सामाजिक सरोकारों से जुड़े फिल्मकार राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने अपनी फिल्म ‘‘रंग दे बसंती’’ में देश के रक्षामंत्री को इसलिए गोली मरवायी थी कि उन दिनों उन्होंने निजी जिंदगी में देखा था कि हमारे देश के बच्चे मिग विमान उड़ा उड़ाकर मर रहे थे और हमारे रक्षामंत्री सुबह उठकर पार्क में मार्निंग वाक पर जा रहे हैं, वहां से वापस लौटकर बयान बाजी करते हैं कि ‘यह बच्चे होश नहीं जोश में ज्यादा है.’. यह वहीं राकेश ओम प्रकाश मेहरा हैं, जिनकी नई फिल्म ‘मिर्जिया’ को उड़ी आतंकवादी हमले के बाद पैदा हुई स्थिति के चलते पाकिस्तान में बैन कर दिया गया.
कल जब राकेश ओम प्रकाश मेहरा से हमारी मुलाकात उनके आफिस में हुई, तो हमने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बैन पर मचे कोहराम पर सवाल किया, तो राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने ‘‘सरिता’’ पत्रिका से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा-‘‘मैं जो शोर मच रहा है, उसका हिस्सा नहीं बनना चाहता. मगर इस मुद्दे पर चुप भी नहीं रह सकता. देखिए, उड़ी सहित कुछ दूसरी जगहों पर भी आतंकवादी हमले हुए. कई मांओ ने अपने बेटे खोए. कई छोटे छोटे बच्चे अनाथ हो गए. कई परिवार अनाथ हो गए. बहनों ने भाई खो दिए. पत्नियों ने पति खो दिए. इन आतंकवादी हमलों में हमारे जो जवान शहीद हुए हैं, वह सभी काफी कम उम्र के हैं. युवा परिवार टूटे हैं. युवा विधवाएं हुई हैं. इनके बच्चे बहुत छोटे व कुछ तो एकदम नासमझ हैं.’’
राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने आगे कहा-‘‘यह समय दो काम करने के लिए है. एक काम तो इन परिवार वालों के दुःख दर्द को बांटने का है. दूसरा ऐसा काम किया जाए, जिससे कोई भी दूसरा देश हमारे देश की तरफ आंख उठाकर न देख सके. हमें यह दोनों काम प्राथमिकता के आधार पर करने पड़ेंगे. तीसरा काम यह कि हमने एक सरकार को चुना है, जिसकी जिम्मेदारी इस देश की कानून व्यवस्था व सुरक्षा को बनाए रखना है. अब हमें सरकार पर छोड़ना पड़ेगा कि वह इस दिशा में किस तरह से काम करती है, पर हमें उस पर दबाव भी बनाकर रखना पड़ेगा कि सरकार कुछ कड़े कदम उठाए. फिलहाल, सरकार इस दिशा में अच्छे कदम उठा रही है. तो अब सरकार जो कुछ कर रही है, उसके लिए हमें सरकार के साथ खड़े रहना होगा. उसे पूरा सपोर्ट करना चाहिए. युद्ध तो अंतिम विकल्प है. जिससे बचना चाहिए, समझदारी यही कहती है. सबसे पहले बातचीत व हर तरह के दबाव का उपयोग किया जाना चाहिए. पर यदि हमें युद्ध करना पड़े, तो हम वह भी करेंगे.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन





