हम और आप लौकडाउन की वजह से घर में रहकर कुछ ही दिनों में उकता गए हैं, जरा कल्पना कीजिए अगर आपके पास रहने को घर नहीं और खाने के लिए भोजन न हो तो कैसा लगेगा. जी हां, आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बता रहे हैं जो पिछले दो सालों से जंगल में अकेले जिंदगी गुजार रही है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि ये महिला घर में नहीं रहती बल्कि सड़क में बने स्क्रबर यानी गढ्ढेनुमा कवर के नीचे अपना जीवन यापन कर रही है. आपको बता दें कि यह किसी पुराने जमाने की बात नहीं बल्कि आज की सच्चाई है जो तमाम विकास के दावों की पोल खोलती है. दरअसल, यह मामला उत्तराखंड के चंपावत जिले का है.

इस महिला का नाम जयंती देवी है जिसने खुद को क्वारंटाइन कर रखा है. यह बाराकोट-पिथौरागढ़ लिंक मोटर मार्ग पर कैलाड़ी तोक के धारगड़ा नामक स्थान पर स्क्रबर में रहती है. स्थानीय लोगों को जब यह जानकारी मिली तो वे महिला के पास पहुंचे और उससे स्क्रबर में रहने का कारण पूछा.

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महिला ने बताया कि उसके पति ने दूसरी शादी करने के बाद उसे छोड़ दिया था, वह अब गुजर चुका है. मायके वालों ने भी घर में रहने नहीं दिया उनसे जगड़ा भी हो गया.  घर में कोई नहीं है, जिसके कारण वह आज इस हाल में है. ये महिला इस छोटी सी जगह के अंदर ही खाना बनाती है. खाना बनाते समय इतना घुंआ होता है कि आम व्यक्ति तो दम ही तोड़ दे, लेकिन ये महिला इस छोटी सी जगह में अपना घरौंदा बसा चुकी है, लेकिन ऐसी जिंदगी गुजारने का इसे बहुत दुख है.

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