इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के संस्थापक और दुनिया के सबसे बड़े धन्नासेठ एलन मस्क की आँखों में पचास साल आगे के सपने तैर रहे हैं. कहने को एलन इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले एक बड़े कारोबारी हैं, जो ऑटोमोबाइल, सोलर पैनल, सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में नए-नए प्रयोगों से हमेशा चर्चा में रहते हैं, मगर अब अंतरिक्ष में मानवबस्ती बसाने के लक्ष्य के तहत इस अमेरिकी बिजनेसमैन ने अंतरिक्ष-पर्यटन की शुरुआत भी कर दी है.
एलन मस्क ने ऐलान किया है कि वो 2026 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर ले जाएंगे. एलन का यह दावा नासा के दावे से 7 साल पहले मंगल ग्रह पर इंसान को ले जाने का है. यानि मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने का नासा का मिशन 2033 का है लेकिन एलन मस्क ने मंगल पर इंसान को उतारने का लक्ष्य 2026 रखा है. एलन ने कुछ दिन पहले ही ऐलान किया था कि वो तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने से पहले मंगल ग्रह पर इंसानों की बस्ती बसा देंगे.
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19 सितंबर 2021 एलन मस्क की कपंनी स्पेस एक्स का पहला ऑल-सिविलियन क्रू अंतरिक्ष की सैर कर धरती पर लौटा है. कंपनी ने पहली बार अंतरिक्ष में 4 आम लोगों को भेजा जो इस यात्रा के बाद अब बहुत ख़ास बन गए हैं. नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से इस रॉकेट की लॉन्चिंग हुई. रॉकेट में सवार 4 लोग 3 दिन तक 575 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की कक्षा में रहे.
एलन मस्क के रॉकेट से अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति का नाम है जेयर्ड इसाकमैन, जिन्होंने पूरे मिशन की कमान संभाली. उनके साथ 29 वर्षीय हेयली आर्केनो थीं जो इस मिशन में मेडिकल ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा रही थीं. तीसरे व्यक्ति थे शॉन प्रोक्टर, जिनकी उम्र 51 साल है और वो जियोलॉजी के प्रोफेसर हैं. और चौथे शख्स थे क्रिस सेम्ब्रोस्की, जो 42 साल के हैं और अमेरिकी एयरफोर्स के पायलट रहे हैं. तीन दिन अंतरिक्ष की इस सैर को नाम दिया गया था – इंस्पिरेशन 4, जो शुरू हुआ था अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से. गौरतलब है कि इन लोगों में से कोई भी पेशेवर अंतरिक्ष यात्री नहीं था. इन लोगों को मात्र पांच महीने की ही ट्रेनिंग दी गई थी. उल्लेखनीय है कि 2009 के बाद पहली बार इंसान इतनी ऊंचाई पर गया था. इस मिशन का लक्ष्य कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना और सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च अस्पताल के लिए फंड जुटाना था.
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बहुत बड़े हैं एलन के सपने
एलन के सपने अंतरिक्ष अन्वेषण और पर्यटन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे भी बहुत आगे के हैं. वह चांद के साथ-साथ मंगल ग्रह पर इंसानों के लिए स्थायी ठिकाना बनाना चाहते हैं. इन दोनों ठिकानों तक वे पृथ्वी से नियमित फ्लाइट शुरू करना चाहते हैं ताकि आम इंसान भी रॉकेट पर चढ़ कर अंतरिक्ष में सैर-सपाटे का लुत्फ़ ले सके.
आमतौर पर किसी भी कारोबारी-उद्योगपति का लक्ष्य जहां सिर्फ अपनी कुल सम्पत्ति के आंकड़े में एक नया शून्य जोड़ना होता है, वहीँ एलन वैश्विक चिंताओं का हल ढूंढने में अपना सबकुछ दांव पर लगाने को तैयार खड़े हैं. एलन कहते हैं कि इस मिशन के लिए अगर उन्हें अपनी सारी दौलत भी लगानी पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे. इस मिशन के तहत उनकी कम्पनी अब तक करीब 1500 छोटे उपग्रह लांच कर चुकी है, जिन्हें स्पेस वर्ल्ड में स्टारलिंक सेटेलाइट्स के नाम से जाना जाता है.
एलन कहते हैं कि वे मंगल ग्रह पर एक बेस बनाने में अपनी पूंजी का सबसे बड़ा हिस्सा लगाना चाहते हैं और उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर उन्होंने इस मिशन को सफल बनाने में अपनी सारी पूंजी लगा दी. मंगल ग्रह पर मनुष्यों का एक बेस, एलन की नज़र में बहुत बड़ी सफलता होगी.
एलन पूरी दुनिया को सौर ऊर्जा से चलाना चाहते हैं. वह मानते हैं पारंपरिक ईंधन भंडार कम होते होते एक दिन इस स्टेज पर पहुंच जाएगा, जब इसके लिए मारामारी शुरू हो जाएगी. वहीँ पारम्परिक ईधन जिसमें लकड़ी और कोयला मुख्य है, का अंधाधुंध इस्तेमाल जिस तेज़ी से ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती को महासंकट में बदल रहा है, उसकी रोकथाम ना हुई तो धरती से मानवजाति का नामोनिशान मिट जाएगा.
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एलन मानते हैं कि पूरी मानव सभ्यता को बचाने का एक ही उपाय है – वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विकास और उस पर निर्भरता. उनकी कंपनी टेस्ला इसी उपाय पर लगातार काम कर रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को किफायती बनाने से लेकर उसे सर्वसुलभ करने का मिशन ही टेस्ला का ध्येय बन गया है.
साथ ही टेस्ला बिना ड्राइवर वाली कार भी आम उपभोक्ताओं लिए बाजार में उतारने की तैयारी में है. इन नवोन्मेषी तैयारियों के साथ टेस्ला ने अपनी मार्केट वैल्यू में ऐतिहासिक वृद्धि की है और इस साल के शुरुआत में ही पहला 700 बिलियन डॉलर का लक्ष्य पार कर लिया जो दुनिया की शीर्ष कार कम्पनियों- टोयोटा, फ़ॉक्सवैगन, ह्यूनडाई, जनरल मोटर्स और फ़ोर्ड की कुल मार्केट वैल्यू से भी ज्यादा है.
दरअसल एलन सौर ऊर्जा के अधिकतम इस्तेमाल वाली व्यवस्था गढ़ना चाहते हैं. वह अमेरिका में सौर ऊर्जा से संचालित ट्यूब ट्रेन के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं, वहीँ आम लोगों की ज़िंदगी भी सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए अभिनव प्रयोगों में जुटे हैं.
गौरतलब है कि घरेलू उपयोग वाले सोलर पैनल वाली उनकी सबसे बड़ी कम्पनी ने लगभग पांच साल पहले एक ऐसा विकल्प बाजार में पेश किया था जिसमें घर की छतों पर अलग से सोलर पैनल लगाने की जरूरत नहीं रह गई थी. बल्कि छतों की टाइल्स में ही सौर पैनल लगा दिया गया था और इससे घर की बिजली की ज़रूरतें पूरी की जा सकती थी. अब जरा सोचिए कि यदि यह विकल्प सर्वसुलभ हो जाए तो दुनियाभर में ऊर्जा संकट की गंभीर चुनौती को कितनी आसानी से मात दी जा सकती है.
कौन हैं एलन मस्क
एलन के नाम से ख्यात ईलॉन रीव मस्क का जन्म 28 जून 1971 को हुआ था. उनकी माँ कनाडा की और पिता दक्षिण अफ्रीका से हैं यानी 50 साल के एलन एक दक्षिण अफ्रीकी-कनाडाई-अमेरिकी हैं. उनके पिता ज़ाम्बिया में एक पन्ना खदान के मालिक थे, लिहाज़ा एलन एक भव्य जीवन शैली के साथ बड़े हुए हैं.
बचपन से ही पढ़ने के बेहद शौक़ीन एलन ने मात्र 10 वर्ष की आयु में कमोडोर वीआईसी-20 का उपयोग करते हुए कंप्यूटिंग में रुचि विकसित कर ली थी. 12 साल की उम्र में उन्होंने ‘ब्लास्टर’ नामक एक वीडियो गेम तैयार किया जिसे एक स्थानीय मैग्ज़ीन ने उनसे पाँच सौ अमेरिकी डॉलर में खरीदा. इसे एलन मस्क की पहली ‘व्यापारिक उपलब्धि’ कहा जा सकता है.
एलन दिग्गज व्यापारी, निवेशक और इंजीनियर हैं. वे अपनी कंपनी स्पेसएक्स के संस्थापक, सीईओ और मुख्य डिजाइनर हैं, वहीँ वे टेस्ला कंपनी के सह-संस्थापक, सीईओ और उत्पाद के वास्तुकार भी हैं. एलन ओपनएआई के सह-अध्यक्ष, न्यूरालिंक के संस्थापक और सीईओ और द बोरिंग कंपनी के संस्थापक भी हैं. इसके अलावा वे सोलरसिटी के सह-संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष, ज़िप2 कंपनी के सह-संस्थापक और एक्स.कॉम के संस्थापक भी हैं, जिसका कि बाद में कॉन्फ़िनिटी के साथ विलय हो गया और उसे नया नाम पेपैल मिला.
दिसंबर 2016 में, एलन को फ़ोर्ब्स पत्रिका की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में 21वाँ स्थान प्राप्त हुआ. 8 जनवरी 2021 तक, एलन की कुल संपत्ति 185 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गयी और फोर्ब्स द्वारा दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में उन्हें सूचीबद्ध किया गया. अमेरिका के कई आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद, एलन मस्क की कंपनी का भविष्य और भी सुनहरा हो सकता है. डेमोक्रैट्स के आने से इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला का काम और भी बढ़ेगा क्योंकि जो बाइडन की पार्टी ने चुनाव अभियान के दौरान ‘ग्रीन-एजेंडे’ को बढ़ावा देने के लगातार वादे किये थे
मानवजाति को बचाने का लक्ष्य
एलन द्वारा मंगल ग्रह पर मानव बस्ती की स्थापना का उद्देश्य “मानव विलुप्त होने के खतरे” को कम करना है, जो ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण अगले पचास सालों में बड़े खतरे के बीच खड़ी होगी.
सोलरसिटी, टेस्ला और स्पेसएक्स का लक्ष्य, विश्व और मानवता को बदलने के लिए एलन के दृष्टिकोण के चारों ओर ही घूमता हैं. वे एक उच्च गति परिवहन प्रणाली की कल्पना भी करते हैं जिसका नाम उन्होंने दिया है – हाईपरलुप, जिसके तहत उनके सुपरसोनिक जेट विमानों का ऊर्ध्वाधर उड़ान भरना और उतरना शामिल है. इसे ‘मस्क इलेक्ट्रिक जेट’ के रूप में जाना जाएगा. वे अमेरिका में ‘सुपर-फ़ास्ट अंडरग्राउंड ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ का ख़ाका भी तैयार कर रहे हैं.
हमारे धन्नासेठ एलन की तरह नहीं सोच सकते
देश और दुनिया को आगे बढ़ाने, मानवजाति को बचाने, पृथ्वी के अंत को रोकने जैसी एलन मस्क की सोच और नवोन्मेषी व्यापारशैली हमारे धन्नासेठों के लिए क्या कभी आदर्श बनेगी? हमारे धन्नासेठों की सूची में शामिल अम्बानी-अडानी, भारती-मित्तल-टाटा जैसे अरबपति उद्योगपतियों की व्यावसायिक नीति-सिद्धांतों में क्या राष्ट्रीय या वैश्विक चिंता का बोध कभी पैदा होगा? शायद नहीं, क्योंकि उनका एकमात्र लक्ष्य मुनाफाखोरी है. उनकी अर्जित संपत्ति में हर साल नए शून्य तो बढ़ते हैं मगर मानवजाति के कल्याण की कोई योजना वहां से नहीं फूटती, उलटे धरती की तबाही से जुड़े दो-चार प्रोजेक्ट हर साल जरूर खड़े हो जाते हैं. वो चाहे पहाड़ी क्षेत्रों में हों या समुद्र के भीतर. यहाँ तक कि कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी यानी सीएसआर के मार्फ़त समाज को सीधे तौर पर कुछ देने की जिम्मेदारी भी वे पूरी ईमानदारी से नहीं उठा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि गौतम अडानी की कुल संपत्ति 2021 में 16.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 50 बिलियन डॉलर हो चुकी है. अडानी इस साल सबसे ज्यादा कमाई करने वाले कारोबारी बन गए हैं. इस मामले में उन्होंने अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को भी पीछे छोड़ दिया है. मगर अपनी संपत्ति का जिस तरह उपयोग मानवजाति के हित में एलन कर रहे हैं, अडानी की सोच इसके बिल्कुल विपरीत है.
ढहती अर्थव्यवस्था के बीच भी अडानी-अम्बानी तरक्की की नित नयी इबारतें गढ़ रहे हैं, लेकिन उन इबारतों में मनुष्य और पृथ्वी को बचाने की एक लाइन नहीं है. खदाने खोद कर पृथ्वी के गर्भ को खाली करने से लेकर, जंगलों को ख़त्म करने और समुद्र को उथलपुथल करने तक की क़वायतों के बीच भारतीय उद्योगपतियों मंशा सिर्फ अपनी तिजोरियां भरने की रही है.