जब कोई बीमारी पूरे विश्व के अधिकांश देशों में छुआछूत के कारण फैलती है तो उसे महामारी कहते हैं. इसका फैलाव क्षेत्र पूरा विश्व होता है. महामारी पूरे विश्व में फैलती है व उस पर नियंत्रण हासिल कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इतिहास बताता है कि एक समय था जब प्लेग, चेचक, हैजा आदि महामारी घोषित हुए थे. पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा ब्लैक डेथ (या काली मौत) नामक बीमारी ने प्रभावित किया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) इससे पहले  इनफलूएंजा को ही महामारी मानता था जबकि कोरोना वायरस फ्लू है.  जबकि इपेडेमिक या प्रकोप कहते थे, कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रहता व उससे कम लोग मरते हैं.  इपेडेमिक शब्द ग्रीक शब्द इपीडीमियम से पैदा हुआ है जबकि पेडेमिक शब्द पेडोमीज शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ‘सभी लोग’ इबोलो को इपोडेमिक कहा जाता था क्योंकि इसने पश्चिम अफ्रीका को ही प्रभावित किया व कुछ वर्षों में उसके कारण हजारों लोग मारे गए थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने इससे पहले विगत में प्लेग, इनफलुएंजा, यैलो फीवर, हैजा आदि को ही महामारी माना है. इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2009 में एच1एन1 स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया था.

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 पुरे विश्व में कोरोना के प्रति उठाये गए महत्वपूर्ण कदम

* इस बीमारी का पहले संदिग्ध मामलों के बारे में चीन ने  31 दिसंबर 2019 को WHO को सूचित किया गया था.

* चीन में रोगसूचक बीमारी के पहले उदाहरणों के साथ 8 दिसंबर 2019 को केवल तीन सप्ताह पहले दिखाई दिया था.

* वुहान शहर को 1 जनवरी 2020 को बाजार बंद कर दिया गया था, और जिन लोगों में कोरोनोवायरस संक्रमण के संकेत और लक्षण दिखाई दिए, उन्हें अलग कर दिया गया थे.

* संभावित रूप से संक्रमित व्यक्तियों के साथ संपर्क में आने वाले 400 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित 700 से अधिक लोगों की शुरुआत में निगरानी की गई थी.

* जाँच के बाद वुहान शहर के  41 लोगों में  2019-nCoV की उपस्थिति की पुष्टि की गई.

* कोरोना वायरस संक्रमण से पहली पुष्टि की गई मौत 9 जनवरी 2020 को हुई.

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* 23 जनवरी 2020 को, वुहान शहर को पूरा तरह बंद कर दिया गया,  वुहान के अंदर और बाहर सभी सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिया गया था.

* 24 जनवरी से आस-पास के चीन के शहर हुआंगगांग, इझोउ, चबी, जिंगझोउ और झीझियांग को भी अलग कर बंद कर दिया गया .

* 23 जनवरी 2020 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के खिलाफ फैसला किया.

* 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया,

इस  आपातकाल डब्लूएचओ द्वारा 2009 के एच वन एन वन के बाद छठा आपातकाल है.

देश  में कोरोना के प्रति उठाये गए महत्वपूर्ण कदम

*  17 जनवरी को सरकार ने  चीन की यात्रा से परहेज करने के लिए सलाह जारी की गई है

* 18 जनवरी को सरकार ने चीन और हॉन्ग कॉन्ग से आने वाले यात्रियों की थर्मल जांच शुरू किया गया .

*  30 जनवरी को सरकार ने चीन की यात्रा से बचने के लिए सख्त सलाह जारी की गई .

* भारत में 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया .

*  3 फरवरी को सरकार ने चीन के नागरिकों के लिए ई-वीजा की सुविधा निलंबित करना शुरू किया .

* 22 फरवरी को सरकार ने  सिंगापुर की यात्रा से बचने की सलाह जारी किया . साथ ही  काठमांडू, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलयेशिया से आने वाली उड़ानों की पूर्ण जांच शुरू किया गया .

* 26 फरवरी को सरकार ने ईरान, इटली और कोरिया गणराज्य की यात्रा से बचने के लिए सलाह जारी की गई. इन देशों से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू की गई, और जांच व जोखिम आकलन के आधार पर उन्हें क्वारंटाइन (एकांतवास) में भेजा जा सकता है.

* 3 मार्च को भारत सरकार ने एक आदेश कर इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान और चीन के लिए सभी तरह के वीजा निलंबित कर दिया . चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, ईरान, इटली, हॉन्ग कॉन्ग, मकाऊ, वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया, नेपाल, थाईलैंड, सिंगापुर और ताईवान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आने वाले यात्रियों की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच शुरू किया गया .

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* 4 मार्च को सभी सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की व्यापक जांच शुरू कर दिया . जांच और जोखिम विवरण के आधार पर क्वारंटाइन या एकांतवास के लिए घर या अस्पताल भेज जाया ने लगा .

 *  5 मार्च को सरकार ने इटली या कोरिया गणराज्य से आने वाले यात्रियों से प्रवेश से पहले स्वास्थ्य प्रमाण पत्र हासिल करना जरूरी कर दिया गया .

* 10 मार्च को सरकार ने आदेश जारी किया कि आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की खुद निगरानी करनी चाहिए और सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए.  इसमें ही आगे सरकार ने कहा कि चीन, हॉन्ग कॉन्ग, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, थाईलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलयेशिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा कर चुके यात्रियों को भारत में कदम रखने के बाद पहले 14 दिन तक घर पर ही क्वारंटाइन रहना होगा.

* 11 मार्च को सरकार ने अनिवार्य क्वारंटाइन जारी कर दिया . सरकार ने यह घोषण किया कि 15 फरवरी, 2020 के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया गणराज्य, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से घूमकर आने वाले यात्रियों को कम से कम 14 दिन की अवधि के लिए क्वारंटाइन रहना अनिवार्य है .

* 16 मार्च को सरकार ने यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से या वहां होकर आने वाले यात्रियों के लिए न्यूनतम 14 दिन के लिए विस्तृत अनिवार्य क्वारंटाइन करने को कहा.  इसी दिन सरकार ने  यूरोपीय संघ, यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन के सदस्य देशों, तुर्की और यूनाइटेड किंगडम से घूमकर आने वाले यात्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया .

 * 17 मार्च को सरकार ने अफगानिस्तान, फिलीपींस, मलयेशिया से आने वाले यात्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया .

* 22 मार्च को सरकार ने देश में आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया .

*   25 मार्च को भारत को आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन को 14 अप्रैल 2020 तक के लिए बढ़ाया दिया गया .

* महामारी के वैश्विक स्तर पर प्रसार के साथ न सिर्फ यात्रा सलाहों को संशोधित किया गया, बल्कि हवाई अड्डा जांच का सभी हवाई अड्डों तक विस्तार किया गया.

* हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच किए जाने के बाद यात्रियों को जोखिम आकलन के आधार पर क्वारंटाइन या अस्पतालों को भेज दिया गया.

हवाई यात्रा कर के आये उन सभी यात्रियों को लिस्ट अलग से बने गया जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच किए जाने के बाद यात्रियों को  स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्वस्थ करार दिया गया था . इनका ब्यौरा आवश्यक दिनों तक संबंधित राज्य/संघ शासित सरकारें से  साझा किया गया ताकि इन पर निगरानी बनाए रख सकें. जरुरत पड़ने पर इनकी जाँच हो .

*  25 मार्च से देश में 21 दिन का सम्पूर्ण लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है .

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