अमेरिका में दो लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और अब तक मरने वालों की तादात 4700 का आंकड़ा पार कर चुकी है. यहाँ मरने वालों की तादाद अब कोरोना का केंद्र रहे चीन से भी ज्यादा हो गई हैं.अमेरिका के इतिहास में बीते सौ सालों में इतनी ज़्यादा जानें जाने का रिकॉर्ड नहीं है. यहां तक कि 9/11 के आतंकी हमले में भी इतने नागरिक हताहत नहीं हुए जितने कोरोना संक्रमण के कारण मारे गए हैं.अमेरिका के लिए यह सबसे बड़ी मानवीय आपदाओं में से एक है.मौत के इस आंकड़े ने 2001 के 9/11 आतंकी हमले जिसमे 2,996 नागरिक मारे गए, 1906 के सैन फ्रांसिस्को भूकंप जिसमे 3389 लोग हताहत हुए और 1989 के साइक्लोन जिसमे 3,000 लोगों की मौत हुई, इन तमाम आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है.
संक्रमण के आधे से अधिक मामले अकेले न्यूयोर्क शहर में हुए हैं. न्यूयोर्क के गवर्नर एंड्रू कुओमो का कहना है कि आने वाले चंद दिनों में बाकी प्रदेशों में भी स्थिति भयावह हो सकती हैं.दो दिन पहले अमेरिका के उप राष्ट्रपति ने भी चेतावनी दी थी कि अमरीका में महामारी का स्वरूप कुछ वैसा हो सकता है जैसा इटली में हुआ है.गौरतलब है कि पूरे विश्व में कोरोना के कारण सबसे अधिक मौतें इटली में हुई हैं.इटली में कोरोना अब तक 13,155 लोगों की जानें ले चुका है जबकि 110,500 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं.
खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट करके अपने नागरिकों से कहा है – ‘अमेरिका बी प्रिपेयर’ यानी अमेरिका तैयार रहो. ट्रम्प के मुताबिक़ अमेरिका के लिए आने वाले दिन काफी भयावह हो सकते हैं और अमरीकियों को डरना नहीं चाहिए बल्कि डट कर तैयार रहना चाहिए.
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अमेरिका के जाने माने इंफेक्शियसस डिज़ीज़ेज़स एक्सपर्ट एंटोनी फाउची की मानें तो कोरोना से बचाव का सबसे कारगर तरीक इसका टीका ही होगा. ये कहना कि ये वायरस गर्मी से ख़तम हो जाएगा, सिर्फ एक संभावना भर है.टीके पर काम चल रहा है और टीके का टेस्ट भी इंसानों पर हो रहा है, लेकिन आम लोगों के लिए बाज़ार में कोरोना से बचाव का टीका आने में कम से कम डेढ़ साल लगने वाले हैं इसलिए लोगों से दूरी बनाये रखना ही अपनी जान बचाने का एकमात्र रास्ता है.
अमेरिका ने अभी तक लॉक डाउन का रास्ता इख्तियार नहीं किया है और ऐसा करके अपनी अर्थव्यवस्था को चौपट करने का उसका कोई इरादा भी नहीं दिखता है.ये बात खुद राष्ट्रपति ट्रम्प ने कही है कि वो फिलहाल देश में ट्रेनें और देश के भीतर चल रही उड़ानों को रद्द करने पर कोई विचार नहीं कर रहे हैं.
ट्रम्प का कहना है कि ये बड़ा फ़ैसला है और इसका असर सीधे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, इसलिए लॉक डाउन की बजाय वो लोगों की अधिक जांच पर विचार कर रहे हैं.
स्वीडन का ज़िक्र करते हुए ट्रम्प ने कहा कि देश में आम जनजीवन का चलते रहना ज़रूरी है. जिन देशों ने अपने देश को पूरी तरह लॉक डाउन किया है उनके सामने दूसरी तरह की समस्याएं खड़ी हो गई हैं.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बीते एक सप्ताह में जिस तरह पूरी दुनिया में कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या में बड़ा उछाल आया है और ये लगभग दोगुना हो गई हैं, उससे इस बीमारी के जल्दी ख़तम होने के आसार कम ही हैं.जल्दी ही इस वायरस संक्रमण के मामले 1 मिलियन (10 लाख) हो जाएंगे और मौतों का आंकड़ा 50,000 तक पहुंच जाएगा. विकासशील देश इस महामारी से कारगर रूप से निपट सकें और इसके बाद अपनी अर्थव्यवस्था को भी बचा सकें इसके लिए उनके कर्ज को माफ़ किया जाना ज़रूरी है.