सौजन्य- मनोहर कहानियां

Writer- रविंद्र शिवाजी दुपारगुड़े/के. रवि 

सात जन्मों तक जीनेमरने की सौगंध इंजीनियर रामसिलोचन ने नर्स पूनम के साथ ले तो ली थी, लेकिन मुंबई से 110 किलोमीटर दूरी पर बेहद ही खूबसूरत टूरिस्ट स्पौट माथेरान है. यह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में है. छुट्टियों के दिनों में वहां अकसर

सैलानियों का आनाजाना लगा रहता है. माथेरान के कई इलाकोंमें सस्तेमहंगे लौज और होटल बने हुए हैं. उस के बाहरी इलाके में बसा हुआ इलाका इंदिरा नगर है. वहां स्थित साईं सदन लौज में 12 दिसंबर, 2021 की सुबहसुबह हड़कंप मच गया.

दरअसल, लौज के एक कमरे की सफाई करते वक्त सफाईकर्मी ने बैड के नीचे एक युवती की लाश देखी थी. लाश निर्वस्त्र थी, लेकिन उस का सिर कटा हुआ था. आसपास कमरे या वाशरूम वगैरह में भी कहीं उस का सिर नजर नहीं आ रहा था. लाश के चारों तरफ खून फैल चुका था. लाश सामान्य कदकाठी की छरहरी काया वाली किसी युवती की थी. सुबहसुबह जिस ने भी कमरे में इस दृश्य को देखा, वह सन्न रह गया.

इस की सूचना लौज के मैनेजर ने तुरंत माथेरान पुलिस को दे दी. इंस्पेक्टर संजय बांगर  ने इस सूचना एसपी अशोक दुधे को दे दी और इंस्पेक्टर स्वर्णा व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ लौज में पहुंच गए.

पुलिस अधिकारियों ने कमरे की गहन जांच की. घटनास्थल पर पुलिस ने सूक्ष्मता से जांच की और मौके पर फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया. फोरैंसिक टीम ने भी वहां से आवश्यक सबूत जुटाए.

लाश के हाथ पर बने टैटू को ब्लेड या किसी नुकीली चीज से खुरचने के जख्म बने हुए थे. सिर कटी लाश की पहचान के लिए सब से पहले पुलिस ने लौज के रजिस्टर की जांच की.

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रजिस्टर में लौज के उस कमरे में ठहरने वाले के 2 लोगों के नाम दर्ज थे. एक नाम अमजद खान और दूसरा रुबीना बेगम का था. रजिस्टर के मुताबिक दोनों पतिपत्नी थे. उन्होंने 11 और 12 दिसंबर के लिए कमरा बुक करवाया था. अपना पता मुंबई में अंधेरी (वेस्ट) का दिया था.

पुलिस ने तुरंत मुंबई के उस पते की जानकारी मंगवाई. जवाब चौंकाने वाला मिला. कारण, उस पते पर उन नामों का कोई शख्स नहीं रहता था. इस से यह स्पष्ट हो गया कि लौज में दी गई जानकारी जानबूझ कर गलत दी गई थी. पुलिस को यह भी आशंका हुई कि शायद वे पतिपत्नी भी नहीं होंगे.

फिर भी अहम सवाल था कि आखिर जिस युवती का शव मिला था, उस का सिर नहीं था और न ही उस के कोई कपड़े, तो फिर लाश किस की हो सकती थी? हो सकता है कि लाश लौज के उस कमरे में ठहरने वाले के अलावा किसी तीसरे की हो. उसे इस कमरे में ठहरे लोगों ने ही हत्या कर दी हो और फरार हो गए हों.

पुलिस के सामने समस्या लाश की पहचान करने की थी. रजिस्टर चैक करने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू कर दी. सीसीटीवी फुटेज से दोनों के बारे में कुछ जानकारी मिली, उस आधार पर जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ी

11 दिसंबर, 2021 की सीसीटीवी फुटेज में एक युवती और एक युवक के लौज में आने के कई दृश्य थे. फुटेज के एक दृश्य में युवती मास्क लगाए दिखी. उस के साथ युवक भी मास्क लगाए हुए था. युवक की पीठ पर एक बैग था और लड़की के हाथ में एक छोटा सा थैला नजर आ रहा थ.

अगले रोज 12 दिसंबर की फुटेज में तड़के लौज से बाहर जाता हुआ वही युवक दिखाई दिया. वह तेजी से जा रहा था. उस की पीठ पर वही बैग था, जो पहले दिन के फुटेज में था. उतनी सुबह उस युवक का लौज से जाना पुलिस के लिए अहम सुराग था.

इस शक के आधार पर पुलिस ने उस की तलाश शुरू कर दी. उस का पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती थी.

खाई में मिला सिर

पुलिस ने उसी फुटेज के आधार पर तफ्तीश शुरू की. दृश्य में उस युवक के जाने की दिशा में पुलिस बल आसपास छानबीन करने लगी. झाडि़यों और पेड़ों के बीच से गुजरने वाले रास्ते के दोनों ओर पैनी नजर गड़ाए हुए पुलिस टीम आगे बढ़ती रही.

कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक दिख गया. उस के पास ही करीब 250 फुट गहरी खाई थी. पुलिस टीम उस खाई में उतर कर छानबीन करने लगी. वहां कुछ दूरी पर ही खून से सना एक पौलिथीन दिखा.

पुलिस ने तुरंत पौलिथीन को कब्जे में ले लिया. पौलिथीन खोली तो उस में एक युवती का कटा सिर मिला. उसे देख कर पुलिस को विश्वास हो गया कि कटा सिर उसी युवती का है, जिस का धड़ लौज के कमरे में मिला था. उस के बाद पुलिस सिर के आधार पर लड़की की पहचान करने में जुट गई.

पुलिस टीम ने इसी के साथसाथ इलेक्ट्रौनिक सर्विलांस और पैसे के ट्रांजैक्शन के आधार पर मालूम कर लिया कि दोनों विवाहित कपल थे. उस के मुताबिक उन के नाम भी बदले हुए थे.

अब सवाल यह उभरा था कि आखिर ऐसी क्या वजह थी, जो युवती का इतनी बेरहमी से कत्ल कर दिया गया.

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हत्या भी बड़ी बेरहमी से की गई थी. शव के 2 टुकड़े कर दिए गए थे. जो निश्चित तौर पर गला घोंटने या बेहोश करने के बाद किए गए होंगे. शव के दोनों टुकड़े को अलगअलग जगहों पर ठिकाने लगाया गया था.

रायगढ़ जिले के एसपी अशोक दुधे ने पुलिस टीम को कटे सिर से एक बार फिर फुटेज मिलान करने को कहा. ऐसा कर पुलिस उस तक पहुंच गई, जो एक युवक फुटेज में पीठ पर बैग टांगे हुए था.

सीसीटीवी कैमरों की जांच में वही युवती उसी युवक के साथ जाती हुई नजर आई. इसी तसवीर के सहारे सभी लौज और होटलों की जांच की गई, तब आरोपी को पनवेल से गिरफ्तार कर लिया गया. उस की पहचान रामसिलोचन पाल के रूप में हुई, जो न्यू पनवेल इलाके में रहता था.

रामसिलोचन से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. उस ने बताया कि मृतका उस की पत्नी पूनम पाल थी.

दोनों की शादी हाल ही में हुई थी. रामसिलोचन ने अपनी नवविवाहिता की हत्या की जो कहानी बताई, वह सहकर्मी के रोमांस पर रचीबसी निकली—

पूनम जिस अस्पताल में नौकरी करती थी, वह उस के मायके के नजदीक था, इसलिए वह अकसर मायके में ही रहती थी. वीकेंड पर 2 दिन के लिए ही वह पति के पास आ पाती थी. फिर वे 2 दिन किसी लौज में बिताते थे.

पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार दोनों वीकेंड की छुट्टियां मनाने 11 दिसंबर, 2021 को माथेरान गए थे. ऐसा वे पहले भी करते रहे थे. किंतु पहली बार रामसिलोचन ने मुंबई से काफी दूर टूरिस्ट स्पौट पर जाने का प्रोग्राम बनाया था.11 दिसंबर को साढ़े 7 बजे दोनों ने माथेरान के इंदिरानगर इलाके के साईं सदन लौज में एक कमरा बुक किया था. वहां से 12 दिसंबर की सुबह 8 बजे निकलने वाले थे.

मुंबई के एक आईटी कंपनी में काम करने वाला 30 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर रामसिलोचन पाल की अरेंज मैरेज मलाड की रहने वाली 27 वर्षीया पूनम पाल से हुई थी. पूनम एक निजी अस्पताल में नर्स थी.

वैसे तो दोनों के परिवार उत्तर प्रदेश में संत रविदास नगर (भदोही) के मूल निवासी थे, लेकिन लंबे समय से मुंबई के अलगअलग इलाकों में रह रहे थे. कोरोना के दूसरे फेज की लहर खत्म होते ही 21 मई, 2021 को उन की शादी हो गई थी.

शादी के बाद भी रहते थे अलगअलग

रामसिलोचन एक नर्स पत्नी को पा कर बेहद खुश था. वह जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही समझदार और सलीकेदार भी. इसी तरह से पूनम भी खुद से बड़े ओहदे वाले इंजीनियर पति से काफी प्रभावित थी.

दोनों मुंबई के अलगअलग इलाके में जौब करते थे. वैसे रामसिलोचन बेलापुर की एक आईटी कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर था, वह अपने मातापिता के साथ पास के ही न्यू पनवेल इलाके में रहता था. दोनों के घरों के बीच की दूरी 54 किलोमीटर से अधिक थी. इस कारण शादी के बाद भी वे दांपत्य जीवन एक साथ शुरू नहीं कर पाए थे. उन का मिलना वीकेंड में ही हो पाता था.

कभी रामसिलोचन अपनी पत्नी के पास मलाड चला जाता था, तो कभी पूनम अपने पति के पास न्यू पनवेल रहने के लिए चली आती थी.

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इस तरह दोनों 2 दिनरात साथ गुजार कर सोमवार को अपनेअपने काम पर लौट आते थे. कहने को तो वे 2 दिनों तक साथसाथ रह लेते थे, लेकिन उन्हें छोटे से घर में पर्सनल लाइफ का वह माहौल नहीं मिल पाता था, जैसा हर नवविवाहित जोड़ा कल्पना करता है. यह कहें कि दिल तो मिल गया था, लेकिन मानसिक संतुष्टि नहीं मिल पाई थी.

मुंबई में भागमभाग के माहौल में उन की सैक्स लाइफ पर प्रोफेशनल लाइफ भारी पड़ती जा रही थी. इसे कम करने का दोनों ने एक अलग तरीका निकाल लिया था.

उन्होंने शांतएकांत जगह पाने के लिए 2 दिनों तक किसी होटल या लौज में रहने की योजना बनाई. वे चाहते थे कि कुछ समय पारिवारिक झंझटों और शोरशराबे से दूर रहते हुए अपनी पर्सनल लाइफ को यादगार और शानदार बना लें.

इस का जब सिलसिला शुरू हुआ, तब वे किसी टूरिस्ट प्लेस पर घूमने और ठहरने के लिए मनपसंद जगह पर जाने लगे. पहले तय कार्यक्रम के अनुसार दोनों अकसर हर वीकेंड पर किसी लौज में 2 दिनों के लिए कमरा बुक करवा लिया करते थे.

मन में बैठ गया शक

नवंबर के महीने में एक वीकेंड पर दोनों साधारण लौज में ठहरे हुए थे. दीपावली का त्यौहार नजदीक था. वे आसपास के इलाके से घूमफिर कर रात के करीब 10 बजे लौज के कमरे में आ गए थे. जो कुछ खरीदारी की थी, वह सब एकएक कर अपने थैले से निकालते हुए दिखाने लगे थे.

‘‘अरे यह टाई तुम ने मेरे लिए खरीदी? कब ली?’’ रामसिलोचन टाई का पैकेट हाथ में ले कर बोला.

‘‘नहीं, यह तुम्हारे लिए नहीं है. यह हमारे हौस्पिटल के सीनियर रेजिडेंट डाक्टर के लिए है. उन का 2 दिन बाद बर्थडे है. मैं उन्हें गिफ्ट देना चाहती हूं,’’ पूनम बोली.

‘‘और मेरे लिए?’’ रामसिलोचन ने पूछा.

‘‘तुम्हारा गिफ्ट! मैं कम हूं क्या?’’ कहती हुई पूनम हंसने लगी. फिर बोली, ‘‘अच्छा बताओ, तुम ने मेरे लिए क्या खरीदा?’’

‘‘कुछ नहीं.’’

‘‘मेरे लिए कुछ नहीं, और मुझ से उम्मीद लगाए बैठे हो. देखो, मेरी सैलरी तुम से कम है,’’ पूनम ने शिकायत की.

‘‘हांहां, मेरी सैलरी अधिक है इस का मतलब यह थोड़े है कि फिजूलखर्ची करता रहूं. 2 दिन लौज में ठहरने और खानेपीने का खर्च कम आता है क्या?’’ रामसिलोचन बोला.

‘‘अरे, तुम तो लगे हिसाबकिताब करने. छोड़ो इन बातों को, यह बताओ कि तुम्हारे औफिस में कितनी लड़कियां काम करती हैं?’’ पूनम ने बात बदलने की कोशिश की.

‘‘हैं न कई लड़कियां, आधी से अधिक तो होंगी ही. सभी सौफ्टवेयर इंजीनियर हैं,’’ रामसिलोचन बोला.

‘‘किसी से तो अच्छी फ्रैंडशिप होगी ही.’’

‘‘हां, है क्यों नहीं, लेकिन वह सब प्रोफेशनल फ्रैंडशिप है. फ्रैंडशिप औफिस तक ही रहती है. उस के बाद तो वह कहां, और मैं कहां.’’ रामसिलोचन बोला.

इसी बीच पूनम अपने एक थैले से छोटा सा पैकेट निकाल कर उस के हाथ पर रखते हुए बोली, ‘‘यह रहा तुम्हारा गिफ्ट.’’

‘‘अरे वाह, तुम ने तो सच में मुझे सरप्राइज दे डाला,’’ रामसिलोचन बोलते हुए पैकेट खोलने लगा.

पैकेट में उस के पसंद के महंगे परफ्यूम की 2 शीशियां थीं. वह बोला, ‘‘तुम्हारा गिफ्ट बहुत पसंद आया. अब मैं भी तुम्हें एक सरप्राइज देना चाहता हूं. आंखें बंद करो.’’

बातोंबातों में पत्नी ने बता दी हकीकत

उस के कहने पर पूनम ने आंखें बंद कर लीं. रामसिलोचन ने अपनी जेब से एक छोटी डब्बी निकाली और उस की हथेली पर रख दी.

पूनम ने जब आंखें खोलीं, तब महंगी अंगूठी देख कर हतप्रभ रह गई.

झट पति के गले लग गई. भावुक हो बोली, ‘‘तुम कितने अच्छे हो. बहुत ही सुंदर अंगूठी है.’’

कुछ पल पत्नी की पीठ सहला कर रामसिलोचन ने उसे खुद से अलग किया, फिर अंगूठी उस की अंगुली में पहनाने लगा. पूनम उसे प्यार से देखने लगी. रामसिलोचन बोला, ‘‘पूनम, मैं तुम से एक बात पूछूं. सचसच बताना.’’

‘‘क्या? पूछो न, जो पूछना है. वैसे भी मैं ने अपने बारे अभी तक जो भी बताया है वह सब सच है,’’ पूनम बोली.

‘‘इस से पहले तुम्हें किसी ने ऐसी कोई गिफ्ट दी है?’’

‘‘हां, दी है न. संयोग से उस ने भी मुझे अंगूठी ही गिफ्ट में दी थी,’’ पूनम बोली.

‘‘तब तो तुम खुशी से उस के भी गले लग गई होगी. वैसे कौन था वह?’’

‘‘गले लगने की बात करते हो, मैं तो उस का गिफ्ट पा कर इतनी खुश हो गई थी कि खुशी में उसे चूम लिया था,’’ पूनम ने बताया.

‘‘कौन था वह खुशनसीब?’’ रामसिलोचन ने सहज भाव से पूछा.

‘‘अरे था कोई, अब वह मेरी जिंदगी से जा चुका है. हम ने कभी साथसाथ मैडिकल की तैयारी की थी. दोनों ने डाक्टर बनने का सपना देखा था.

वह तो डाक्टर बन गया, लेकिन मेरा एडमिशन मैडिकल कालेज में नहीं हो पाया और मैं पीछे रह गई. फिर मैं ने नर्सिंग की पढ़ाई कर ली. छोड़ो भी, अब जाने दो उन बातों को,’’ पूनम रुकरुक कर बोलती चली गई.

‘‘उस की अंगूठी का क्या किया? अभी भी याद आती है न उस की?’’ रामसिलोचन धीरेधीरे पूनम को अपने विश्वास में ले चुका था.

वह उस की बीती जिंदगी के बारे में जानने के लिए व्याकुल था. आज उसे छेड़ कर उस की जिंदगी में झांकने का अच्छा मौका मिल गया था.

बातोंबातों में पूनम ने अपने पूर्व प्रेमी के बारे में पूरी बात बता दी. यह भी बताया कि वह गैरजाति का था, इसलिए शादी नहीं हो पाई. हाथ पर पूनम ने उस की पसंद का टैटू भी बनवा रखा था. वह मराठी था, जबकि पूनम पूर्वांचल की रहने वाली. मुंबई में वैसे भी मराठी परिवार यूपी के लोगों से खुद को अलग रखने की कोशिश करते हैं.

पूनम ने बताया कि किस तरह से लौकडाउन के दिनों में उस ने उस की मदद की थी और उसे डिप्रेशन से बाहर निकाला था. इसलिए वह उस की एक तरह से एहसानमंद भी है.

रामसिलोचन ने उस से मिलवाने की इच्छा जताई, लेकिन पूनम ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसी के साथ उस ने बताया कि उस की भी बीते 21 मई को शादी हो चुकी है.

रामसिलोचन को पत्नी की बातों पर शक हो गया. इस के बाद उस ने खुद ही पत्नी के क्रियाकलापों की जांच करनी शुरू कर दी.

इस पड़ताल में उसे पता चला कि पूनम जिस अस्पताल में नौकरी करती है, वहीं के एक डाक्टर के साथ उस का काफी दिनों से चक्कर चल रहा है. जबकि उस ने उस डाक्टर के बारे में कुछ नहीं बताया था. अपना पूर्वप्रेमी उस ने किसी और को बताया था.

इस से रामसिलोचन को गुस्सा आ गया. वह पत्नी को धोखेबाज समझने लगा. अब उस के मन में पत्नी के प्रति नफरत भर गई. इस नफरत ने उस के दिमाग में अपराध का बीज अंकुरित कर दिया. यानी उस ने तय कर लिया कि वह ऐसी धोखेबाज औरत को सबक सिखा कर रहेगा.

रामसिलोचन ने पत्नी की हत्या की योजना पहले ही बना ली थी. योजना के अनुसार, उस ने लौज में गलत नाम और पता लिखवाया था. इस का पूनम को भी पता नहीं चलने दिया था.

इस के लिए रामसिलोचन ने क्राइम फिल्में और शोज देख कर हत्या की साजिश रची थी. इतना ही नहीं, उस ने यह भी कोशिश की थी कि वह सारे सबूत मिटा दे. चाहे वो घटनास्थल पर वाले सबूत हों या फिर मोबाइल फोन से जुड़ी लोकेशन की.

इस के लिए उस ने 11 दिसंबर को अपने घर यानी न्यू पनवेल से निकलते समय अपना फोन बंद कर दिया था. ताकि उस की आखिरी लोकेशन घर की ही रहे. उस के बाद जब तक उस ने घटना को अंजाम दिया तब तक फोन बंद रखा.

लौज में उस ने पत्नी की चाय में नींद की गोली मिला दी थी. जैसे ही पूनम को नींद आई तो रामसिलोचन ने साथ लाए चाकू से उस की गरदन काट कर धड़ से अलग कर दी. और उस के सारे कपड़े भी उतार दिए ताकि उस की शिनाख्त न हो सके.

उस के हाथ पर जो टैटू बना था, वह भी उस ने चाकू से खुरचने की कोशिश की. इस के अलावा पत्नी के कटे हुए सिर को रेलवे ट्रैक के किनारे खाई में फेंकने के बाद उस फोन को भी किसी दूसरे सुनसान जगह पर फेंक दिया.

बहरहाल, इंजीनियर पति ने पत्नी की हत्या के बाद बचने के चाहे जितनी भी कोशिश की हो, लेकिन टेक्नोलौजी और पुलिस की तेजी से की गई तफ्तीश से 24 घंटे के भीतर मामले को निपटा लिया गया.

यह वारदात वैसे नवदंपतियों के लिए एक सबक है, जो अपने पिछले राज को साथ लिए चलते हैं और बेवजह शक की बुनियाद बना लेते हैं. पुलिस ने रामसिलोचन से पूछताछ करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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