पिछले साल नवंबर में 1,000 और 500 के नोट बंद होने के बाद नई करेंसी के लिए लोगों को एटीएम और बैंकों के बाहर लाइन लगानी पड़ी. नकदी की किल्लत के चलते रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी काफी दिक्कतें आईं. इन सब के बीच औनलाइन बैंकिंग और कार्ड के जरीए होने वाले कैशलैस लेनदेन लोगों के लिए वरदान साबित हुए. पैट्रोल पंप से ले कर राशन की खरीदारी तक दुकानदारों ने कार्ड के जरीए शौपिंग की सुविधा दिलाई. बिलों के भुगतान में औनलाइन बैंकिंग मददगार साबित हुई. हालांकि कैशलैस की ओर बढ़ रहे इन कदमों के साथ जोखिम भी कम नहीं.

कार्ड और बैंक अकाउंट की हैकिंग का खतरा हर वक्त मंडराता है. इन के इस्तेमाल में बरती गई लापरवाही आप को बड़ी चपत लगा सकती है. क्या है हैकिंग औनलाइन या कार्ड के जरीए किए जाने वाले औनलाइन भुगतान के दौरान अकसर हैकर्स फेक वैब पेज या कंप्यूटर वायरस के जरीए लोगों की डैबिट या क्रैडिट कार्ड डीटेल या औनलाइन पासवर्ड आदि चुरा लेते हैं. इसे हैकिंग कहते हैं.

अकाउंट और कार्ड डीटेल की हैकिंग कर के हैकर्स लोगों के  बैंक खातों से औनलाइन चोरी को अंजाम देते हैं. घात में रहते हैं हैकर्स 2016 में देश में कई प्रमुख बैंकों की 32 लाख एटीएम कार्ड डीटेल हैक हो गई. बैंक इस के बाद तत्काल हरकत में आए और उन्होंने उपभोक्ताओं के एटीएम कार्ड ब्लौक कर दिए. 2 सप्ताह के अंदर ही सभी ग्राहकों को नए डैबिट कार्ड जारी किए. जब तक पिन नंबर बदल नहीं गया बैंकों ने इन से जुड़े खातों से रोजाना निकासी की सीमा 5 हजार कर दी थी.

दरअसल, देश और विदेश में हैकर्स दिनरात इसी ताक में रहते हैं कि उपभोक्ता से एक चूक हो और उन की चांदी हो जाए. यही वजह है कि नैट बैंकिंग और कार्ड के इस्तेमाल में सतर्कता बेहद जरूरी है. हैक हो जाए कार्ड या अकाउंट तो क्या करें साइबर ला ऐक्सपर्ट पवन दुग्गल के मुताबिक कैशलैस लेनदेन के बढ़ते चलन के साथ ही हैकिंग की घटनाएं भी बेहद आम हो चुकी हैं. ऐसे में अकाउंट या कार्ड हैक हो जाए तो व्यक्ति को तत्काल हरकत में आना चाहिए और ये कदम उठाने चाहिए: – हैकिंग की सूचना तत्काल बैंक को दें और अपना कार्ड ब्लौक कराएं.

– यदि आप कहीं बाहर हैं तो संबंधित बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर फोन कर के अपना कार्ड ब्लौक कराएं.

– बैंक को सूचना दे कर अपने खाते से कार्ड या नैटबैंकिंग को प्रतिबंधित कर दें.

– इस की लिखित शिकायत पुलिस को दें.

– इस दौरान खुद लेनदेन करने के लिए चैक का इस्तेमाल करें.

– जिस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल आप नैटबैंकिंग और कार्ड के जरीए भुगतान के लिए करते हैं उस में अधिक पैसे न रखें.

– यदि क्रैडिट कार्ड होल्डर हैं तो क्रैडिट लिमिट कम ही रखें ताकि हैकिंग की स्थिति में ज्यादा नुकसान न हो.

– बैंक करेंगे भरपाई : हैकिंग के बाद यदि उपभोक्ता को नुकसान होता है तो इस की भरपाई का जिम्मा बैंक का होता है. यदि हैकिंग के चलते उपभोक्ता को 10 हजार का नुकसान होता है तो वे बैंक से इस राशि का दावा कर सकते हैं. लेकिन इस के लिए आप को पर्याप्त साक्ष्य देने होंगे कि बैंक की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ. अधिकांश उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी नहीं है, जिस की वजह से हैकिंग से हुए नुकसान का दावा वे बैंक से नहीं करते हैं.

– सतर्कता जरूरी : कार्ड या नैट बैकिंग का इस्तेमाल करते वक्त आप को बेहद सतर्क रहना चाहिए. यदि आप गलती से अपना नैट बैंकिंग डीटेल या फिर 16 अंकों का कार्ड नंबर, कार्ड वैलिडिटी अवधि और कार्ड के पीछे मौजूद 3 अंकों का सीवीवी नंबर किसी को बता देते हैं तो वह कभी भी आप के खाते से आप की मेहनत की कमाई में सेंध लगा सकता है.

– अपने एटीएम के पिन को समयसमय पर बदलते रहें. यह काम आप किसी एटीएम पर जा कर कर सकते हैं.

– आप की कार्ड डीटेल जानने के लिए कस्टमर केयर बता कर यदि कोई फोन करे तो कभी उस से क्रैडिट या डैबिट कार्ड की जानकारी साझा न करें. याद रहे बैंक कभी किसी उपभोक्ता से उस के कार्ड का नंबर या फिर पासवर्ड नहीं मांगता.

– अपने मोबाइल नंबर को अपने खाते से जुड़वाएं. इस से किसी भी वक्त पैसे की निकासी की स्थिति में आप को तत्काल मैसेज आ जाएगा.

– हर 3 दिनों में अपनी बैंक स्टेटमैंट चैक करें. आजकल ये सेवाएं औनलाइन हैं तो आप कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

– केवल अपने कार्यालय या निजी कंप्यूटर से ही औनलाइन पैसों का लेनदेन करें. इन दोनों ही जगह ऐंटीवायरस का इस्तेमाल होगा. दोनों के सर्वर सुरक्षित होंगे.

– साइबर कैफे में जा कर नैट बैंकिंग या कार्ड के जरीए लेनदेन करने से बचें. इन जगहों पर हैकिंग का खतरा अधिक होता है.

– अपने नैट बैंकिंग पासवर्ड को भी 2-3 महीनों में बदलते रहें.

– यदि आप को मोबाइल मैसेज के जरीए अपने खाते से हुए किसी ऐसे लेनदेन की सूचना मिले जो आप ने नहीं किया है तो तत्काल इस विषय में बैंक को सूचित करें.

– ऐसी स्थिति में अपने खाते से कार्ड या नैट बैंकिंग से होने वाले लेनदेन को तत्काल प्रतिबंधित कर दें.

– ई-मेल पर कई बार ऐसे संदेश आते हैं जिन में लोगों से कहा जाता है कि उन्होंने लौटरी जीती है. ऐसे भुगतान के लिए ऐसे संदेशों में लोगों से उन के खाते आदि की जानकारी मांगी जाती है. ऐसे ई-मेल संदेशों को देखते ही डिलीट कर दें. गलती से भी इन का जवाब न दें.

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