अड़ियल, बड़बोले छोटे महाराज यानी उत्तर प्रदेश के कर्णधार योगी आदित्यनाथ भले कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोशल डिस्टेंसिंग की अपील दरकिनार करते हुए नवरात्र के प्रथम दिन अयोध्या पहुंच गए और अयोध्या में भगवान रामलला को टेंट से हटाकर उनके अस्थायी मंदिर में रखने के कार्यक्रम को सम्पूर्ण किया. परन्तु प्रदेश के युवाओं और बुज़ुर्गों के स्वास्थ को बरकरार रखने के लिए उन्होंने जो नेक पहल की है उसकी प्रशंसा होनी चाहिए. भले ये काम कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किया गया हो मगर पान मसाला, तम्बाकू और गुटका चबाने जैसे जानलेवा शौक पर पूरी तरह बैन लगाने की घोषणा से कैंसर के बढ़ते मामलों पर भी रोक अवश्य लगेगी.
योगी सरकार ने जगह जगह मसाला खा कर पीक थूकने वालों पर नकेल कसने के लिए पान मसाले गुटखे आदि पर बैन लगाने का ऐलान किया है. अपर मुख्य सचिव गृह व् सूचना अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण लार और थूक से होता है इसलिए इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने ये अहम् फैसला लिया है. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 35 पहुंच चुकी है.
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योगी के इस फैसले से वे परिवार खुश हैं जिनके अपने अस्पतालों में पड़े कैंसर से जंग लड़ रहे हैं या जिनके बच्चे मसाले की लत के चलते जाने अनजाने कैंसर के रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं.गौरतलब है कि कैंसर रोगियों और मृत्यु दर में उत्तर प्रदेश आज सबसे आगे है. छोटे छोटे बच्चों को गुटखे की लत ने बर्बाद कर रखा है. 2011 और 2014 के बीच प्रदेश में कैंसर मरीज़ों की संख्या दस प्रतिशत बढ़ी है. 2014 में उत्तर प्रदेश में कैंसर से 44 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु हुई है. कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू का सेवन है.
लखनऊ मेडिकल कॉलेज के रेडिओथेरपी विभाग के प्रमुख प्रोफ़ेसर एम.एल. भट्ट की माने तो उत्तर प्रदेश में हर साल दो लाख नए कैंसर रोगियों की पुष्टि हो रही है.
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वहीँ इस रोग से लड़ने के लिए प्रदेश में पर्याप्त साधनो की बहुत ज़्यादा कमी है. संसाधनों की बात करें तो पूरे प्रदेश में केवल तीन संस्थानों – लखनऊ मेडिकल कॉलेज, लोहिया इंस्टिट्यूट और बीएचयू में ही कैंसर रोगियों के इलाज की सुविधा है.इन तीन सेंटर्स में भी केवल पचास से साठ हज़ार मरीज़ ही हर साल इलाज के लिए पहुंच पाते हैं.इन सेंटर्स पर भी संसाधन सीमित हैं इसलिए अधिकतर कैंसर रोगी बिना इलाज के ही मौत के मुँह में समा जाते हैं. वहीँ कीमो के इंतज़ार में भी अधिकाँश रोगियों का नंबर नहीं आ पाता और वे कीमो के आभाव में दम तोड़ देते हैं.
अब जबकि योगी सरकार ने कोरोना के बहाने ही सही तम्बाकू पर रोक लगाने का फैसला किया है तो इससे मुँह, गले, पेट और फेफड़े के कैंसर मरीज़ों की संख्या में अवश्य कमी आएगी। योगी के इस नेक फैसले का बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी अनुसरण करना चाहिए. ताकि आने वाली पीढ़ी को कई भयावह रोगो की ज़द में आकर समय पहले मौत के मुँह में जाने से बचाया जा सके.