लाइफस्टाइल में बदलाव, पढ़ाई और करियर में लगने वाला लंबा समय, तीस-पैंतीस साल के बाद शादी और नौकरी की झंझटों के बीच कई औरतों का माँ बनने का सपना अधूरा रह जाता है. अधिक उम्र हो जाने पर जल्दी कंसीव भी नहीं कर पातीं और कंसीव हो जाए तो मिसकैरिज का ख़तरा बना रहता है. बहुतेरी महिलायें सही पार्टनर ना मिलने के कारण सिंगल ही रह जाती हैं लेकिन माँ बनने का सपना तो उनकी आँखों में भी तैरता है. आजकल बहुतेरी महिलायें सिंगल मदर बनने की चाह रखती हैं. ढलती उम्र के साथ ये सपना और जवान होने लगता है. दिल चाहता है कि कोई तो अपना हो जो बुढ़ापे में उंगली थामे, रोटी खिलाये और बीमार पड़ने पर डॉक्टर के पास ले जाए.
फोर्टिस अस्पताल दिल्ली में कार्यरत डॉ. नीना बहल कहती हैं, ‘मेरे पास ऐसी बहुत सी युवतियां आती हैं जो अभी बहुत अच्छी जॉब में हैं, जिनके पास तरक्की के और विदेश जाने के चान्सेस हैं, तो ऐसी स्थिति में वे फिलहाल माँ बनकर अपने करियर को नुक्सान में नहीं डालना चाहती हैं. वे पांच से दस साल काम करने और अच्छी सेविंग्स करने के बाद फैमिली को बढ़ाना चाहती हैं. लेकिन उनको डर है कि उम्र बढ़ने पर उनके अण्डों की क्वालिटी और संख्या घटती जाएगी और कहीं इस वजह से वो बाद में माँ ना बन पाएं तो जीवन अधूरा रह जाएगा. वो मुझसे इसका सलूशन चाहती हैं, वहीँ मेरे पास चालीस से पैंतालीस साल की भी कई महिलायें आती हैं जो इस उम्र में बच्चा चाहती हैं. मैं करियर के प्रति गंभीर महिलाओं को यही सलाह दूंगी कि अगर वो जल्दी बच्चा नहीं चाहती तो पच्चीस से तीस साल की उम्र के बीच कम से कम अपने हेल्दी अण्डों को फ्रीज़ करवा लें, करियर की ढलान पर या जब वो अपनी फैमिली बढ़ाना चाहें तब वो अपने ही फ्रीज़ अण्डों से बच्चा पा सकती हैं. महिलाओं द्वारा बढ़ती उम्र में कंसीव करने का सपना सच करने में फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन तकनीक ‘सोशल एग फ्रीजिंग’ कारगर साबित हो रही है. ये तकनीक अब बहुत कॉमन हो चुकी है और इसमें झिझकने या शर्माने जैसा कुछ नहीं है.’
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डॉ. नीना बहल बताती हैं कि हमारे समाज में लोगों की आधुनिक होती सोच की वजह से इस तकनीक को तेजी से अपनाया जा रहा है. मेट्रो सिटीज के अलावा छोटे शहरों में भी एग फ्रीजिंग का ट्रेंड चल रहा है. महिलाओं में बढ़ती उम्र में फर्टिलिटी प्रॉब्लम को रोकने में ये तकनीक काफी इफेक्टिव है. कई महिलाएं मां बनने की सही उम्र होने पर भी परिवार में बढ़ते तनाव या अन्य परेशानियों के चलते मां नहीं बन पाती हैं. इन महिलाओं के लिए भी उम्र बढ़ जाने पर कंसीव करना एग फ्रीजिंग जैसी तकनीक के सहारे ही संभव हो सका है.
सोशल एग फ्रीजिंग तकनीक के तहत महिला के अंडाशय से परिपक्व अंडे निकाले जाते हैं. फिर इन्हें फ्रीज करके भविष्य में उपयोग के लिए रख दिया जाता है. इस प्रकार फ्रीज हुए अंडो को जरूरत पड़ने पर प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है. निषेचन की प्रक्रिया के बाद इसको महिला ये यूटेरस में प्लांट कर दिया जाता है. ये तकनीक महिलाओं के लिए उस समय कारगर हो जाती है जब उम्र अधिक होने पर एक महिला अपने पार्टनर से खुद की संतान चाहती है. कई बार स्पर्म डोनर के साथ भी इन अंडों को इस्तेमाल में लाया जाता है.
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कई बार जब महिलाएं 40 की उम्र के बाद मां बनना चाहती हैं या बदकिस्मती से उनकी संतान का देहांत हो गया हो, तो यही स्टोरिंग एग मां बनने के सपने को पूरा करने में उनकी मदद करते हैं. वहीँ कैंसर पेशेंट के लिए भी ये स्टोरिंग एग उनके माँ बनने के सपने को पूरा करते हैं. कैंसर के मरीज़ को कीमोथेरेपी दी जाती है जिसके चलते उनका शरीर काफी कमजोर हो जाता है. ऐसे में शरीर में बनने वाले अण्डों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. ऐसे में जो कैंसर पेशेंट बाद में माँ बनना चाहती हैं उनको कीमोथेरपी से पहले ही एग स्टोर करवाने की सलाह दी जाती है.
गौरतलब है कि महिलाओं की फर्टिलिटी को बनाए रखने में जितना महत्व अंडों की निश्चित संख्या का है, उतना ही उनकी गुणवत्ता का भी है. उम्र बढ़ने पर अण्डों की गुणवत्ता कम होती जाती है. अधिक उम्र के अंडे से उत्पन्न संतान में कोई ना कोई व्याधि या अपरिपक्वता हो सकती है. इसलिए जो महिलायें जल्दी माँ नहीं बनना चाहती हैं उनको कम से कम जवान रहते ही अपने अण्डों को फ्रीज़ करवा लेना चाहिए.
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केनेडियन फर्टिलिटी और एंड्रोलॉजी सोसायटी ने भी एग फ्रीजिंग को अधिक उम्र में मां बनने का सपना पूरा करने का कारगर तरीका बताया है. ये महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. फर्टिलिटी एंग्जाइटी को कम करने का यह तरीका उन महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है जो 30-40 की उम्र कार्पोरेट कल्चर में ऊंचाईयां पाने में बिताती हैं. चालीस के बाद संतान की चाहत को पूरा करने में यह तकनीक उनके लिए विज्ञान का बहुत उम्दा गिफ्ट है.
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एग फ्रीज करवाने की सही उम्र
आमतौर पर महिलाओं को 25 से 36 साल की उम्र के बीच अपने एग फ्रीज करवाना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर पाती तो 40 की उम्र तक भी अपने एग फ्रीज करवा सकती हैं. इस तकनीक की मदद से एक या दो साइकिल में अंडों की ज्यादा तादाद फ्रीज हो जाती है. एक आईवीएफ लैब में ये अंडे कम से कम पांच साल तक सुरक्षित रह सकते हैं. फिर जब भी आप अपना परिवार बढ़ाना चाहें किसी भी आईवीएफ सेंटर में आपके पार्टनर के शुक्राणुओं से निषेचन क्रिया के पश्चात् उन अण्डों को आपके गर्भ में रोपित किया जा सकता है.