होली रंगों का त्योहार है. रंग सूखे हों या गीले, उन्हें लगाए बिना होली अधूरी है. आप रंगों से अपना चेहरा रंगवाएं या दूसरे के चेहरे पर रंग लगाएं, इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि इस से आंखों को नुकसान न पहुंचे.

इन दिनों सिंथैटिक रंगों से होली खेली जाती है. इन में घातक रसायन होते हैं जो आंखों में जाने से गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकते हैं और होली का सारा मजा किरकिरा हो सकता है. कईर् बार आंखों में रंगगुलाल चले जाने से उन में इतनी तीव्र जलन होती है कि ऐसा लगता है जैसे कुछ समय के लिए अंधे ही हो गए. आंखें खुलने का नाम नहीं लेतीं. वे लाल सुर्ख हो जाती हैं और सूज भी सकती हैं.

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1 चेहरा धोने से पहले सूखे कपड़े से पोछ लें…

होली खेलने के बाद शाम को जब आप स्नान करें तो सब से पहले अपनी आंखें बंद कर के बालों में कंघी कर लें या सूखे कपड़े से बाल झाड़पोंछ लें. चेहरा भी सूखे कपड़े से ठीक से पोंछ लें. इस के बाद जब आप बालों या चेहरे को साबुन व पानी से धोएं तो आंखों को कस कर बंद रखें ताकि रंग घुल कर आंखों में न जा सके.

2 रंग खेलते वक्त लगा लें चश्मा…

होली खेलते समय आप को चश्मा लगा लेना चाहिए ताकि आंखों का थोड़ा बचाव हो सके. यदि आप को नजर वाला चश्मा नहीं लगता है तो धूप का चश्मा भी लगाया जा सकता है. वैसे भी, जब आप को मालूम है कि सामने वाला आप के चेहरे या बालों में गीला-सूखा रंग डाले बगैर मानने वाला नहीं है, तो आप अपनी आंखों को कस कर बंद कर लें और उसे लगाने दें. अन्यथा रंगों से बचने की कोशिश में आप की आंखों में रंग चला जाएगा और परेशानी खड़ी हो जाएगी.

3 सड़कों पर हेलमेट का करें प्रयोग

यदि आप दोपहिया वाहन से जा रहे हैं तो हैलमेट लगा कर ही जाएं. बच्चे रंग या पानी से भरे गुब्बारे फेंकते हैं जो आंखों में घुस कर उन्हें चोटिल कर सकते हैं. इसी प्रकार, यदि आप कार से जा रहे हैं तो शीशे चढ़ा कर रखें वरना रंगभरे गुब्बारे लगने से आप की आईबौल या रेटिना क्षतिग्रस्त हो सकती है. गुब्बारे की मार इतनी जबरदस्त होती है कि आंखों की रोशनी जा भी सकती है.

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4 कौन्टैक्ट लैंस न लगाएं

यदि आप कौन्टैक्ट लैंस लगाते हैं तो होली के दिन उस के बजाय चश्मा पहन लेना बेहतर है क्योंकि गुब्बारे से लैंस निकल सकता है.

5 डॉक्टर को दिखाए

यदि तमाम सावधानियां और सतर्कता बरतने के बावजूद आंखों में रंग चला ही जाए तो साफ, ठंडे पानी से उन्हें धोएं. एक बार नहीं, बारबार धोएं, इस से रंगों का प्रभाव कम हो कर जलन से राहत मिलेगी. इस के बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. अपने मन से कोई भी लोशन, तेल या औइंटमैंट न लगाएं.

होली में सब से ज्यादा नुकसान दानेदार कण वाले रंगों से पहुंचता है. कौर्निया यानी आंखों की पुतली के लिए ये बेहद नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इन में टौक्सिक यानी जहरीले पदार्थ होते हैं. इस से आंखों में तीव्र दर्द महसूस होता है. समय पर डाक्टर को नहीं दिखाने से आंखों में इन्फैक्शन या अल्सर भी हो सकता है.

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