अगर तन मिले मगर मन न मिले

जैसे बिछौना मिले, नींद न मिले

अगर सुख मिले मगर चैन न मिले

जैसे दर्द मिले, हमदर्द न मिले

अगर आवाज मिले मगर शब्द न मिले

जैसे जिंदगी मिले मगर प्यार न मिले

अगर दो जिस्म मिलें मगर जां न मिले

जैसे इंसान मिले, इंसानियत न मिले.

- अमित सक्सेना

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...