प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी कांग्रेस की आलोचना से बाहर आ ही नहीं पा रहे हैं और मजेदार बात यह है कि उन्होंने लंबे भाषण में जो कुछ कहा जैसा कांग्रेस को निचोड़ने का प्रयास किया. दरअसल, नरेंद्र दामोदरदास मोदी का कहन कांग्रेस पार्टी के बजाय भाजपा को ज्यादा लागू होता है.
आइए! आप भी देखिए पढ़िए समझिए कि आखिर नरेंद्र मोदी कांग्रेस की आलोचना से बाहर क्यों नहीं आ पा रहे हैं.
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कोरोना प्रबंधन पर सफेद झूठ
नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में हुंकार भरी-” हमने श्रमिकों को जाने के लिए मुफ्त टिकट दिया, लोगों को अपने ठिकाने जाने के लिए प्रेरित किया.”
अब यह सारा देश जानता है कि सोना लॉकडाउन में किस तरह लोग भूखे प्यासे तड़पते हुए अपने अपने ठिकानों तक पहुंचे थे और सिर्फ ₹500 किसी किसी खाते में डाल कर के आप ने अपना फर्ज निभा लिया था.
नरेंद्र दामोदरदास मोदी कहा कि आपने बड़ा पाप किया है. कोरोना काल के बाद दुनिया एक नई व्यवस्था की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. भारत को इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए. आजादी के अमृत महोत्सव’ के बाद देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम सामर्थ्य से, पूरी शक्ति एवं पूरे संकल्प से देश को उच्चतम स्तर पर लेकर पहुंचेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विभाजनकारी मानसिकता “कांग्रेस” के डीएनए में घुस गई है. और कांग्रेस की नीति ‘ बांटो और राज करो’ की बन गई है. उन्होंने कहा ‘अंग्रेज चले गए लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है. इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है. कांग्रेस की सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है, उसे लगता है कि जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम बिगाड़ दो, कांग्रेस आज इसी दर्शन पर चल रही है.
इन सब बातों को अगर आप सिर्फ दो दफा पड़ेंगे तो आपको दूध का दूध और पानी का पानी दिखाई देगा. आप एक जागरूक पाठक की हैसियत से स्वयं चिंतन करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के श्री मुख से यह सब कथन क्या शोभा देता हैं.
प्रधानमंत्री ने इस सब बातों से आगे निकलकर यह भी कहा कि हम सब संस्कार से, व्यवहार से, लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं. आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंध विरोध लोकतंत्र का अनादर है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.
हम हैं जानते हैं कि नरेंद्र दामोदरदास मोदी और उनकी टीम कांग्रेसी आलोचना करने पर जैसे निम्न स्तर स्तर पर उतर आती है कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को पप्पू कहके मंद मंद मुस्काए और मजे लेते हैं क्या यह स्वस्थ परंपरा कही जा सकती है कांग्रेस हो या अन्य कोई विपक्ष उस के संदर्भ में ऐसे तर्क दिए जाते हैं कि देश की जनता के समक्ष वह मुंह दिखाने के काबिल ना रहे.यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा करती है, यह सब जानते हैं.
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संसद में नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कहा कि देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अच्छा होता कि सबके प्रयास के तहत देश ने जो कुछ हासिल किया है, उसे खुले मन से स्वीकार किया गया होता.
नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री की बहैसियत यह भी कह डाला की कांग्रेस पार्टी को किस किस सन से बिहार, गोवा आदि राज्यों की जनता ने नकार दिया है.
मगर सच यह है कि विगत गोवा चुनाव में जिस तरह सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के विधायकों को रातो रात भाजपा में लाया गया क्या देश की जनता भूल गई है.
मोदी का झूठा आदर्श और पवित्रता
नरेंद्र मोदी ऊंची ऊंची बातें करते हैं मगर वैसे तनिक भी करते दिखाई नहीं देते.
उन्होंने बड़े गर्व के साथ कहा कि कुछ लोग आपको पहचान गए हैं कुछ लोग पहले पहचान गए थे कुछ आने वाले समय में पहचान जाएंगे. अरे भाई साहब…! आपके ऊपर भी तो यह लागू होता है आप यह कैसे भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं संघ और भाजपा के बारे में बहुत पहले लोगों ने क्या-क्या कहा है तो लोग तो आपको भी जानते हैं…!
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास जी की बातों को सुनकर उद्वेलित
कांग्रेस के सदस्यों ने प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियों पर आपत्ति जताना शुरू की तो उन्होंने पुनः कहा कि देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि सदन जैसी पवित्र जगह, जो देश के लिए काम आनी चाहिए, उसे दल के लिए काम में लेने का प्रयास हो रहा है. इसलिए हमें जवाब देना पड़ रहा है.
अब देश की जनता के लिए समझने की बात है कि जब विपक्ष कुछ कहता है तो संसद अपवित्र हो जाती है और यह कहते हैं तो मानो मुंह से गंगाजल छलकने लगता है और संसद पवित्र हो जाती है.
क्या नरेंद्र दामोदरदास मोदी को यह सब कहते हुए थोड़ा भी आभास नहीं होता की सारा देश उन्हें देख सुन रहा है, वह क्या सोचेगा!
नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने आखिरी बार 1985 में करीब 37 साल पहले कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए वोट किया था, वहीं पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में विपक्षी दल को पसंद किया था.
अब कांग्रेस और विपक्ष दोनों को एक दंता तवज्जो नहीं दे रही है और हम आगे की ओर बढ़ते जा रहे हैं हमारे सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं नरेंद्र दामोदरदास मोदी का कहने का तात्पर्य यही था.अब यह देश की आवाम को तय करना है श्रीमान मोदी की बातों में कितना सार है.