कोरोना की वजह से लॉकडाउन है.साथ में शादी विवाह के लिए लगन का भी महीना.इस महीनें लाखों युवा युवती परिणय सूत्र में बंधने वाले थे.बहुत लोगों द्वारा अपने निकट सबन्धियों को आमंत्रण पत्र भी भेजे जा चुके थे.इसी बीच कोरोना का कहर शादी विवाह पर भी भारी पड़ने लगा.शादी का समय नजदीक आने लगा.बहुतेरे होने वाले दूल्हा दुल्हन का सगाई छेंका और मगनी,रिंग शिरोमणि शादी के पूर्व की रश्में पूरी हो गयी.इसी बीच कोरोना के कहर ने ख्वाबों की दुनिया पर ताला जड़ दिया.इस लॉक डाउन की वजह शादी विवाह पर भी रोक लग गयी.लोगों को नहीं मालूम कि अब कबतक चलेगा लॉक डाउन अगर लॉक डाउन खत्म भी हो गया तो सोशल डिस्टेंसिंग का मामला कबतक चलेगा.इस उधेड़बुन में होनेवाले दूल्हा दुल्हन के साथ में इनके परिजन और इष्ट मित्र भी पड़े हुवे हैं.
जहाँ लाखों शादियाँ रुक गयी है.इसी बीच बिहार के नवादा जिला से एक अच्छी खबर आई है कि बिना भीड़ भाड़ के दूल्हा दुल्हन मुँह में मास्क लगाये परिणय सूत्र में बंध गए. जहां कोरोना के कहर के बीच मुंह पर मास्क लगाकर पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर एक युवक और युवती परिणय सूत्र में बंध गए. यह यादगार शादी शेखपुरा जिलाधिकारी की अनुमति के बाद संभव हो सकी.
विश्व भर में एक महामारी के रूप में फैले कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने आम जनजीवन पर ब्रेक लगा दिया है, लोग फिलहाल अपने घरों में ही रह रहे हैं और सिर्फ जरूरी समान के लिए ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं.ऐसे में मुंह पर मास्क लगाए हिसुआ थाना क्षेत्र के अंदर बाजार काली स्थान के निवासी स्व धर्म देव प्रसाद कंधवे की पुत्री श्वेता कुमारी ने गौरव कुमार के साथ अग्नि के साथ फेरे लेकर नए जीवन की शुरुआत की.
बरबीघा थाना क्षेत्र के झंडा चौक के हनुमान गली के रहने वाले निवासी स्व गोपाल प्रसाद के पुत्र गौरव कुमार ने शेखपुरा के ज़िलाधिकारी इनायत खान के पास शादी की अर्जी लगायी.वहीं इस विवाह करने की अर्ज़ी पर डी एम ने लॉकडाउन का पालन करने व सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने के शर्त पर पास निर्गत किया.तब जाकर यह शादी सम्पन्न हो सका. इस दौरान लड़की का भाई और लड़के के चाचा गवाह के तौर पर मौजूद रहे.
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यह शादी पिछले नौ माह पहले ही तय हो चुकी थी और 15 अप्रैल 2020 की तिथि शादी के लिए निर्धारित की गई थी, परंतु वैश्विक महामामारी के कारण शादी टलने ही वाली थी लेकिन शेखपुरा जिलाधिकारी के आदेश के बाद यह सम्भव हो सका.
* पंडित की पंडितई नहीं डी एम का आदेश चला
एक तरफ शुभ लगन मुहूर्त देखकर हर काम करने को हमारे हिन्दू धर्म में प्रचलन है.खासकर शादी विवाह के मामले में और अधिक.पण्डित जी लग्नपत्री देखकर शादी विवाह के लिए तिथि मुहूर्त के अनुसार शुभ तिथि बताते हैं.उसके बदले में उन्हें दान दक्षिणा भी मिलता है.पूरे देश मे इस वर्ष भी लगन मुहूर्त देखकर पण्डित जी के अनुसार लोगों ने अपने लड़के लड़कियों के शादी और अन्य वैवाहिक कार्यक्रमों की तिथि तय की.लोगों ने आमंत्रण पत्र भी छपवाए.
पण्डित जी को तो शुभ लगन मुहूर्त देखकर यह मालूम होना चाहिए था कि इस महीने या आगे का महीना अशुभ है.कोरोना वायरस का प्रकोप होने वाला है.लेकिन पण्डित जी को यह सब पता नहीं उन्हें सिर्फ शुभ ही शुभ दिखाई दिया और लोगों को वैवाहिक कार्यक्रमो के बारे में जानकारी दी.तिथि के अनुसार लोगों ने खाना बनाने वाले,नाच बाजा, टेंट और गाड़ी वाले को अग्रिम पैसे दे दिए.लेकिन कोरोना बीमारी की वजह से रोक लग गयी.सच मायने में इन पंडितों के ऊपर मुकदमा दायर होना चाहिए कि तुम्हारे वजह से मेरा इतना नुकसान हुआ.अगर तुम्हें सही जानकारी होती तो तुम्हें सब शुभ अशुभ पता होना चाहिए था.
इस कोरोना की बीमारी और पण्डित जी का पावर और ज्ञान का पता आम लोगों को चलना चाहिए .अब समय आ गया है.इन चीजों को समझने का.पण्डित की पण्डितई नहीं इस शादी में डी एम साहब का आदेश लागू हुआ.देश के लोंगों आँख पर बन्द पट्टी को खोलो.