लेखक-डा. सुनील कुमार पांडेय एवं विवेक सिंह

गुजरात राज्य के आदिवासी बहुल जिले डांग के नड़तखड़ी गांव की महिलाएं अपनी कौशल व प्रतिभा से सफलता का एक नया अध्याय लिख रही हैं. स्वयंसेवी संगठन आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम (भारत) के सक्रिय सहयोग से इस गांव की महिलाओं ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए बेकरी व्यवसाय में रागी से बने हुए ‘अपना बेकरी’ के नाम से एक ब्रांड स्थापित किया है और आज आसपास के क्षेत्रों में ‘बेकरी सिस्टर्स’ के नाम से जानी जाती हैं. ‘अपना बेकरी’ नड़तखड़ी गांव की तकरीबन 10 आदिवासी उद्यमी महिलाओं के एक समूह के स्वामित्व वाला एक ब्रांड है, जो स्थानीय अनाज रागी से बने हुए बेकरी उत्पाद बेचता है.

ऐसे हुई थी शुरुआत रिद्धिसिद्धि स्वयंसहायता समूह यानी एसएचजी की महिलाएं साल 2011 से ही एकदूसरे को जानती थीं और महीने में कम से कम एक बार सामूहिक बचत और आंतरिक ऋण वितरण के लिए इकट्ठा होती थीं. एक बार गांव में ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिस में एकेआरएसपी (आई) के द्वारा ग्रामीण स्तर के उद्यमों के बारे में जानकारी दी गई. यह विचार समूह की महिलाओं को काफी दिलचस्प लगा और ज्यादा जानकारी के लिए उन्होंने संस्था से दोबारा संपर्क किया. संस्था द्वारा यह बताया गया कि बेकरी इकाई से न केवल बाजार मिलेगा, बल्कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आय और आजीविका प्रदान करने में मदद मिलेगी. आखिरकार दिसंबर, 2016 में इन महिलाओं ने बेकरी इकाई खोलने के लिए अपना आवेदन दिया और संबंधित मशीनों की खरीदारी भी की गई.

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इस इकाई की स्थापना के बाद समूह की महिलाओं को 15 दिनों का सघन प्रशिक्षण दिया गया. इन सभी कामों का खर्च आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम (भारत) द्वारा उठाया गया. कुल लागत 5.50 लाख रुपए में से तकरीबन 80 फीसदी वित्तीय सहयोग संस्था द्वारा प्रदान किया गया, बाकी 20 फीसदी राशि समूह के सदस्यों द्वारा जमा की गई. आज के हालात संस्था के क्षेत्रीय प्रबंधक शांतनु सिद्धार्थ दुबे याद करते हुए बताते हैं, ‘‘शुरुआत में जब व्यवसाय शुरू करने के बारे में विचार किया गया था, तब समूह के सभी सदस्यों के मन में काफी आशंकाएं थीं. उन सभी का नजरिया इतना आशाजनक नहीं था और वे कई बार अपने बारे में अनिश्चितता महसूस करती थीं.

हालांकि समूह ने एकदूसरे के समर्थन से सफल होने की इच्छा और एकेआरएसपी (आई) की मदद से एक लंबा सफर तय किया है.’’ ‘अपना बेकरी’ में एक विविध और अद्वितीय उत्पाद रेंज उपलब्ध है. नागली बिसकुट, नागली चक्री, नागली शकरपारा, नागली टोस्ट, नागली मखनिया और नागली पापड़. नागली या रागी (फिंगर मिलेट्स) एक मोटे अनाज वाली फसल है, जो डांग में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है. अपने कम उत्पादन लागत और विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के कारण यह डांगी आहार एक सुपर फूड के रूप में उभरा है. नागली के इन्हीं गुणों और स्वास्थ्य लाभों के कारण ‘बेकरी सिस्टर्स’ ने मैदा के स्थान पर नागली के उपयोग का फैसला किया. आज ‘अपना बेकरी’ नागली से बने हुए स्थानीय बेकरी उत्पादों की पेशकश करने वाला एक अनूठा स्थानीय ब्रांड बन चुका है. कैसीकैसी चुनौतियां संस्था के चीफ औपरेटिंग औफिसर नवीन पाटीदार ने जानकारी देते हुए बताया, ‘‘शुरुआत में हमें बिक्री की दर निर्धारित करने, थोक खरीदारों के साथ संपर्क बनाने आदि में कठिनाई होती थी. चूंकि ज्यादातर महिलाओं ने कभी कोई डाक नहीं भेजी थी, इसलिए पार्सल को बाहर भेजना भी एक चुनौती थी.

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‘‘इस प्रक्रिया में महिलाओं ने पैकेजिंग, कूरियर की दरों, कूरियर सेवा प्रदाताओं आदि के बारे में सीखा. ‘‘शुरुआती महीनों में चूंकि वे महिलाएं नए बेकरी उत्पादों को बनाना सीख रही थीं, इसलिए कभीकभी उत्पाद आधे पके रह जाते थे और उन्हें मशीन को ठीक से चलाने में भी परेशानी हो रही थी. ‘‘एकेआरएसपी (आई) ने इन समस्याओं से निबटने के लिए उन के लिए एक और प्रशिक्षण की व्यवस्था की. समूह की महिलाओं ने बताया कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने में बड़ी भूमिका निभाई.’’ सफलता के आंकड़े संस्था के स्थानीय अधिकारी रामकृष्ण महाजन ने आंकड़ों को शेयर करते हुए बताया, ‘‘आज समूह से जुड़ी हुई हर महिला ‘अपना बेकरी’ से 5,000 रुपए हर साल की अतिरिक्त आय अर्जित करती है. इस राशि का उपयोग महिलाओं ने घर के खर्च और अपने बच्चों की शिक्षा के लिए किया है.’’ ‘

अपना बेकरी’ की इस सफलता को अब तक सरकार और कई संगठनों ने सम्मानित किया है, जिस में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, डांग्स, हिडाल्को इंडस्ट्रीज, सर्व हैप्पीनैस फाउंडेशन आदि प्रमुख हैं. बेकरी व्यवसाय की संयुक्त मालिक कल्पनाबेन ने कहा, ‘‘एकेआरएसपी (आई) द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और निरंतर प्रेरणा महिलाओं के लिए बहुत मददगार थी. एक क्षेत्र, जिस में महिलाओं को ज्यादा जरूरत होती है, वह है बाजार से जुड़ाव, क्योंकि शहरों से बड़े और्डर लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, इसलिए जहां उन्हें लगता है कि हमारे लिए अच्छी संभावनाएं हैं,

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वह हमारी पूरी मदद करते हैं.’’ भविष्य की योजनाएं ‘बेकरी सिस्टर्स’ भविष्य को ले कर आशावादी हैं और अपने ग्राहक आधार को कई गुना बढ़ाना चाहती हैं. समूह की महिलाओं ने बताया कि पिछले 3 सालों में डांग के बाहर से उन के ग्राहक आधार में वृद्धि देखी गई है. ऐसे अवसरों में भागीदारी से व्यवसाय को शहरी बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए विवेक सिंह के मोबाइल नंबर 9687603957 पर संपर्क कर सकते हैं.

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