सौजन्य: मनोहर कहानियां
13 फरवरी, 2022 को शिल्पा शर्मा बहुत ही खुश थी. उस ने कई दिन पहले से ही शादी में जाने की तैयारी कर रखी थी. जैसेजैसे 16 तारीख नजदीक आ रही थी, उस की खुशी बढ़ती जा रही थी. कारण था कि उसे बहुत दिनों बाद काशीपुर जाने का मौका मिल रहा था. काशीपुर में उस के पति अशोक पंडित के ममेरे भाई मनोज शर्मा की शादी थी.
इस से पहले वह काफी दिनों तक काशीपुर में रही थी. इसी कारण उस का वहां जाने का मन था. 14 फरवरी को सुबह ही अशोक ने शिल्पा से कहा, ‘‘शिल्पा, तुम जल्दी से घर का काम निपटाने के बाद तैयार हो जाना. हमें काशीपुर के लिए जल्दी निकलना है. मामाजी ने हमें किसी काम के लिए जल्दी ही बुलाया है.’’
जो शिल्पा कई दिनों से काशीपुर जाने के लिए बेताब थी, पति की बात सुनते ही अचानक उस का चेहरा लटक गया. शिल्पा का लटका चेहरा देखते ही अशोक ने उस से सवाल किया, ‘‘क्या हुआ, काशीपुर जाने के नाम पर तुम्हारा चेहरा क्यों लटक गया?’’
अशोक का प्रश्न सुनते ही वह बौखला सी गई. उस की समझ में कुछ नहीं आया कि वह उस के सवाल का क्या जबाव दे. फिर उस ने पलभर में ही एक बहाना बनाया, ‘‘देखो जी, बात यह है कि रात में अचानक मेरी तबियत खराब हो गई. जिस के चलते मैं आज तो किसी भी हालत में नहीं जा सकती. शादी का घर है, वहां पर कई मेहमान होते हैं ऐसे में मैं कैसे अपनी केयर कर पाऊंगी.’’
अशोक को शिल्पा की बात समझने में तनिक भी देर नहीं लगी. वह समझ गया कि मासिक धर्म के चलते महिला को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है. शिल्पा की परेशानी को देख कर अशोक समय से तैयार हुआ और उसे घर पर छोड़ कर मम्मीपापा के साथ काशीपुर के लिए निकल गया.
अशोक के घर से निकलते ही शिल्पा ने ऐसे राहत की सांस ली जैसे उस के सिर का बोझ कम को गया हो. वह अपने बाकी कामों को निपटाने में लग गई.
अगले दिन दोपहर बाद अपने भाई विशाल को साथ ले कर वह काशीपुर पहुंच गई थी. काशीपुर पहुंचने के बाद शिल्पा बहुत खुश थी. वहां पर काफी मेहमान आए हुए थे. शादी का घर होने के कारण उस का वह दिन कैसे बीता, उसे कुछ पता ही नहीं चला.
अगले दिन यानी 16 फरवरी, 2022 की दोपहर के बाद बारात जाने की तैयारी होने लगी थी. शिल्पा भी पूरी तरह से तैयार हुई और तैयार होने के बाद ही उस ने अपनी कई ऐंगल से सेल्फी ली. फिर उन में से कुछ चुनिंदा फोटो सेलेक्ट कर के अनामिका नामक सहेली के नंबर पर सेंड कर दीं.
फिर एक मैसेज भी लिख दिया, ‘‘हाय अनामिका, कैसी लग रही हूं मैं?’’
फिर उसे सहेली की तरफ से पल भर में उत्तर भी मिल गया, ‘‘यार तू है ही इतनी सुंदर. एकदम चकाचक चक लग रही है.’’
इस से पहले वह आगे कुछ और चैटिंग कर पाती, बारात जाने की तैयारी पूरी हो चुकी थी. मनोज दूल्हा बन कर एक फूलों से सजी कार में सवार हुआ. वहीं मनोज के पापा बुद्धन अपनी अलग कार में सवार हुए थे. उसी कार में अशोक पंडित अपने फूफा के साथ किच्छा जाने के लिए सवार हुआ था.
बारात काशीपुर से निकल कर समय से ऊधमसिंह नगर के कस्बा किच्छा में स्थित महाराजा अग्रसेन मैरिज हाल पहुंच गई थी. सभी बारातियों ने मंडप में पहुंचते ही नाश्तापानी भी कर लिया था. नाश्ता होते ही बारात चढ़नी शुरू हुई.
अचानक लापता हो गया अशोक पंडित
बारात चढ़ने से पहले ही अशोक पंडित ने अपने कुछ साथियों के साथ शराब पी ली थी. ताकि वह बारात में जम कर डांस कर सके. उसी दौरान रात के कोई साढ़े 10 बजे एक युवक ने अशोक पंडित को इशारा किया. उस के इशारा करते ही अशोक पंडित बारात छोड़ कर उस के साथ चला गया.
वह युवक अशोक पंडित को अपनी बाइक पर बैठा कर ले गया था. वह युवक कौन था उसे कोई नहीं जानता था.
बारात चढ़नी आरंभ हुई, लेकिन उस का कहीं भी अतापता नहीं था. तभी उस के छोटे भाई सुनील ने उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं भी दिखाई नहीं दिया.
सुनील ने यह बात अपने फूफा बुद्धन सिंह के सामने भी रखी. लेकिन बुद्धन सिंह पर पूरी बारात संभालने की जिम्मेदारी थी. इसी कारण वह बारात छोड़ कर कहीं जाने की स्थिति में नहीं थे.
बारात चढ़ने के बाद शादी की बाकी रस्में भी पूरी हो गईं, लेकिन अशोक नहीं दिखाई दिया. तब घर वालों ने सोचा कि शायद वह शराब के नशे में होने के कारण काशीपुर चला गया होगा. बृहस्पतिवार की सुबह बारात किच्छा से विदा हो कर काशीपुर भी पहुंच गई.
काशीपुर जाने के बाद पता चला कि अशोक पंडित रात घर भी नहीं पहुंचा था. इस जानकारी के मिलने पर घरपरिवार वाले चिंतित हो गए. परिवार वालों के साथसाथ शादी में आए हुए मेहमान अशोक को ले कर परेशान हो उठे.
आखिर अशोक रात से अचानक कहां गायब हो गया था. पति के अचानक गायब होने वाली बात से शिल्पा शर्मा तो पूरी तरह से टूट गई थी. उस का रोरो कर बुरा हाल था. शादी में आए सभी लोग उसे समझाने में लगे थे कि तू परेशान क्यों होती है, अशोक अपने किसी दोस्त के साथ चला गया होगा. वह घर वापस आ जाएगा. लेकिन शिल्पा किसी की बात मानने को तैयार न थी.
उसी दिन सुबह के कोई 8 बजे थाना पुलभट्टा के थानाप्रभारी राजेश पांडेय को सूचना मिली कि बरा के नजदीक सड़क किनारे खून से लथपथ एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है.
सूचना पाते ही थानाप्रभारी राजेश पांडेय और सीओ ओमप्रकाश शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे. शव बरा से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर खटीमा हाईवे के किनारे पड़ा हुआ था.
चाकू से गोदी हुई मिली लाश
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचते ही आसपास की जांचपड़ताल की. हत्यारों ने मृतक के सिर, गले और पेट पर चाकू से कई बार किए थे. मृतक की लाश पूरी तरह से खून से लथपथ थी.
लेकिन घटनास्थल पर कहीं भी खून पड़े होने के कोई निशान नहीं दिखाई दे रहे थे, जिस से साफ जाहिर था कि युवक की किसी अन्य जगह पर हत्या कर उसे यहां पर ला कर डाला गया है.
लाश के पास से ही एक बैग मिला था, जिस में कुछ कपड़े और शराब की 3 बोतलें भी रखी हुई थीं. मृतक के पास से कोई मोबाइल भी नहीं मिला था.
पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से उस की शिनाख्त करानी चाही तो सभी ने उसे पहचानने से साफ मना कर दिया. मृतक की शिनाख्त न होने के कारण पुलिस ने उस की लाश मोर्चरी में रखवा दी.
थाना पुलभट्टा क्षेत्र में एक लाश मिलने की बात धीरेधीरे क्षेत्र में फैल गई थी. यही बात किच्छा में पहुंची तो मनोज के ससुराल वाले लाश को देखने के लिए पहुंचे. मनोज के ससुराल के लोग अशोक को भलीभांति जानते थे. मोर्चरी में रखी लाश को उन्होंने देखते ही पहचान लिया था. वह अशोक पंडित की ही लाश थी.
मनोज के ससुरालियों ने यह खबर तुरंत ही बुद्धन सिंह को मोबाइल पर दी. अशोक पंडित की लाश मिलने की खबर सुनते ही बुद्धन सिंह के घर में मातम छा गया. घर में शादी की खुशियां गम में तब्दील हो चुकी थीं. यह खबर सुनते ही शिल्पा बेहोश हो गई.
घर में मौजूद औरतों ने जैसेतैसे उस के चेहरे पर पानी के छींटे मार कर उसे होश में लाने की कोशिश की. लेकिन शिल्पा का बुरा हाल था. उस ने रोरो कर सारा घर सिर पर उठा रखा था. उस की हालत देख कर घर में आए तमाम मेहमानों के आंसू भी नहीं रुक पा रहे थे.
अशोक की हत्या की बात सुनते ही उस के पिता कृष्ण पंडित अपने रिश्तेदारों को साथ ले कर थाना पुलभट्टा थाने पहुंचे. पुलिस ने मोर्चरी में रखी लाश उन्हें दिखाई तो वह फफकफफक रोने लगे.
उन्होंने लाश की शिनाख्त अपने बेटे अशोक पंडित के रूप में कर ली. पुलिस ने आवश्यक जानकारी लेने के बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.
17 फरवरी, 2022 को इस मामले में सुमित कुमार की तरफ से अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया.
मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने इस मामले की तहकीकात शुरू कर दी. यह मामला 3 अलगअलग जगहों से जुड़ा हुआ था. मृतक अशोक पंडित उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी कृष्ण पंडित का बेटा था.
वह काशीपुर, उत्तराखंड के गांव हेमपुर इसमाइल में अपने फुफेरे भाई मनोज शर्मा की शादी में शामिल होने आया हुआ था. उसी शादी के दौरान किच्छा में उस की किसी ने हत्या कर दी थी.
पुलिस की 4 टीमें जुट गईं जांच में
पुलिस ने सब से पहले काशीपुर जा कर अशोक के बारे में उस के घर वालों से पूछताछ की. पुलिस पूछताछ के दौरान मृतक के साले विशाल शर्मा ने बताया कि बारात चढ़त के दौरान उस ने अपने जीजा को आखिरी बार किसी अज्ञात व्यक्ति की मोटरसाइकिल पर बैठ कर जाते देखा था. उस के बाद से अशोक गायब ही हो गया था.
जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने महाराजा अग्रसेन मैरिज पैलेस के निकट इंट्रार्च फैक्ट्री के आसपास लगे सीसीटी कैमरों की फुटेज देखी तो बाइक चलाने वाले युवक का चेहरा साफ नहीं दिखाई दिया.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ममता बोरा ने इस केस को खोलने के लिए एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट के नेतृत्व में 4 अलगअलग टीमों का गठन किया.
एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट को इस केस की जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने सब से पहले मृतक की पत्नी शिल्पा से पूछताछ की. पूछताछ में शिल्पा ने बताया कि वह तो पति के काशीपुर आने के एक दिन बाद ही काशीपुर पहुंची थी.
काशीपुर आने के बाद भी उस के पति शादी की तैयारी में ज्यादा व्यस्त थे, जिस के कारण उन दोनों की यहां पर आने के बाद ज्यादा बात भी नहीं हो पाई थी.
16 फरवरी को वो शादी में चले गए. उस के बाद उन के साथ किया हुआ,उसे कुछ नहीं मालूम.
पुलिस पूछताछ के दौरान मृतक अशोक के साले विशाल ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि जिस वक्त घुड़चढ़ी का प्रोग्राम हो रहा था, उसी वक्त उस की निगाह अशोक पर पड़ी थी. उस वक्त अशोक किसी की बाइक पर बैठ रहा था.
विशाल ने अशोक को इशारा कर के पूछा कि जीजा कहां जा रहे हो. तब अशोक ने कहा था कि वह थोड़ी देर में लौट आएगा. फिर रात के 11 बजे अशोक ने फोन कर के विशाल को बताया कि आप लोग खाना खा लेना, मुझे आने में कुछ देर लगेगी. इस के बाद से ही अशोक का मोबाइल बंद हो गया था.
विशाल के द्वारा दी गई जानकारी से यह बात तो साफ हो गई थी कि हत्यारा जरूर उस का परिचित ही रहा होगा. उस के बाद एसओजी टीम घटनास्थल से ले कर बारात घर से अग्रसेन भवन तक के सीसीटीवी कैमरे खंगालने में जुट गई.
शिल्पा के मोबाइल में मिला संदिग्ध नंबर
अशोक की हत्या क्रूरतम ढंग से की गई थी, जिस से साफ था कि हत्यारों से उस की गहरी रंजिश रही होगी.
पुलिस जानती थी कि अगर ऐसा होगा तो उस की बीवी को ज्यादा जानकारी होगी. इसी कारण पुलिस ने उस की पत्नी से हर ऐंगल को देखते हुए घंटों पूछताछ की. साथ ही शिल्पा के मोबाइल को भी चैक किया.
पुलिस ने उस की सभी फोन कालों का बारीकी से निरीक्षण किया. उसी चैकिंग के दौरान एसओजी टीम को उस के मोबाइल में एक संदिग्ध नंबर नजर आया. वह नंबर जीनत खान के नाम से सेव था.
उस नंबर पर शिल्पा की सब से ज्यादा और लंबी बातें होती थीं. उसी नंबर के वाट्सऐप पर शिल्पा ने काफी चैटिंग भी की थी. साथ ही उसी नंबर पर मनोज की शादी के कार्ड की कौपी भी उस ने सेंड की थी.
जीनत खान के बारे में एसओजी टीम ने उस से जानकारी मांगी तो उस ने बताया कि वह उस की पुरानी सहेली है, जो उस से हर रोज बात करती रहती है.
एसओजी टीम ने जब उस से उस का पता पूछा तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाई. जिस के कारण शिल्पा पुलिस की निगाहों में चढ़ गई. एसओजी टीम को लगने लगा था कि वह सफलता की सीढ़ी पर पांव रख चुकी है.
पुलिस के सामने शिल्पा का चेहरा उतर गया. उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ती देख उस से कड़ाई से पूछताछ की तो वह पुलिस के सामने ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी. वह जल्दी ही टूट गई और उस ने स्वीकार किया कि उस ने अपने प्रेमी अमित अग्निहोत्री व उस के दोस्त अंकित तिवारी से पति की हत्या कराई है.
उस ने पुलिस को बताया कि उस का अमित के साथ पिछले 3 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इस जानकारी के मिलते ही एसओजी टीम अभियुक्तों के पीछे पड़ गई.
19 फरवरी, 2022 को एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने पुलभट्टा बौर्डर के पास से दोनों अभियुक्तों अमित अग्निहोत्री व अंकित त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों से की गई पूछताछ में एक हैरतअंगेज कहानी उभर कर सामने आई.
उत्तर प्रदेश जिला मुजफ्फरनगर के खतौली शुगर मिल आवासीय कालोनी में रहता था कृष्ण पंडित का परिवार. कृष्ण पंडित शुगर मिल के कर्मचारी थे. उन का छोटा सा परिवार था. उन्होंने अपने सब से बड़े बेटे संतोष की पहले ही शादी कर दी थी. संतोष राजमिस्त्री था. शादी के बाद वह अपनी पत्नी को ले कर अलग रहने लगा था.
उन के बाकी 2 बेटे अशोक दूसरे नंबर का और उस से छोटा सुमित था. अशोक पंडित ने भी होश संभालते ही अपनी जिम्मेदारी को समझा और अपने बड़े भाई के साथ मजदूरी करने जाने लगा था.
कृष्ण पंडित के क्वार्टर के नजदीक ही रहता था श्यामलाल का परिवार. श्यामलाल शुगर मिल में ही ड्राइवर थे. उन के परिवार में भी 2 बेटे और 2 ही बेटियां थीं. शिल्पा उन्हीं की बेटी थी. श्यामलाल ने अपने बच्चों को शुरू से अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उन का दखिला भी अच्छे कौन्वेंट में कराया था.
अशोक पंडित और शिल्पा ने की थी लव मैरिज
शिल्पा देखने में सुंदर थी. उसी दौरान अशोक पंडित की नजर उस पर पड़ी. दोनों ही पड़ोसी थे. इसी कारण दिन में न जाने कितनी बार दोनों का आमनासामना होता रहता था.
शिल्पा की सुंदरता एक बार अशोक पंडित पर हावी हुई तो वह उस का दीवाना ही बन कर रह गया. फिर उसे आतेजाते चाहत भरी निगाहों से निहारने लगा था.
अशोक पंडित उस समय अपने भाई के साथ काम पर जाने लगा था. देखनेभालने में वह भी ठीकठाक था. शिल्पा ने कई बार उस की निगाहों को पढ़ने की कोशिश की थी. वह समझ गई थी कि अशोक उस से क्या चाहता है.
शिल्पा भी उस समय जवानी के 18 साल पार कर चुकी थी. दोनों के दिलों में एकदूसरे के प्रति चाहत पैदा हुई और दोनों एकदूसरे को प्यार कर बैठे. प्यार होते ही दोनों अपने परिवार वालों की नजरों से बचतेबचाते मिलने भी लगे थे. शिल्पा पढ़ीलिखी और समझदार थी.
वह पढ़लिख कर अपने मांबाप का नाम ऊंचा करना चाहती थी. लेकिन अशोक पंडित की चाहत ने उसे रास्ता ही भटका दिया.
शिल्पा का परिवार पढ़ालिखा और इज्जतदार था. वह जानती थी कि उस के परिवार वाले कभी भी उस की शादी अशोक के साथ करने को तैयार नही होंगे. फिर भी उस ने अशोक को अपना जीवनसाथी चुन कर अपनी जिंदगी का अहम फैसला ले लिया.
उस ने अशोक को पूरा विश्वास दिलाया कि उस की जिंदगी में चाहे कितना भी आंधीतूफान आए, वह उस का साथ नहीं छोड़ेगी.
कुछ समय तक तो दोनों अपने घर वालों की आंखों में धूल झोंक कर आंखमिचौली का खेल खेलते रहे. लेकिन एक दिन ऐसा भी आया कि दोनों की हकीकत परिवार वालों के सामने आ ही गई. जिस के बाद दोनों परिवारों में मनमुटाव बढ़ा और दोनों के मिलने पर पाबंदियां लग गईं. इस के बाद भी दोनों ने हार नहीं मानी.
दोनों अपने घर वालों को चकमा दे कर घर से निकल गए. सन 2013 में दोनों ने घर से भाग कर एक मंदिर में शादी कर ली और फिर किराए का मकान ले कर अपनी जिंदगी का सफर शुरू किया. उस वक्त तक शिल्पा ने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली थी.
शिल्पा से शादी करने के बाद भी अशोक का संपर्क उस के घर वालों से बना रहा. लेकिन शिल्पा के घर वालों ने उस से पूरी तरह से रिश्ता ही खत्म कर लिया था. उस के बाद वह कई बार अशोक के साथ खतौली उस के घर गई. लेकिन उस के घर वालों ने उस की तरफ एक नजर उठा कर भी नहीं देखा.
अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी शिल्पा
शिल्पा ने अपनी स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद मेरठ के एक प्राइवेट कालेज में एएनएम का कोर्स करने के लिए दाखिला ले लिया था. उस का एएनएम का कोर्स भी पूरा हो चुका था.
शिल्पा को उम्मीद थी कि एएनएम कोर्स करने के बाद किसी अस्पताल में एक नर्स के रूप में काम कर लेगी. जिस के सहारे उस की गुजरबसर हो जाएगी.
शिल्पा को इस के बाद भी आशा थी कि शादी के कुछ दिन बाद उस के घर वाले मान जाएंगे. लेकिन उस के अरमानों पर पानी फिर गया था. उस के सपने तो चकनाचूर हो ही गए थे.
अशोक की कमाई से उस के सपने साकार नहीं हो सकते थे. शिल्पा ने कभी एक डाक्टर बनने के सपने संजोए थे. लेकिन प्यार की धारा में उस के कदम ऐसे लड़खड़ाए कि उसे अब अपना भविष्य ही अंधकारमय लगने लगा था.
शिल्पा से शादी करने के कुछ समय बाद ही वह उसे ले कर काशीपुर में अपने फूफा बुद्धन सिंह के घर चला आया. काशीपुर चले आने के बाद वह राजमिस्त्री का काम करने लगा था. जो अब शिल्पा को अखरने लगा था. अशोक काशीपुर में जिस मकान में किराए पर रहता था, उसी मकान में रहता था संजीव.
बरेली निवासी अमित अपने चाचा के पास आताजाता रहता था. अमित पढ़ालिखा था. वह रुद्रपुर में टाटा मोटर्स में नौकरी करता था. अब से लगभग 2 साल पहले किसी वजह से उस की नौकरी छूट गई.
उस के बाद वह महुआखेड़ा स्थित सिडकुल की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा था. उस ने जगतपुर गांव में कमरा भी ले लिया था.
अमित ने डाले शिल्पा पर डोरे
अमित जब कभी भी अपने चाचा के पास आता तो कई दिन रुक कर ही जाता था. वहीं से वह ड्यूटी भी करता था. वहीं पर उस की मुलाकात शिल्पा से हो गई. अशोक सुबह ही अपने काम पर चला जाता था. उस के बाद शिल्पा अकेली ही अपने कमरे पर रहती थी.
अशोक पंडित और संजीव का कमरा आमनेसामने था, जहां से शिल्पा अपने कमरे में काम करती, उठतीबैठती साफ नजर आती थी.
शिल्पा को सजसंवर कर रहना पसंद था. देखनेभालने में तो वह सुंदर थी ही. उस की सुंदरता को देख कर अमित का उस पर दिल आ गया. शिल्पा की खूबसूरती एक बार अमित के दिलोदिमाग पर चढ़ी तो वह उस का दीवाना ही हो गया.
हालांकि वह जानता था कि शिल्पा शादीशुदा है. लेकिन वह किसी भी कीमत पर उसे अपने प्यार में फंसाना चाहता था.
अमित ने शिल्पा की तरफ प्यार के डोरे डालने शुरू किए तो जल्दी ही वह उस के प्रेमपाश में फंस गई. दोनों के बीच प्यार का बीज अंकुरित होते ही प्रेम बेल बढ़ने लगी थी. एक दिन ऐसा भी आया कि दोनों के बीच अवैध संबंध भी स्थापित हो गए.
उस वक्त तक शिल्पा एक बच्चे की मां बन चुकी थी. लेकिन उस की कदकाठी ऐसी थी कि एक बच्चा हो जाने के बाद भी वह अभी कुंवारी ही दिखती थी.
उसी दौरान 2019 में अशोक शिल्पा को काशीपुर में अकेला छोड़ कर दुबई काम करने चला गया. अशोक के दुबई जाते ही शिल्पा और अमित के मिलने के सारे रास्ते खुल गए.
अशोक दुबई में जा कर बीवी के सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत कर पैसे कमाने में जुट गया. वहीं शिल्पा पति के जाते ही बेवफा बन कर अमित के साथ रंगरलियां मनाने लगी थी.
2021 में लौकडाउन लगने के कारण अशोक को दुबई से घर वापस आना पड़ा. दुबई से आने के बाद अशोक को लगा कि जैसे शिल्पा काफी बदल गई है. उस के व्यवहार में काफी अंतर आ गया है. वह न तो इस वक्त अशोक की तरफ पहले की तरह ध्यान देती थी और न ही उस से प्यारमोहब्बत की बात ही करती थी.
हर समय वह फोन पर लगी रहती थी. जिस के कारण अशोक को उस पर शक होने लगा था. मोबाइल पर बात करने को ले कर कई बार अशोक और उस के बीच विवाद भी हुआ.
अपनी सफाई में शिल्पा ने बताया कि उस की जीनत खान नाम की सहेली है, जिस ने उस के साथ ही एएनएम का कोर्स किया था. वह उसी से काम के सिलसिले में बात करती है. वह अपने को सही साबित करने के लिए उस का नंबर भी दिखा देती थी.
अमित के साथ पे्रम प्रसंग चालू होते ही अमित ने उसे एक छोटा मोबाइल भी ला कर दे दिया था. जिस पर शिल्पा केवल उसी से बात करती थी. जिस को वह हर किसी से छिपा कर रखती थी.
लेकिन एक दिन उस की हकीकत अशोक के सामने आई तो घर में तूफान खड़ा हो गया. जिस के कारण अशोक शिल्पा को उस के मायके छोड़ आया.
मायके जाने के बाद शिल्पा एक अस्पताल में सहायिका के रूप में काम करने लगी. जबकि अशोक काशीपुर से जाने के बाद हरियाणा के सोनीपत में काम करने लगा था.
पति से पीछा छुड़ाना चाहती थी शिल्पा
दोनों के अलगअलग रहने के कारण शिल्पा का अमित से बात करने का रास्ता बिलकुल ही साफ हो गया था. शिल्पा से कुछ दिन खफा रहने के बाद अशोक पंडित फिर से उस से मिलने खतौली जाने लगा था. लेकिन शिल्पा के दिल में उस के प्रति पहले जैसा प्यार नहीं था. वह उस से अनचाहे रूप से मिलती थी.
अमित के साथ प्रेम प्रसंग शुरू होते ही अमित ने उस से शादी करने की इच्छा जाहिर की तो शिल्पा ने हामी तो भर ली थी. लेकिन अमित के साथ गृहस्थी बसाने के लिए उसे अशोक से पीछा छुड़ाना था.
उसी अड़चन को खत्म करने के शिल्पा ने अमित को खतौली बुलाया. अमित एक रात खतौली में उस के कमरे पर रुका, जहां पर अशोक से पीछा छुड़ाने की रणनीति तय हुई. लेकिन किसी भी योजना में वह सफल नहीं हो पा रहे थे.
उसी योजना के चलते शिल्पा को पता चला कि 16 फरवरी, 2022 को काशीपुर निवासी अशोक के फूफा बुद्धन सिंह के बेटे मनोज की शादी है. उसे भी उस शादी में शामिल होने का मौका जरूर मिलेगा.
इस जानकारी के बाद वह अमित के साथ संपर्क नहीं कर पा रही थी. न ही उसे उस से मोबाइल पर बात करने का मौका ही मिल पा रहा था.
यही कारण था कि 14 फरवरी को उस ने मासिक धर्म का बहाना बना कर अशोक के साथ काशीपुर जाने से मना कर दिया था.
अशोक के काशीपुर चले जाने के बाद उस ने रात में ही अमित से बात की. जिस के दौरान पूरी योजना को अंजाम देने के लिए रणनीति बनी.
अमित अशोक की मजबूरी समझता था. वह शराब का आदी बन चुका था. जब नशा उस के सिर पर चढ़ जाता है तो वह सब कुछ ही भूल जाता था.
योजना में फुफेरे भाई को किया शामिल
अमित भी समझता था कि अशोक को अपने और शिल्पा के बीच से हटाने का इस से बढि़या मौका नहीं मिलेगा.
यह योजना बनते ही अमित ने इस काम के लिए अपने फुफेरे भाई बरेली के गांव मठ लक्ष्मीपुर निवासी अंकित तिवारी को 40 हजार रुपए का लालच दे कर अशोक की हत्या करने के लिए तैयार कर लिया था.
अशोक की हत्या के इरादे पर आखिरी मोहर लगने के बाद ही 16 फरवरी की शाम को ही अमित और अंकित दोनों ही बाइक नंबर यूपी25सीएन 8216 से बरेली से किच्छा महाराजा अग्रसेन मैरिज पैलेस पहुंचे. पैलेस पहुंचते ही दोनों ने खाना खाया.
अशोक पंडित अमित को जानता था. उसी जानपहचान के कारण अमित ने अंकित को भी उस से मिलवाया था. खाना खाने के बाद अमित और अंकित मौके की तलाश में लग गए. अशोक पंडित ने पहले ही शराब पी रखी थी. जैसे की अशोक पंडित अकेला नजर आया, अमित ने अंकित को बुलाने का इशारा किया.
अंकित का इशारा पाते ही वह उस के पास आ गया. उस के बाद अमित ने शराब पीने की इच्छा जाहिर की और कहीं एकांत जगह की तरफ चल दिया.
अंकित ने अमित और अशोक पंडित दोनों को बाइक पर बिठाया और पुलभट्टा की तरफ चल दिए.
फिर एकांत जगह पर बाइक रोक कर अंकित ने अपने साथ थैले में लाए हथौड़े से अशोक पंडित के सिर पर कई वार किए. जिस के बाद अशोक तुरंत ही बेहोश हो कर नीचे गिर गया.
अधिक खून के निकलने की वजह से कुछ ही देर में अशोक पंडित वहीं पर ढेर हो गया.
अशोक पंडित के खत्म होते ही दोनों उसे खींचते हुए सड़क के बाईं ओर झाडि़यों में ले गए. झाडि़यों में ले जाने के बाद दोनों ने क्रूरता दिखाते हुए चाकुओं से उसे बुरी तरह से गोद डाला.
अशोक को मौत की नींद सुलाने के बाद हथौड़ा और चाकू पास के खेत में फेंक दिए. फिर दोनों बाइक से रात में ही बरेली चले गए.
अगले दिन 17 फरवरी को सवा 9 बजे अमित ने शिल्पा को फोन कर उस की हत्या की बात बताई.
इस केस के खुलते ही पुलिस ने अभियुक्त अमित और अंकित की निशानदेही पर बाइक, चाकू, हथौड़ा व वारदात के समय अभियुक्तों के द्वारा पहने गए कपड़े भी बरामद कर लिए थे. अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दर्ज केस में धारा 34/201/120बी की जोड़ कर मुकदमा दर्ज किया.
पुलिस ने इस केस के तीनों आरोपियों शिल्पा शर्मा, अमित अग्निहोत्री व अंकित तिवारी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था.