरह कानून के शिकंजे में होते हैं और जेल भी जाते हैं. ऐसे ही कितने उदाहरण हैं जिनमें एक बड़ा चेहरा संजय दत्त का है. वर्तमान में क्रिकेटर और टीवी की दुनिया के चर्चित नाम नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सजा जेल में काट रहे हैं.
बहुचर्चित नेता और अभिनेता सांसद बने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी बने मगर जब मर्यादा और कानून को अपने हाथ में लिया तो आज उनके सर पर कानून की कटार लहरा रही है.
सांसद रहे फिल्म अभिनेता और कांग्रेस के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने बालीवुड के चेहरे राज बब्बर को 1996 के चुनाव में एक मतदान अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई तो मामला सुर्खियों में आ गया कुछ लोग ये मानते हैं कि बड़े सेलिब्रिटी लोग भी कानून के दायरे में है यह हमारे देश की लोकतंत्र की खूबसूरती है वही यह भी मानने वाले लोग हैं कि ऐसे लोगों को कई दफे जबरदस्ती झूठे आरोप लगाकर के फंसाने का षड्यंत्र होता है.
राज बब्बर की राजनीति की बात करें तो फिल्मों में एक ऊंचाई हासिल करने के बाद जब उन्होंने राजनीति में भाग्य आजमाया तो कांग्रेस ने पूरा मौका दिया प्रदेश अध्यक्ष बन करके पार्टी का नेतृत्व किया मगर राजनीति में कोई जलवा नहीं दिखा पाए .
कानून और संविधान सर्वोपरि
अभिनेता और कभी राजनीति में भाग्य आजमाने वाले राज बब्बर के संदर्भ में हम आपको बताते चलें कि लखनऊ की अदालत के विशेष अपर मुख्य नायिक दंडाधिकारी अंबरीष कुमार श्रीवास्तव ने राज बब्बर को दो वर्ष कारावास और 6500 रुपए जुर्माने की में नियुक्त मतदान अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव के जा सुनाई. मामले में राज बब्बर के साथ आरोपी अरविंद सिंह यादव की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद विवेचना की गई थी.बाद में, अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का अवसर प्रदान करते हुए राज बब्बर को हुए 23 सितंबर, 1996 को अदालत में आरोपपत्र अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था. मतदान अधिकारी कृष्ण सिंह राणा ने दो मई 1996 को वजीरगंज थाने आरोपियों को तलब किया. सात मार्च 2020 को राज राज बब्बर व अरविंद सिंह यादव के अलावा अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई . उन्होंने शिकायत की थी कि मतदान केंद्र संख्या 192/103 के श्रीवास्तव, चंद्र दास साहू के अलावा डा एमएस कालरा थे संख्या 192 पर जब मतदाताओं का आना बंद हो गया तब भोजन करने जा रहे थे कि राज बब्बर पहुंच गए और फिल्मी स्टाइल में हंगामा मारपीट शुरू कर दी.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन लोकसभा उम्मीदवार राज बब्बर अपने साथियों को लेकर मतदान केंद्र में आए व फर्जी मतदान का झूठा आरोप लगाने लगे. आरोप है कि राज बब्बर व उनके साथियों ने वादी व शिव कुमार सिंह को मारा पीटा। इसी बीच मतदान केंद्र के बूथ संख्या 191 अलावा वीके शुक्ला व पुलिस वालों ने उन्हें बचाया. आखिरकार आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर अदालत ने बब्बर के खिलाफ आरोप तय किए गए अभियोजन ने वादी श्रीकृष्ण सिंह राणा, शिव कुमार सिंह, सजा सुनाये जाने के वक्त राज बब्बर अदालत में मौजूद थे.
हमारे देश की कानून व्यवस्था ऐसी है कि उसकी निगाह में सब बराबर है और कानून को अपने हाथ में लेने वाले चाहे कितनी बड़ी शक्ति रखते हों, बच नहीं सकते. इसके जाने कितने उदाहरण हमारे आसपास हैं जो हमें बताते हैं कि देश का संविधान और कानून सर्वोपरि है.