शुक्रवार सुबह जैसे ही लोगों ने अपने टेलीवीजन और मोबाइल पर नजर दौड़ाई खुशी की लहर दौड़ गई. खुशी का कारण था कानून का एनकाउंटर. एक ऐसा एनकाउंटर जिससे भले ही जनता को राहत मिली हो लेकिन उसने कानून की धज्जियां उड़ा दी. भारत के संविधान में शायद यही खूबसूरती है कि यहां आरोपी को भी अपनी बात कहने का पूरा हक है. इस बात से कोई भी तार्रुफ नहीं रखेगा कि दुष्कर्म किसी भी मायने भी संगीन जुर्म नहीं है. इस जुर्म की सजा ही मौत है. लेकिन कानूनन. शाम होते होते एक और खबर आ गई कि उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई. दो दिन तक मौत से लड़ने वाली उन्नाव की बेटी मौत से जंग हार गई.
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने 43 घंटे जीवन से संघर्ष किया, मगर वह हार गई. गांव और उसके आस-पास के लोगों में घटना को लेकर गम, गुस्सा और कुछ अनसुलझे सवाल भी हैं. लड़की के घर में पहले से ही मातम पसरा हुआ था, मौत के बाद पूरा गांव गमगीन है. गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. मामले के तूल पकड़ते ही बड़ी संख्या में राजनीतिक पार्टियों के लोगों का आना जाना लगा हुआ है. कुल मिलाकर सब यह दिखाने को तैयार हैं कि हम परिवार के साथ सबसे पहले खड़े हैं.
आक्रोश के चलते शुक्रवार को पुलिस ने अरोपियों को छिपाकर पीएचसी से मेडिकल करवाया. फिर कोर्ट में पेश किया। अब सभी आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. मामले में गांव की प्रधान के पति और बेटे को भी आरोपी बनाया गया है. गांव वालों के अनुसार, दोनों परिवारों में दो साल पहले तक बहुत मधुर संबंध थे. पीड़ित परिवार का संबंध गांव के प्रधान से भी अच्छा था.
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खुद पीड़ित लड़की के पिता इस बात को बताते हैं कि प्रधान परिवार उनकी काफी मदद करता था और सरकारी योजनाओं का लाभ भी आसानी से मिल जाता था। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबंध खराब हो गए. 18 जनवरी 2018 को रायबरेली कोर्ट में पीड़िता और आरोपित शिवम त्रिवेदी ने शादी के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था.
अनुबंध में लिखा गया था कि शादी के बाद वह लड़की का पूरा ख्याल रखेगा. उसे हर्जा, खर्चा देगा. उसके भरण-पोषण की जिम्मेदारी शिवम की है. अनुबंध के कुछ दिन बाद ही सारी कसमें टूट गई. पीड़िता को अकेला छोड़कर शिवम चला गया. उसके बाद, पीड़िता ने अपना हक मांगा तो उसने धमकी दी गई. गांव में पंचायत हुई तो शिवम के घरवालों ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि रुपये ले लो और शिवम को छोड़ दो.
लड़की की भाभी बताती हैं, “दोनों ने कब शादी की थी, इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. हम लोगों को शादी के बारे में तब पता चला, जब लड़के ने यहां पर लड़ाई-झगड़ा किया था. तब लड़की ने बताया कि उसने कोर्ट में शिवम से शादी की है, लेकिन अब वह उसे मानने से इनकार कर रहा है.”
उधर आरोपी शिवम की मां ने कहा, “न मेरे बेटे ने शादी की, न ही इस घटना में शामिल था, उसे तो सिर्फ फंसाया जा रहा है.” इस मामले में गांव की प्रधान शांति देवी ने कहा, “मेरे पति और बेटे को राजनीति के कारण फंसाया जा रहा है. वह निर्दोष हैं. इस मामले की चाहे जो एजेंसी जांच कर ले.”
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गांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि यहां कई दशक में ऐसी घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को पता नहीं क्या हो गया है. थोड़ी सी बात पर मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं. मामला शांति से सुलझाया जा सकता था. आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया, “पीड़िता के बयान के आधार पर सभी पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. सारे साक्ष्य एकत्र कर लिए गए हैं। हमें जल्द से जल्द वास्तविक दोषियों का पता लगाना है.”