लेखक-राजेश चौरसिया
●किन्नरों ने नेताओं जनप्रतिनिधियों को पीछे छोड़ा..
●रोजाना बांट रहे जरूरतमंद लोगों को लाखों का राशन..
●कहा अब तक जनता ने हमें पाला अबकी हमारी बारी है..
●हमारा सब कुछ न्यौछावर इन पर, ये सब इनका ही तो है..
●जनता बोली किन्नरराज़ में रामराज़, नेता वेता सब नाम के..
●सेक्स परिवर्तन कर जीतू से बनी थी नीतू..
देशभर में लॉग डाउन का असर सभी जगह देखने को मिल रहा है जिसके चलते आम से लेकर खासतक तक हर कोई परेशान है जो भी जिस स्तर का है वह उस स्तर पर मजबूर और परेशान है. किसी की परेशानी किसी से कमतर यानि किसी से कम नहीं है. बावजूद इसके लोगों में जितना दम है वह एक-दूसरे की मदद करने में लगे हुए हैं. और ऐसे लोगों के जज्बे को हम सलाम करते हैं.
ताजा मामला मध्य प्रदेश बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले का है जहां जनता के राजा अर्थात सेवक कहने वाले नेताओं जनप्रतिनिधियों को पीछे छोड़ते लोगों के हुए मुश्किल वक्क्त में थर्ड जेंडर (किन्नरों) ने वो कर दिखाया है कि जिसे देख कर आप आह और वह किए बगैर ना रहेंगे.
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तो आइए चलते हैं उस जगह पर जहां पर आप की आह और वाह दोनों एक साथ निकलने वाली है.
यह हैं छतरपुर की आईकॉन नीतू किन्नर जिन्होंने यहां छतरपुर की धरा पर ही जन्म लिया और देशभर में अपनी खूबसूरती और नाजुक अदाओं प्रणाम कमाया. नीतू ने अपने दौर का सबसे युवा और खूबसूरत किन्नर माना जाता था जो उम्र के इस पड़ाव में भी कायम है, उन्होंने अपने शुरुआती दौर में मुंबई में रहते हुए बहुत नाम कमाया और अब कई वर्षों से अपनी जन्मभूमि पहुंचकर लोगों की सेवा में लगी हुईं हैं.
बता दें कि जब से कोरोना का कहर देश-दुनिया पर छाया हुआ है और अब इसके डर/बचाव से देशभर में लॉक डाउन किया हुआ है तब से लोगों पर इसका खाशा असर हुआ है. और तभी से नीतू किन्नर और उनके साथी किन्नर इस मुहिम्मन लगे हुए हैं और रोजाना गरीब, असहाय, जरूरतमंद, मज़बूर, मजदूर लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं उन्हें काम भी नहीं मिला रहा जिससे वहः और उनके बच्चे भूखों मरने के कगार पर आ गये हैं. ऐसे में नीतू किन्नर सभी जरूरतमंदों को राशन, पानी और उनकी हर जरूरत को पूरा कर रहे हैं उन्हें राशन, पानी से लेकर कपड़े और नगद रूपाये तक बांट रहे हैं.
नीतू की मानें तो यह सब लॉग डाउन के पहले दिन से ही अनवरत जारी है और उनके यहां रोजाना सैकड़ों जरूरतमंदों की यूं ही भीड़ लगती है और वह दिल दोनों हाथ खोलकर लोगों की मदद करतीं हैं.
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नीतू की मानें तो यह सब इनका (जनता का) ही तो है. अब तक जनता ने हमें पाला है अब हमारी बारी है कि हम इनकी सेवा कर सकें यह जो भी है सब इनका ही तो दिया हुआ है जो हम इन्हें सूत समेत वापिस कर रहे हैं इसमें हमारा कुछ भी नहीं है सब ऊपरवाला कर रहा है हम सो सिर्फ निमित्त मात्र हैं. इस जग में हमारा किन्नर समाज का कुछ भी नहीं होता सब इन लोगों का ही होता है.
जानकारी के अनुसार नीतू किन्नर आज से नहीं विगत कई वर्षों से ऐसा करतीं आ रहीं हैं कि वह हर जरूरतमंद की हरसंभव मदद करती हैं. जो भी इनके दर पर पहुंचता है वह उसे खाली हाथ नहीं जाने देतीं.
दुनिया और लोगों की नजरों में भले ही यह शहर, नगर, जिले में बधाई और नेंग के तौर पर लोगों से मांगते नजर आते हैं पर असल में इसका दूसरा पहलू कुछ और ही है यह एक हाथ लेते हैं और दोनों हाथों से फील खोलकर सबको बांट देते हैं.
यहां जो जरूरतमंद इन तक पहुंच नहीं पाता और इन्हें पता चल जाता है तो यह और इनकीं टीम जरूरतमंद के घर जाकर उन्हें उनकी जरूरत का सामान मुहैया कराते हैं.
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जरूरतमंद लेने आई महिलाओं मीरा यादव, ममता प्रजापति, पुष्पा देवी की मानें तो नेता, जनप्रतिनिधि तो सिर्फ नाम के होते हैं जो सिर्फ हमसे लेने आते हैं देने कुछ भी नहीं, वह चुनाव के वक्त तो हमारे घरों तक चले आते हैं और उसके बाद 5 साल तक कहीं नजर ही नहीं आते. इससे बेहतर तो हमारे किन्नर लोग हैं जो हर वक्त हम मजमून, गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिये तत्पर और हर संभव खड़े रहते हैं.
मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि हम महिला/पुरुषों को इन (थर्ड जेंडर) किन्नरों ने पीछे छोड़ दिया है और ऐसे वक्त दिल और दोनों हाथ खोलकर लोगों की मदद कर रहे हैं. जिसे देख हर किसी के मुंह से आह और वाह दोनों निकल पड़ती है.