‘क्वीन’ फिल्म से चर्चा में आने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत आज बॉलीवुड की क्वीन कही जाती हैं. अत्यंत स्पष्ट भाषी और बोल्ड स्वभाव की कंगना, फिल्मी दुनिया में गॉडफादर न होने के बावजूद, अभिनय कर उन्होंने अपनी मंजिल पाई. थिएटर से फिल्मों की ओर रूख करने वाली कंगना को बचपन से अभिनय का शौक था. उनके इस सफर में काफी मुश्किलें आईं, पर उन्होंने उसे दरकिनार कर अपना रास्ता तय किया.
शुरुआत में कई बार उनकी इमानदारी, बोलने के लहजे और शरीर के आकार को लेकर काफी आलोचना की गई. लेकिन कंगना ने उसे नजरंदाज किया. हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गाँव से ताल्लुक रखने वाली कंगना ने ‘गैंगस्टर’ फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. ‘क्वीन’ फिल्म उनके जीवन की टर्निंग पॉइंट थी जहां से वह पूरी फिल्म इंडस्ट्री में छा गईं. अपने काम और उसकी सफलता को लेकर वह अधिक चिंतित नहीं रहतीं, क्योंकि उसे हमेशा अभिनय करते रहना पसंद है. वह एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं जिसने ‘बी ग्रेड’ फिल्मों में भी काम किया है. चेतन भगत की नॉवेल ‘वन इंडियन गर्ल’ के विमोचन पर उनसे हुई बातचीत के पेश हैं कुछ अंश.
प्र. इस किताब की कोई ऐसी घटना ,जिससे आप अपने आप को रिलेट कर सकती हैं?
यह एक सेंसेटिव किताब है जिसकी कई घटनाएं मुझसे जुड़ी हुई हैं. खासकर कामकाजी महिलाओं से मैं अपने आप को जोड़ सकती हूं. मैंने कई जगह देखा है कि अगर कोई महिला पुरुष से सफल होती है तो उसकी वैल्यू कम हो जाती है. अधिकतर पुरूष महिला को अपने से कमतर देखना चाहते हैं, वह आगे बढ़ने पर उसे कुछ न कुछ बात कहकर यह प्रूव करना चाहते हैं कि उनकी सोच सही नहीं. ऐसा मेरे साथ भी हुआ. इससे मुझमें और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा जगी. दरअसल किसी पुरुष की सफलता महिला सबसे अधिक सेलिब्रेट करती है. मुझे याद आता है कि मेरा रिलेशनशिप हमेशा मेरे विरूद्ध रहा. जब मैं सफल नहीं थी, उसने साथ दिया और ज्योही मैं सफल हुई, मेरा पार्टनर मुझसे ईर्ष्या करने लगा. उसका विश्वास मुझसे उठ गया और मेरा रिश्ता टूट गया. मैं बहुत दुखी हुई पर कोई चारा नहीं था, क्योंकि मैं अब पीछे नहीं जा सकती थी.
प्र. अभी आप एक सफल और सबसे अधिक मेहनताना पाने वाली अभिनेत्री बन चुकी हैं, ऐसे में आप क्या कुछ खो रही हैं?
जीवन में सफलता के साथ प्यार जरूरी है और यह हर महिला के लिए आवश्यक है. जो मुझे नहीं मिला जब मैं सफल हुई मुझसे मेरा प्यार छूट गया.मैंने हमेशा एक अच्छे जीवन साथी की कल्पना की थी जो मेरी सफलता को एन्जॉय करें. जो मुझे नहीं मिल पाया. ऐसे कम पुरूष होते हैं जो महिलाओं को सहयोग देते हैं,आज ऐसे पुरुषों की परिवार में आवश्यकता है. मुझे याद आता है जब मुझे पहली बार अवार्ड मिलने पर मैंने एक पार्टी रखी तो मेरा बॉयफ्रेंड खुश होने के वजाय अजीब नजर आया.
प्र. आप अपने जर्नी को कैसे देखती है?
मैंने जो करनी चाही, किया. मुझे इस बात का दुःख नहीं कि मैंने ‘बी ग्रेड’ फिल्में की हैं. मुझे जो फिल्म उत्साहित करे, उसे करती हूं. कोई मापदंड मैंने अपने लिए तैयार नहीं किया है. मैं आगे बढ़ना चाहती हूं इसमें जो फिल्म आ जाये उसे करती हूं . हर फिल्म मेरे लिए एक चुनौती लेकर आती है और जब फिल्म सफल होती है तो खुशी मिलती है. एक ‘आउटसाइडर’ को किसी फिल्म को ना कहने का हक नहीं होता. यही वजह है कि आज मैं सफल अभिनेत्री बन पाई. फिल्म गैंगस्टर,फैशन,वो लम्हे, तनु वेड्स मनु की सीरीज, क्वीन, कृष आदि सभी फिल्मों के द्वारा मेरी पहचान बनी. पहले लोगों ने मेरे पहनावे, बोलचाल और फिगर को लेकर काफी मजाक उड़ाया, पर मैंने उसे नजरअंदाज किया आज मेरे पहनावे की सब तारीफ करते हैं.
प्र. आप ऋतिक के साथ हुई कंट्रोवर्सी को कैसे लेती हैं?
मुझे बहुत अजीब लगता है कि 43 साल के बेटे को बचाने उसके पिता हमेशा क्यों आगे आते हैं. सारे बड़े नाम वाले पिता अपने बेटे को कितना अपने पीछे छुपाकर रखेंगे. उनका बेटा एडल्ट है अपनी समस्या खुद सुलझा सकता है. वह मेरे सामने आये, मैं उसके किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार हूं.
प्र. आपको अगर सुपर पावर मिले तो क्या बदलना चाहती है?
मैं पुरूष और समाज की सोच को बदलना चाहती हूं जहां महिलाओं को अपने इच्छानुसार सबकुछ करने का मौका मिले. उनकी दखलंदाजी महिलाओं के जीवन में ना हो.
प्र. आपके सपनों का राजकुमार कैसा होगा?
ऐसा इंसान जो मेरी सफलता से खुश हो, मिलना मुश्किल है. जब आप सफल नहीं होते तब आपका कोई मोल नहीं होता और सफल होने पर एक कॉम्पिटीशन का सामना हमेशा करना पड़ता है. जैसा मेरे साथ पहले हुआ, जब मैं सफल नहीं थी तो मैं क्या पहनूं, ड्रेस का मूल्य कितना है, कब सेक्स करूं, ये सब उसके मर्जी से था. जब सफल हुई तो ‘ईगो’ सामने आया इसलिए अब मैं सतर्क हो चुकी हूं और अपने काम पर ध्यान दे रही हूँ.
प्र. क्या आप फैमिनिस्ट हैं?
नहीं मैं नारीवादी नहीं हूं, मैं इसे ‘ह्यूमनिज्म’ कहूंगी. जो एक पुरुष में होने चाहिएं. जो बिना किसी शर्त के महिलाओं का साथ दे. सालों से महिलाएं त्याग के नाम पर प्रताड़ित की जाती रही हैं. परिवार में बच्चों की देखभाल को एक जिम्मेदारी का नाम दिया जाता है. परिवार सम्भालने का काम कम नहीं होता. ये महिलाएं एक भविष्य का निर्माण कर रही हैं. मेरे हिसाब से एक हाउसवाइफ को मान-सम्मान नहीं मिलता और करियर ओरिएंटेड महिला को प्यार और विश्वास नहीं मिलता. आधुनिक महिलाओं को ऐसी परिस्थिती से गुजरना पड़ रहा है.
प्र. आगे कौन सी फिल्में कर रही हैं?
आगे कई फिल्में है जिसमें अभी मैं ‘सिमरन’ फिल्म की शूटिंग कर रही हूं. जिसमें मैं एक तलाकशुदा महिला की भूमिका निभा रही हूं.