भारत की बेस्ट शटलर कही जाने वाली सायना नेहवाल ने अपने करियर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. रियो ओलंपिक में अपनी चोट के कारण शुरुआत में ही बाहर होने वाली सायना वापसी की कोशिशों में लगी हैं लेकिन उन्हें अपने दिल में कहीं ऐसा लगता है कि उनका करियर खत्म होने की ओर है.

भारत की सबसे बड़ी बैडमिंटन स्टार सायना ने एक इंटरव्यू में कहा, 'कई लोग सोचते हैं कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा और मैं वापसी नहीं कर पाऊंगी. मुझे भी अपने दिल के अंदर कहीं महसूस होता है कि मेरा करियर खत्म होने की ओर है. देखते हैं कि आगे क्या होता है क्योंकि भविष्य के बारे में आप कुछ नहीं जानते.' लंदन ओलंपिक 2012 में ब्रोन्ज मेडल जीतने वाली सायना रियो ओलंपिक में घुटने की चोट से प्रभावित रहीं और ग्रुप दौर में ही ओलंपिक से बाहर हो गईं.

रियो से लौटने के बाद उन्होंने अपने घुटने की सर्जरी कराई. सायना इस समय कोर्ट पर ट्र्रेनिंग कर रही हैं और उनके कोच विमल कुमार सायना की वापसी को लेकर किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है.

26 वर्षीय सायना ने 15 नवंबर से होने वाले चाइना ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट से वापसी करने पर अपनी नजरें टिका रखी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ कड़ी मेहनत करना चाहती हूं. मैं देखना चाहती हूं कि मेरा शरीर कितना फिट रहता है और मैं उन क्षेत्रों में काम कर रही हूं जो मेरे लिए कमजोर हैं. मैं फिलहाल जीतने या हारने के बारे में कुछ नहीं सोच रही हूं.'

सायना ने कहा, 'मुझे कहीं ज्यादा खुशी होगी अगर लोग सोचते हैं कि मैं खत्म हो चुकी हूं. दूसरे नजरिये से देखें तो यह अच्छा लगता है कि लोग मेरे बारे में ज्यादा सोचते हैं. मैं अभी अगले एक साल के बारे में सोचूंगी, फिर मैं साल-दर-साल आगे बढूंगी. मैं अपने लिए अगले पांच-छह वर्षों का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं कर रही. मेरी सोच अगले एक-दो या तीन सालों में बदल सकती है.'

उन्होंने कहा, 'फिलहाल मुझे यह देखना है कि मेरा शरीर कितना फिट रहता है क्योंकि ये चोटें काफी दर्दनाक हैं. अगर मैं कोई टूर्नामेंट जीत भी जाती हूं तो खुशी उतनी ज्यादा नहीं होगी क्योंकि चोटों का दर्द काफी सहना पड़ा है.'

सायना ने कहा, 'अपनी चोट के दर्द के दौरान मैंने अपनी मां से पूछा था कि काफी दर्द हो रहा है, अब क्या होगा. मेरी मां ने कहा था कि क्या हो गया, कुछ नहीं हुआ है. तुम खेलना. उन्हीं की प्रेरणा है कि मैं आज फिर खड़ी हो पाई हूं. मां ने हमेशा मेरा साथ दिया है. मुझे खुशी है कि मेरे पास ऐसे माता-पिता हैं जो खराब समय में इतने मजबूत बन गए. कई माता-पिता तो ऐसे समय में टूट जाते हैं लेकिन उन्हें सलाम है कि वह मुझसे भी ज्यादा मजबूत रहे.'

चोट से उबरने के बाद सायना के लिए वापसी आसान नहीं होगी और उन्हें अपना कार्यक्रम ध्यान से तैयार करना होगा. सायना 15 नवंबर से चाइना ओपन में और उसके बाद 22 नवंबर से हॉन्गकॉन्ग ओपन में हिस्सा ले सकती हैं. उनकी भागेदारी के बारे में अंतिम फैसला कुछ दिनों में ले लिया जाएगा.

सायना का कहना है कि वह रिजल्ट के बारे में चिंता किए बगैर कुछ मैच खेलना चाहती हैं. सायना यह भी मानती हैं कि अगर वह चीन में कोर्ट पर उतरती हैं तब वह 100 फीसदी फिट नहीं होंगी लेकिन वह अपना बेस्ट करने की कोशिश करेंगी.

वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें नंबर पर मौजूद सायना का फिलहाल लक्ष्य दुबई में साल के अंत पर होने वाले सुपर सीरीज फाइनल्स में जगह बनाने पर है जो दुनिया की टॉप आठ खिलाड़ियों में खेला जाता है. अपने करियर से संतुष्ट सायना ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया. नंबर वन रैंकिंग, ओलंपिक मेडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल, सभी बड़े टूर्नामेंट में मेडल, इससे ज्यादा और क्या चाहिए. मैंने अभी कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है. मुझे सिर्फ फिट रहना है और रिजल्ट खुद-ब-खुद आएंगे. फिलहाल मैं ज्यादा कुछ नहीं सोच रही हूं.'

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