पूरी दुनिया अब बस एक क्लिक में समा गई है. सिर्फ एक क्लिक और आप जो चाहें आपके सामने हाजिर. कम्यूनिकेशन, बैंकिंग, शॉपिंग, रिसर्च, गेमिंग और समाचार पढ़ने समेत कई सारे काम हम ऑनलाइन करने लगे हैं. इंटरनेट के बिना जिंदगी की कल्पना करना अब संभव भी नहीं. इससे चीजें जितनी सुविधाजनक हुई हैं, खतरे भी उतने ही बढ़ गए हैं.

साइबर ठग आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट की जानकारी चुराने की ताक में बैठे रहते हैं. वे आपकी आइडेंटिटी, पर्सनल डीटेल्स, ईमेल अकाउंट्स और तस्वीरों वगैरह को चुराना चाहते हैं. इस सब से बचना बेहद जरूरी है वरना आप तबाह भी हो सकते हैं. जानें, क्या कैसे सावधानी बरतनी चाहिए…

1. अपने वेबकैम को ढककर रखें

जब आप अपने वेबकैम को इस्तेमाल न कर रहे हों, इसे ढककर रखें. इस तरह से हैकर्स उस कैमरे को हैक करके आपके ऊपर नजर नहीं रख पाएंगे. माइक को भी ऑफ करने में ही भलाई है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब हैकर्स ने वेबकैम या माइक के जरिए जासूसी की है.

2. मेसेज को एनक्रिप्ट करें

एनक्रिप्शन में डेटा को कुछ इस तरह से बदला जाता है बीच में उसे कोई भी ऐक्सेस नहीं कर पाता. सिर्फ रिसीवर ही उसे डीकोड कर पाता है. उदाहरण के लिए वॉट्सऐप एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन सपॉर्ट करता है. दो यूजर्स के बीच क्या बात हो रही है, इसे बीच में कोई भी नहीं पढ़ सकता.

3. https everywhere ब्राउजर प्लगइन यूज करें

यह प्लगइन सुनिश्चित करता है कि आप सुरक्षित ढंग से वेबसाइट्स ब्राउज करें. यह वेबसाइट से आपके कनेक्शन को एनक्रिप्ट कर देता है. इसका मतलब हुआ कि कोई हैकिंग या सर्विलांस नहीं कर सकता.

4. पीसी की हार्ड ड्राइव के लिए लॉकर

अगर कोई आपके कंप्यूटर का ऐक्सेस लेता है, वह आराम से उसमें मौजूद फाइल्स को भी ऐक्सेस कर सकता है. अगर फाइल्स एनक्रिप्ट की गई होंगी तो ऐसा नहीं किया जा सकता. आप FileVault या BitLockerLuckily का इस्तेमाल करके अपने पीसी की हार्ड ड्राइव को लॉक कर सकते हैं.

5. ईमेल के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन

अगर आपके ईमेल अकाउंट को किसी नए डिवाइस से ऐक्सेस किया जाता है तो आप सेकंडरी सिक्यॉरिटी लेयर सेट कर सकते हैं. इससे इनबॉक्स को ऐक्सेस करने के लिए आपको अपने फोन पर एक टेक्स्ट मेसेज मिलेगा, जिसमें कोड होगा. उस कोड को डालने पर ही आप इनबॉक्स ऐक्सेस कर पाएंगे. सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए भी ऐसी सेटिंग्स की जा सकती हैं.

6. प्राइवेट वेब ऐक्टिविटी

अगर आप क्रोम या अन्य किसी ब्राउजर पर इनकॉग्निटो या प्राइवेट मोड ऑन करके कुछ सर्फ करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी को कुछ पता नहीं चल रहा. आपकी कंपनी, वेबसाइट्स और इंटरनेट प्रोवाइडर्स भी आपकी ब्राउजिंग पर नजर रख सकते हैं. ऐसे में आप Tor नाम का ब्राउजर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसपर प्राइवेट वेब ऐक्टिविटी की जा सकती है.

7. पासवर्ड्स के लिए पासवर्ड

नया पासवर्ड सेट करने के लिए कॉम्बिनेशन बनाना बहुत ही असुविधाजनक और परेशान कर देने वाला काम है. पासवर्ड मैनेजर्स की मदद से आप एक मास्टर पासवर्ड की मदद से कई सारे पासवर्ड्स को स्टोर कर सकते हैं. मास्टर पासवर्ड को बदलने रहने के लिए कैलंडर रिमाइंडर सेट किया जा सकता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...