कुछ लोग सही गैजेट के चयन के लिए ऑनलाइन साइटों पर फोन और लैपटॉप के रिव्यू भी पढ़ते हैं लेकिन ये रिव्यू पेड भी हो सकते हैं, जिससे यूजर को बाद में अपनी पसंद पर पछतावा करना पड़ सकता है. जानिए गैजेट खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

फोन के फीचर जरूर परखें

1.डिसप्ले का रेजोल्यूशन

आमतौर पर लोग बड़े डिसप्ले वाला फोन खरीदना पसंद करते हैं लेकिन वे इसके रेजोल्यूशन पर ध्यान नहीं देते. कम कीमत में एचवीजीए और वीजीए रेजोल्यूशन वाले फोन बेहद लोकप्रिय हैं लेकिन डिसप्ले क्वालिटी के मामले में ये कमजोर होते हैं. ऐसे में बजट ठीक-ठाक है तो बड़ी स्क्रीन के साथ-साथ यह भी देखें कि फोन में 1920*1080 या इससे अधिक रेजोल्यूशन का फुल एचडी डिसप्ले है या नहीं. इससे फोन पर गेम खेलने और वीडियो देखने का अनुभव बेहतर हो जाता है. यह भी सुनिश्चित करें कि डिसप्ले को खरोंच से बचाने के लिए उस पर गोरिल्ला ग्लास का सुरक्षा कवच चढ़ाया गया है या नहीं.

2.प्रोसेसर और रैम

स्मार्टफोन बाजार में ऑक्टाकोर प्रोसेसर से लैस फोन भारी तादाद में मौजूद हैं लेकिन इनमें से अधिकतर फोन की रैम प्रोसेसर के हिसाब से कम होती है. अगर फोन का प्रोसेसर अच्छा है तो रैम भी अधिक होनी चाहिए. क्वाडकोर प्रोसेसर वाला फोन खरीद रहे हैं तो उसमें 2 जीबी रैम होने से फोन की स्पीड अच्छी रहेगी. वहीं, ऑक्टाकोर प्रोसेसर का चयन कर रहे हैं तो कम से कम 3 जीबी रैम वाला फोन खरीदें. क्वाडकोर में चार प्रोसेसर और ऑक्टाकोर में आठ प्रोसेसर होते हैं.

3.स्टोरेज जरूर देखें

कंपनियां स्मार्टफोन में जितनी इंटरनल मेमोरी देती हैं, उतनी यूजर को इस्तेमाल के लिए नहीं मिल पाती है. 8 जीबी स्टोरेज वाले फोन में यूजर लगभग 6.2 जीबी और 16 जीबी वाले फोन में करीब 12.4 जीबी मेमोरी का ही प्रयोग कर पाते हैं क्योंकि बाकी मेमोरी फोन में पहले से मौजूद एप घेरे होते हैं. इसके अलावा अधिक इंटरनल मेमोरी वाले फोन में यह देखें कि इसमें मेमोरी कार्ड स्लॉट दिया गया है या नहीं.

4.कैमरा क्वालिटी

-अधिक मेगापिक्सल के कैमरे के लालच में आकर अक्सर लोग फोन खरीद लेते हैं, जबकि अच्छी फोटो खींचने के लिए मेगापिक्सल के साथ-साथ कैमरे के सेंसर और अन्य फीचर भी बहुत मायने रखते हैं. मिसाल के तौर पर आईफोन में 8 मेगापिक्सल का कैमरा मौजूद है, जो 6,000 रुपये तक के कई बजट फोन में भी आसानी से मिल जाता है लेकिन एलईडी फ्लैश, ऑटोफोकस और तमाम सेंसर की कमी के चलते ये फोन आईफोन की बराबरी नहीं कर पाते. फोन कैमरे का अपर्चर भी अच्छा होना चाहिए, ताकि कम रोशनी में बेहतरीन तस्वीरें खींची जा सकें.

5.ऑपर्रेंटग सिस्टम और बैटरी

गूगल अपना एंड्रॉयड नॉगेट ऑपरेटिंग सिस्टम पेश कर चुका है. हालांकि यह अभी कुछ ही फोन में आया है लेकिन यूजर चाहें तो लॉलीपॉप या मार्शमेलो से लैस हैंडसेट भी बेफिक्र होकर खरीद सकते हैं. यही नहीं, फोन की बैटरी पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है. बैटरी जितने अधिक एमएएच की होगी, उतना बेहतर रहेगा. ऑपरेटिंग सिस्टम भी फोन की बैटरी खपत को प्रभावित करता है, इसलिए मार्शमेलो या लॉलीपॉप ऑपरेटिंग सिस्टम का चयन करें, जो कम बैटरी खाते हैं.

लैपटॉप में ये खूबियां जरूरी

1.स्टोरेज और यूएसबी पोर्ट

-बाजार में 500 जीबी से 1 टेराबाइट तक की स्टोरेज क्षमता वाले लैपटॉप अधिक संख्या में मौजूद हैं. रोजमर्रा के काम के लिए इतनी स्टोरेज काफी होगी. कई कंपनियां मुफ्त में क्लाउड स्टोरेज भी उपलब्ध करा रही हैं. 20 से 30 हजार रुपये की कीमत में इतने स्टोरेज वाले लैपटॉप के कई विकल्प मौजूद हैं. इसके अलावा लैपटॉप में बेहतरीन बैटरी और कम से कम 3 यूएसबी पोर्ट होने चाहिए.

2.प्रोसेसर और रैम

-लैपटॉप में इंटेल और एएमडी के प्रोसेसर अधिक इस्तेमाल होते हैं. अगर आपका बजट ठीक है तो कम से कम इंटेल का कोर आई-3 प्रोसेसर वाला लैपटॉप खरीदें. इससे कम कोर वाले प्रोसेसर का लैपटॉप न लें. 25 से 30 हजार रुपये की कीमत में इस प्रोसेसर के कई लैपटॉप हैं. अगर बजट और अधिक है तो इंटेल का आई-5 कोर प्रोसेसर बेहतर रहेगा. एएमडी के एपीयू प्रोसेसर पर विचार किया जा सकता है. आजकल 4 जीबी रैम वाले लैपटॉप का चलन अधिक है. इससे कम रैम होने पर सिस्टम हैंग होने की शिकायत सता सकती है. अगर भारी गेम या ग्राफिक्स के शौकीन हैं तो जीपीयू और 4 जीबी से अधिक रैम वाला लैपटॉप लेने फायदे का सौदा साबित होगा.

3.डिसप्ले

-15.6 इंच के डिसप्ले वाले लैपटॉप उपभोक्ताओं के बीच अधिक लोकप्रिय हैं. इससे बड़े डिसप्ले वाले लैपटॉप को लाने और ले जाने में दिक्कत आ सकती है. कई सस्ते लैपटॉप में 11.6 इंच की स्क्रीन दी गई होती है. बजट अधिक है तो कम से कम 13 इंच से बड़ा लैपटॉप जरूर लें. डिसप्ले का रेजोल्यूशन कम से कम 1920७108 पिक्सल हो तो बेहतर रहेगा.

ऑफर की असलियत ऐसे जानें

कई ई-कॉमर्स साइटें गैजेट्स पर 40 से 70 फीसदी तक की छूट की पेशकश करती हैं. हालांकि खरीदारी से पहले यह देखना जरूरी है कि गैजेट में दाम के मुताबिक फीचर दिए गए हैं या नहीं. कई बार ऑनलाइन साइटें रीफर्बिश्ड स्मार्टफोन भी बेचती हैं. रीफर्बिश्ड फोन ऐसे फोन होते हैं, जिन्हें कंपनियां कुछ तकनीकी खराबी या डिजाइन संबंधी खामी की वजह से वापस मंगवा लेती हैं. कई मामलों में ग्राहक भी तकनीकी खामियों की शिकायत लेकर फोन निर्माता कंपनियों को लौटा देते हैं. कुछ कंपनियां ऐसे फोन खरीदकर इनमें मौजूद खामियों को दूर करती हैं और फिर इन्हें 30 से 70 फीसदी की कीमत पर बेचती हैं. वे इन पर छह महीने से लेकर एक साल तक की वारंटी भी देती हैं.

टूल से करें कीमत की तुलना

इंटरनेट पर कई ऐसे टूल मौजूद हैं, जो अलग-अलग साइटों पर मौजूद सामान की कीमतों की तुलना करते हैं. इनके जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि ऑफर से पहले उस सामान की सही कीमत क्या थी. ‘बाय हटके’ एक ऐसी वेबसाइट है, जो दो स्मार्टफोन की कीमतों और उनके फीचर की तुलना करती है. इतना ही नहीं, किसी सामान को किस वेबसाइट पर कितने रुपये में बेचा जा रहा है, यह उसके बारे में भी बताती है. 

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