तेलुगु फिल्मों से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली इलियाना डिक्रूज ने अब तक कई इश्तिहारों और फिल्मों में काम किया है. वैसे, उन्होंने मौडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत की थी, जिस की सलाह उन की मां ने दी थी. जब वे इश्तिहारों में काम कर रही थीं, तभी उन्हें तेलुगु फिल्म ‘देवदासु’ में काम करने का मौका मिला था. यह फिल्म ज्यादा नहीं चली थी, पर इस में इलियाना डिक्रूज को ‘बैस्ट डैब्यू’ अवार्ड मिला था. यहीं से उन की गाड़ी दक्षिण भारतीय फिल्मों में चल पड़ी थी. इलियान डिक्रूज के पिता का नाम रोनाल्डो डिक्रूज है और मां का नाम समायरा डिक्रूज है. जब इलियाना 10 साल की थीं, तब उन का परिवार मुंबई से गोवा चला गया था. उन्होंने वहीं रह कर अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
बौलीवुड में इलियाना डिक्रूज को पहला ब्रेक अनुराग बासु ने अपनी फिल्म ‘बर्फी’ के लिए दिया था. फिल्म कामयाब रही थी. इस में इलियाना का मासूम चेहरा सब को पसंद आया. उन की ऐक्टिंग को तारीफ मिली. उन्हें ‘बैस्ट डैब्यू’ अवार्ड भी मिला. इस के बाद इलियाना फिल्म ‘मैं तेरा हीरो’ में अपनी अच्छी ऐक्टिंग के लिए सराही गई थीं. उन का नाम दक्षिण भारत के कई फिल्म सुपरस्टारों के साथ जुड़ा. उन के अफेयर के चर्चे भी सुने गए थे. उन्होंने स्वीकारा भी था कि वे एक हीरो के साथ रिलेशनशिप में थीं और उसे छोड़ने की वजह हीरो का वफादार न होना बताया था. इलियाना डिक्रूज की नई फिल्म ‘रुस्तम’ भी ठीकठाक रही. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश :
हिंदी फिल्मों में आने की वजह?
कोई खास वजह नहीं है. कोई भी कलाकार ज्यादा दिनों तक फिल्मों से दूर नहीं रहना चाहता. मेरी फिल्म ‘रुस्तम’ बड़े परदे पर आ चुकी है. कई फिल्मों पर काम चल रहा है, क्योंकि फिल्म साइन करने से ले कर सिनेमाघर तक पहुंचने में समय लगता है.
फिल्म ‘रुस्तम’ में आप ने जो किरदार निभाया है, क्या उस का आप की निजी इमेज पर असर पड़ा?
मैं ऐसी नहीं हूं और इस फिल्म में बने हालात निजी जिंदगी में आने पर मैं क्या करूंगी, यह भी पता नहीं, क्योंकि मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ. मेरे हिसाब से मैं ने डायरैक्टर की सोच को परदे पर उतारा है. मेरे लिए हर फिल्म नया जोश लाती है.
फिल्म ‘रुस्तम’ करते वक्त आप के सामने क्याक्या मुश्किलें आई थीं?
इस फिल्म में ऐक्टिंग करना मुश्किल था, क्योंकि ऐसे हालात से मैं कभी गुजरी नहीं हूं. मैं इस में ग्लिसरीन ले कर आंसू निकालना नहीं चाहती थी. मैं रियल लगना चाहती थी. अक्षय कुमार की वजह से सब आसान हो गया.
दक्षिण भारत की फिल्मों और बौलीवुड की फिल्मों में काम करने में आप क्या अंतर पाती हैं?
वहां और यहां काफी समानता है, लेकिन कुछ अंतर भी है. वहां मैं ने बिंदास लड़की के किरदार निभाए, जिन्हें लोगों ने पसंद किया. वहां एक हीरो एक घूंसे से कइयों को मार गिराता है. बौलीवुड में ऐसा कम देखने को मिलता है. लेकिन वहां काम अनुशासित ढंग से होता है. समय पर शूटिंग खत्म हो जाती है. मैं ने वहां एक साल में 4 फिल्में भी की हैं. यहां लोग थोड़ा आराम से काम करते हैं. हां, अक्षय कुमार अनुशासित हैं और समय पर काम खत्म करते हैं.
आप का ड्रीम प्रोजैक्ट क्या है?
मैं सपने नहीं देखती. जो मिलता है, उसी में संतुष्ट रहती हूं. मैं कार्टून और कौमेडी फिल्में देखती हूं, इस से मेरा तनाव कम होता है.
तनाव होने पर आप और क्या करती हैं?
मेरा परिवार मुझे पूरी तरह सहयोग देता है. मातापिता, बहन सब का साथ मिलता है. मेरे चारों ओर अच्छे लोग हैं. इस से मुझे ताकत मिलती है.
आप के लिए आजादी का क्या मतलब है?
मेरे लिए आजादी का मतलब है कि जब मैं जो कहना चाहूं, लोगों के दखल के बिना कह पाऊं. मैं मर्द और औरत की समानता पर भरोसा करती हूं. किसी के साथ अगर कुछ गलत हो रहा है, उस बात को कहने की हिम्मत रखती हूं.
नई कौन सी फिल्में कर रही हैं?
अभी मैं फिल्म ‘बादशाहो’ कर रही हूं. इस के अलावा कुछ और फिल्में भी करने वाली हूं.