आपको याद होगा कि सरकार के नोटबंदी यानी विमुद्रीकरण के एलान के अगले ही दिन अफवाह फैली कि नमक की देश में किल्लत हो गई है, नतीजा यह हुआ कि सोशल मीडिया के जरिए इस अफवाह को ऐसे पंख लगे कि देश के एक बड़े हिस्से में नमक के लिए लोग बदहवासी में दुकानों की ओर दौड़ पड़े और औने-पौने दाम देकर घरों में नमक बटोर लाए. आखिर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी कि देशभर के राज्यों में पर्याप्त नमक है और इसकी कहीं कोई कमी नहीं है.
इसी तरह अब एक नई अटकलबाजी सामने आई है कि सरकार बैंक लॉकरों को सील करके उनमें रखे आभूषणों को जब्त कर लेगी. आखिर एक बार फिर केंद्रीय वित्त मंत्रालय को यह शुक्रवार को इस स्पष्टीकरण के लिए सामने आना पड़ा कि यह कोरी अटकलबाजी है और सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रही है. मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से ट्वीट कर कहा है, यह केवल कपोल कल्पना है कि सरकार का अगला कदम बैंक लॉकरों को सील करना और आभूषणों को जब्त करना है, जबकि ऐसी बातें निराधार हैं और सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
इसके साथ ही दो हजार रुपए के जारी किए गए नए नोटों से स्याही निकलने की खबरों पर भी मंत्रालय ने वास्तविकता बताई है. मंत्रालय ने कहा है कि दो हजार के नए नोटों में सुरक्षा की दृष्टि से कई खूबियां शामिल की गई हैं और इनमें उभरा हुआ मुद्रण भी शामिल है. दरअसल, सही नोट की पहचान के लिए जब आप इसे कपड़े पर रगड़ेंगे तो एक टर्बो विद्युत प्रभाव उत्पन्न होता है और इसी कारण स्याही कपड़े में लग जाती है. सच्चाई तो यह है कि जाली नोट न तैयार किए जा सकें, इस सतर्कता के साथ दो हजार के नए नोट लाए गए हैं.
नोटबंदी के बाद बैंकों से पैसे की निकासी और लेनदेन अभी सामान्य नहीं हो पाया है और लोगों को किसी हद तक मुश्किल हो रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, जबसे प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का एलान किया है, तबसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल सीमा से फर्जी नोटों की तस्करी बंद हो गई है. गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू के मुताबिक, सबसे ज्यादा तस्करी पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के जरिए ही होती थी, लेकिन 8 नवंबर के बाद से तस्करी की कोई खबर सामने नहीं आई है. जबकि आधिकारिक जानकारी के अनुसार औसतन 400 करोड़ रुपए के नकली नोट हमेशा देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट होते रहे हैं. नोटबंदी के बाद से यह भी काफी कम हो गया है.
केंद्र सरकार का मानना है कि हर साल हमारे दुश्मन देश कम से कम 70 करोड़ रुपए के नकली नोट भारत की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट करते हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 की पहली छमाही में ही जांच एजेंसियों ने 12.35 करोड़ के नकली नोट जब्त किए हैं. यह रकम 2015 में जहां 34.99 करोड़ की थी, वहीं 2014 में 36.11 करोड़ और 2013 में 42.90 करोड़ रुपए थी. असलियत यह है कि आतंक में पैसा किस तरह इस्तेमाल होता है, इस पर तैयार की गई गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब सात-आठ सौ करोड़ रुपए हर साल आतंकी गतिविधियों में पंप किया जाता है.