लेखक- जगदीश प्रसाद शर्मा ‘देशप्रेमी’
सौजन्य- सत्यकथा
अहसान मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला शामली के कैराना का रहने वाला था. वह कामधंधे के सिलसिले में काफी साल पहले हरिद्वार के कस्बा झबरेड़ा के मोहल्ला नूरबस्ती आ कर रहने लगा था.
6 नवंबर, 2020 को सुबह के करीब 6 बज रहे थे. अहसान अपने बीवीबच्चों के साथ गहरी नींद सोया था. तभी अचानक घर के बाहर मोहल्ले वालों के शोरशराबे की आवाजों से उस की आंखें खुल गईं. इन्हीं आवाजों में उसे अपने साले शाहनवाज की बीवी मुसकान के रोनेचिल्लाने की आवाज सुनाई दी.
अहसान को मुसकान के रोने की आवाज कुछ अजीब लगी, क्योंकि शाहनवाज व मुसकान उस के बगल वाले कमरे में ही रहते थे तथा 18 दिन पहले ही उन का निकाह हुआ था.
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वह जल्दी में कमरे से बाहर निकला तो उस ने मोहल्ले वालों के ‘लाश… लाश’ चिल्लाने की मिलीजुली आवाज सुनी. अहसान तुरंत मौके पर पहुंचा. उस ने देखा कि उस के घर के पास बिजलीघर के बराबर वाले खाली प्लौट में एक लाश पड़ी थी. लाश पौलिथीन से ढकी हुई थी. वहां आसपास खडे़ दरजनों लोग लाश के बारे में तरहतरह की चर्चाएं कर रहे थे.
तभी भीड़ से निकल कर मुसकान अहसान के पास आई और बोली कि कुछ अज्ञात हत्यारों ने शाहनवाज को मार डाला है. ‘‘शाहनवाज तो रात को घर में ही था?’’ अहसान ने कहा. ‘‘नहीं जीजाजी, वह रात को खाना खा कर 10 बजे चले गए थे.’’ मुसकान बोली.‘वह बाहर किसलिए गया था?’’ अहसान ने पूछा.
‘‘कह कर गए थे कि किसी से मिल कर थोड़ी देर में वापस आ जाएंगे, मगर पूरी रात वापस नहीं आए और मैं सुबह तक जाग कर उन का इंतजार करती रही.’’ मुसकान ने बताया.‘‘तुम ने यह बात रात को ही मुझे क्यों नहीं बताई, मैं उसे कहीं ढूंढता.’’ अहसान बोला
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‘‘मैं ने यह बात इसलिए नहीं बताई थी कि आप दिन भर के थके हुए थे और सो रहे थे. मुझे उम्मीद थी कि थोड़ी देर में वापस लौट आएंगे.’’ मुसकान बोली.इसी दौरान भीड़ में से किसी ने शाहनवाज की लाश मिलने की सूचना झबरेड़ा के थानाप्रभारी रविंद्र कुमार को दे दी. हत्या की सूचना पा कर थानाप्रभारी रविंद्र कुमार अपने साथ एसआई चिंतामणि सकलानी, महेंद्र पुंडीर व हैडकांस्टेबल राजेंद्र को ले कर घटनास्थल की ओर निकल पड़े.
घटनास्थल थाने से मात्र 4 किलोमीटर दूर था, अत: वे 15 मिनट में मौके पर पहुंच गए. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से शाहनवाज के बारे में पूछताछ की. उन्होंने मृतक के बहनोई अहसान से भी पूछताछ की.
अहसान ने बताया कि शाहनवाज सहारनपुर के थाना कोतवाली देहात के अंतर्गत मोहल्ला शेखपुरा का रहने वाला था. वह एक ईंट भट्ठे पर नौकरी करता था. पिछली रात 10 बजे खाना खाने के बाद घर से बीवी को यह कह कर निकला था कि वह थोड़ी देर में वापस लौट आएगा. लेकिन रात भर नहीं आया और सुबह यहां उस की लाश मिली.
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अभी रविंद्र कुमार इस हत्या का बाबत अहसान से पूछताछ कर ही रहे थे कि सूचना पा कर सीओ (मंगलौर) अभय प्रताप सिंह व एसपी (देहात) एस.के. सिंह भी मौके पर आ गए.दोनों अधिकारियों ने भी शाहनवाज की लाश का निरीक्षण किया. सीओ अभय प्रताप सिंह को मृतक शाहनवाज के गले पर कुछ ऐसे निशान दिखाई दिए, जिस से लग रहा था कि हत्यारों ने शायद शाहनवाज का कुछ देर तक गला दबाया था. इन अधिकारियों ने अहसान से पूछा कि शाहनवाज से किसी की दुश्मनी या लेनदेन संबंधी कोई विवाद तो नहीं था?
अहसान ने साफ मना करते हुए बताया कि साहब ऐसा कुछ भी नहीं था. शाहनवाज काफी मिलनसार व मेहनत करने वाला युवक था. बस उस में एक कमी थी कि वह कभीकभार शराब जरूर पी लेता था.
मौके की काररवाई निपटाने के बाद पुलिस ने उस की लाश पोस्टमार्टम के लिए जे.एन. सिन्हा स्मारक संयुक्त चिकित्सालय रुड़की भेज दी. इस के बाद अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली.
इस के बाद एसपी (देहात) एस.के. सिंह ने शाम को शाहनवाज हत्याकांड का परदाफाश करने के लिए थाना झबरेडा में एक मीटिंग बुलाई, जिस में सीओ (मंगलौर) अभय प्रताप सिंह व थानाप्रभारी रविंद्र कुमार शामिल हुए. इस बैठक में शाहनवाज के हत्यारों के बारे में मंथन किया गया.
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सीओ अभय प्रताप सिंह ने थाना झबरेडा के 2 सिपाहियों नूर हसन व नरेश को सादे कपड़ों में शाहनवाज के घर जा कर उस के व उस की बीवी मुसकान के बारे में सुरागरसी करने के निर्देश दिए. थानाप्रभारी रविंद्र कुमार ने भी शाहनवाज व मुसकान के मोबाइल फोन नंबरों की पिछले एक महीने की काल डिटेल्स निकलवा ली थी.
अगले दिन 7 नवंबर, 2020 की सुबह को पुलिस को मुसकान के बारे में काफी जानकारियां प्राप्त हो गईं.पुलिस को पता चला कि मुसकान के पिता शहीद का कई साल पहले इंतकाल हो गया था. मुसकान उन की 9 बेटियों में 8वें नंबर की थी. अहसान की बीवी सायरा शहीद की दूर की रिश्तेदार थी, इसलिए सायरा ने अपने भाई शाहनवाज के लिए शहीद से मुसकान का हाथ मांग लिया था.
गत 18 अक्तूबर, 2020 को कांधला में एक सादे समारोह में शाहनवाज व मुसकान का निकाह हो गया था. निकाह के बाद मुसकान का पारिवारिक जीवन ज्यादा सुखद नहीं रहा. इस का कारण यह था कि शाहनवाज शराबी किस्म का युवक था. शाहनवाज शराब पीने के बाद अकसर मुसकान से मारपीट पर उतारू हो जाता था.
इस के अलावा पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि मुसकान अकसर खाड़ी देश में नौकरी करने वाले एक युवक से बात करती थी.
ये जानकारियां मिलने के बाद पुलिस को मुसकान पर शक हो गया. सीओ अभय प्रताप सिंह व थाना प्रभारी रविंद्र कुमार को लगा कि शाहनवाज की हत्या का राज मुसकान ही खोल सकती है. उसे शाहनवाज के हत्यारों के बारे में जरूर कोई न कोई जानकारी रही होगी.
मुसकान ने पुलिस को अभी तक यही बताया था कि शाहनवाज घटना वाले दिन रात को 10 बजे खाना खाने के बाद घर से निकल गया था. जाते वक्त वह थोड़ी देर में लौटने की बात कह कर गया था. लेकिन यह बात पुलिस के गले नहीं उतर रही थी.
सीओ अभय प्रताप सिंह ने मुसकान के बारे में मिली जानकारी से एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णाराज एस. को अवगत कराया. एसएसपी ने एसपी (देहात) एस.के. सिंह व सीओ अभय प्रताप सिंह को निर्देश दिए कि मुसकान को थाने बुला कर उस से गहन
पूछताछ करें.इस के बाद थानाप्रभारी रविंद्र सिंह ने महिला कांस्टेबल पूजा को मुसकान के घर भेज कर पूछताछ के लिए थाने बुलवा लिया.
एसपी (देहात) एस.के. सिंह व सीओ अभय प्रताप की मौजूदगी में मुसकान से शाहनवाज की हत्या की बाबत पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ के दौरान मुसकान आधे घंटे तक पुलिस को बरगलाती रही. जब एसपी एस.के. सिंह ने मुसकान से सख्त लहजे में कहा कि जब रात से तुम्हारा शौहर लापता था, तो तुम ने पास में ही रहने वाले उस के बहनोई और बहन सायरा को क्यों नहीं बताया? हो सकता है वे लोग रात को ही शाहनवाज को ढूंढ लाते और उस की जान बच जाती.
एस.के. सिंह के इस सवाल पर मुसकान खामोश हो गई. इस के बाद सीओ अभय प्रताप सिंह ने सख्त लहजे में मुसकान से कहा कि तेरी चुप्पी बता रही है कि शाहनवाज की हत्या का सच कुछ और है जिसे तू अच्छी तरह से जानती है, मगर पुलिस से छिपा रही है. या तो तू शाहनवाज की हत्या का सच सीधी तरह बता दे, नहीं तो हमें दूसरे तरीके भी आते हैं.
अभय प्रताप सिंह के इस कथन का मुसकान पर गहरा असर हुआ और वह रोने लगी मुसकान ने पुलिस के सामने अपने शौहर शाहनवाज की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया. उस ने बताया कि जब उस का निकाह हुआ था तो वह बड़ी खुश थी और उस ने अपने भविष्य के सतरंगी सपने संजोए थे.
लेकिन जब वह ससुराल झबरेडा आई, तो उस के सपने बिखर गए. यहां आ कर उस ने पाया कि उस का शौहर शाहनवाज एक नंबर का शराबी है. इस के अलावा वह उस के साथ अकसर मारपीट भी करता था.
घटना वाले दिन यानी 5 नवंबर, 2020 को शाहनवाज नशे में धुत हो कर घर आया था. उस के नशे में होने के कारण वह क्रोध से भर गई. शाहनवाज ने घर में आते ही उस के साथ पहले मारपीट की. इस के बाद वह सो गया.
मुसकान ने बताया कि उस वक्त रात के साढ़े 10 बजे थे. उस के ननदोई का परिवार बराबर वाले कमरे में गहरी नींद में सो रहा था. वह अपने शौहर शाहनवाज से पहले से ही परेशान थी.
उस वक्त वह गुस्से से भर गई और गुस्से में आ कर उस ने नशे में बेसुध सो रहे शाहनवाज का गला घोंट दिया. कुछ देर में जब उस की मौत हो गई तो उस ने उस की लाश घसीट कर घर से थोड़ी दूर एक खाली प्लौट में डाल दी. लाश को उस ने एक ठेली पर रखी प्लास्टिक की पौलीथिन से ढक दिया था, जिस से कोई उसे देख न सके. इस के बाद घर आ कर वह सो गई थी.
थानाप्रभारी रविंद्र कुमार ने मुसकान के बयान दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस के बाद एसपी (देहात) एस.के. सिंह ने कोतवाली रुड़की में एक प्रैसवार्ता कर के मीडिया के सामने शाहनवाज हत्याकांड का परदाफाश किया.
निकाह के महज 18 दिनों में ही शौहर की हत्या करने वाली बीवी का यह समाचार कई दिनों तक अखबारों व टीवी चैनलों की सुर्खियां बना रहा. 2 दिनों बाद पुलिस को शाहनवाज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मिल गई.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शाहनवाज की मौत का कारण उस का गला घोंटा जाना बताया गया. पुलिस ने मुसकान को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.