आप होटल, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल या अन्य जगहों पर फ्री वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं? अगर हां तो आपको सावधान रहना चाहिए. सार्वजनिक वाई-फाई यूज करने की जल्दी में आप भूल सकते हैं कि यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रखा जाए.

फ्री वाई-फाई इस्तमाल करते समय इन बातों का रखें ध्यान.

फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेटेड करें

ऑपरेटिंग सिस्टम सिर्फ स्मार्टफोन्स को यूज करने के लिए जरूरी इंटरफेस ही मुहैया नहीं कराते बल्कि खतरों से भी बचाते हैं. वक्त-वक्त पर कंपनियां सिक्यॉरिटी अपडेट्स जारी करती हैं जो खामियों को दूर करते हैं और अन्य खतरों से भी स्मार्टफोन्स को बचाते हैं. इसलिए हमेशा अपने स्मार्टफोन का सॉफ्टवेयर अप-टु-डेट रखना चाहिए.

बैंकिंग और शॉपिंग करने से बचें

पब्लिक वाई-फाई कनेक्शन के जरिए ऑनलाइन बैंकिंग या शॉपिंग करना असुरक्षित है. स्कैमर आपके अकाउंट्स की डीटेल्स हैक कर सकते हैं. अगर कोई जरूरी ट्रांजैक्शन करनी हो तो मोबाइल डेटा इस्तेमाल करें या फिर वीपीएन इस्तेमाल करें. ब्राउजर पर नेट बैंकिंग करने के बजाय बैंक के ऑफिशल ऐप को इस्तेमाल करें क्योंकि उसमें एनक्रिप्शन होता है. इसी तरह से स्थापित कंपनियों के ऐप्स के जरिए ही शॉपिंग करें.

काम होते ही वाई-फाई से डिस्कनेक्ट करें

बहुत से लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं. अगर आप वाई-फाई पर काम पूरा कर लें तो स्मार्टफोन या टैब का वाई-फाई स्विच ऑफ कर दें. वाई-फाई डिसेबल नहीं होगा तो चुपके से कोई आपके स्मार्टफोन में वाइरस डाल सकता है.

मोबाइल ऐंटी-वाइरस टूल्स का करें इस्तेमाल

पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि फोन में सिक्यॉरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल्ड है. आपके ऐंड्रॉयड पर मालवेयर आ सकते हैं. ऐसे में कोई ऐसा ऐंटीवाइरस डालें जिसमें फायरवॉल, मालवेयर स्कैनिंग और रिमूवल जैसे फीचर्स हों. दरअसल पब्लिक वाई-फाई पर कनेक्ट करने पर अन्य डिवाइस के मालवेयर आपके डिवाइस पर आ सकते हैं. यह गलती से हो सकता है और तभी हो स सकता है, जब इन्फेक्टेड डिवाइस अन्य डिवाइस को वाइरस भेज रहा हो. हो सकता है हैकर्स जानबूझकर ऐसा कर रहे हों.

स्लो सार्वजनिक वाई-फाई खतरनाक हो सकता है

अगर आपने किसी ओपन वाई-फाई नेटवर्क पर लॉगइन किया है और लग रहा है कि कनेक्शन स्लो है तो तुरंत डिस्कनेक्ट कर दें. अगर साइन-इन पेज पर जाने में दिक्कत हो, तब भी तुरंत डिस्कनेक्ट करें. स्पीड इसलिए कम हो सकती है क्योंकि राउटर वाइरस की चपेट में हो सकता है. यह भी हो सकता है कि आप मेन राउटर के बजाय किसी और राउटर से कनेक्ट हो गए हों. संभव है कि आप डेटा को किसी अन्य डिवाइस के जरिए ऐक्सेस कर रहे हों. दरअसल साइबर क्रिमिनल ट्रैक करते रहते हैं कि आसपास कोई वाई-फाई सिग्नल तो नहीं है. वे तुरंत अपने पीसी को फेक राउटर में तब्दील कर देते हैं. जैसे ही कोई मेन राउटर के बजाय उनके डिवाइस से कनेक्ट करता है, वे उसके जरिए भेजा जाने वाले सारा डेटा कॉपी कर लेते हैं.

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन अपनाएं

अगर आप अक्सर फ्री वाई-फाई यूज करते हैं तो अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स, खासकर पर्सनल जीमेल और बैंक अकाउंट्स पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन कर दीजिए. टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन में दरअसल सामान्य पासवर्ड के अलावा आपको मोबाइल फोन आने वाला ओटापी भी डालना होता है. इसके बिना लॉगइन नहीं कर पाएंगे. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर किसी ने पब्लिक वाई-फाई के जरिए आपके पासवर्ड का पता लगा लिया होगा, तब भी वह कुछ नहीं कर पाएगा.

इन टिप्स को अपनाकर आप अपने डाटा और मोबाईल को सुरक्षित रख सकते हैं.

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