क्या आप जानते हैं, आपके फेवरेट बौलीवुड स्टार्स दीवाली कैसे सेलिब्रेट करते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं, बौलीवुड में कैसे दीवाली मनाई जाती है.

‘‘दिवाली पर आप पार्टियां करें, मिठाइयां बांटे, दोस्तों से मिले, हंसी मजाक कर खुशी बांटे..’’

शमा सिकंदर

मैं बहुत धार्मिक इंसान नहीं हूं. बल्कि मैं बहुत ही ज्यादा स्प्रिच्युअल इंसान हूं. मुझे लगता है कि इंसान को जो अच्छा लगे, उसे वही करना चाहिए. पटाखे वगैरह मुझे पसंद नहीं. वैसे भी दिवाली में जो पौलूशन/ प्रदूषण व गंदगी होती है, वह मेरी समझ से परे है. ऐसा दुनिया के किसी कोने में नहीं होता, जो हमारे यहां होता है. हम खुद अपने ही घर के अंदर इतना धुआं व गंदगी करते है, वह सही नही है. यह बात मुझे बहुत बुरी लगती है. इसकी बजाय आप पार्टियां करें, मिठाइयां बांटे, दोस्तों से मिले, हंसी मजाक कर खुशी मनाएं. यदि लड़की या कोई महिला सजना संवरना चाहती है, तेा जरुर करे. लेकिन अपने घर, सड़क व शहर में प्रदूषण से पूरे संसार का पर्यावरण खराब न करें. बढ़ते प्रदूषण के ही चलते  पूरी दुनिया में वातावरण खराब हो रहा है. दिवाली वाले दिन इतना धुंआ और प्रदूषण हो जाता है कि सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. मुझे तो सांस लेने के लिए मास्क लगाना पड़ता है. इसके अलावा बेजुबान जानवर तो अपनी जिंदगी तक खो देते हैं. मेरे कितने दोस्तों ने अपने पालतू जानवरों को खोया है. दिवाली के दिन पटाखों की आवाज व धुएं के चलते जानवरों का दम घुट जाता है. इसका जिम्मेदार तो हम ही हैं ? तो हमें ही एक इंसान के तौर पर यह जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी कि भाई कोई भी त्यौहार हो, उसका मकसद बर्बादी नहीं होना चाहिए. उसका मकसद खुशी का माहौल बनाना और एक दूसरे से प्रेम मोहब्बत होना चाहिए.

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‘‘मुझे इस दिवाली कुछ नही करना है..’’

आथिया शेट्टी

इस दिवाली मुझे कुछ नहीं करना.पता नहीं क्यों? पर दिवाली का माहौल ही नहीं है. ऐसा लग रहा है कि कोई त्यौहार आ ही नहीं रहा. मुझे लगता है दिवाली में शोर शराबा नही होना चाहिए. पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए. परिवार और फ्रेंड्स के साथ खाना खाना चाहिए.

‘‘इसमें रोशनी के साथ रंगोली के विभिन्न रंग भी होते हैं.’’

नील नितिन मुकेश

यह एक ऐसा त्यौहार है,जो पूरे परिवार को इकट्ठा करता है और खुशियां बांटता है.यह रंगीन और  उजाले के साथ एक माहौल से जोड़ देता है.इसमें रोषनी के साथ रंगोली के विभिन्न रंग भी होते हैं. दिवाली के दिन पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है. हम लोग एक साथ बहुत सारा समय बिताते हैं.हम लोग साथ मिलकर दिवाली का त्यौहार मनाते हैं.

‘‘मुझे दिवाली का इंतजार रहता है..’’

आलिया भट्ट

दिवाली रोशनी और उजाले का त्योहार है. मुझे रोशनी से ज्यादा प्यार है, तो हमें अपने घर को दीपों और फेयरी लाइट्स से सजाने के लिए अवसर का इंतजार रहता है. इसलिए मुझे दिवाली के त्योहार की उत्सुकता से प्रतीक्षा रहती है. मुझे अपने घर को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाने का बहुत शौक है. जब रात के अंधेरे में पूरा घर लाइट्स से जगमग हो, तो बहुत सुंदर लगता है. घर की सफाई का काम तो मेरी मां ही करती हैं. मैं अपना वार्डरोब जरुर दिवाली से पहले संवार लेती हूं. दिवाली के दिन सुबह हम करण जौहर के आफिस में संपन्न होने वाली दिवाली की पूजा में शामिल होने के लिए जाते हैं. रात को दीवाली की पार्टी और गेट टुगेदर को इंज्वाय करती हूं. मैं पटाखे फोड़ने के सख्त खिलाफ हूं. मैं ठहरी पशु प्रेमी. पटाखों की आवाज से पशुओं को तकलीफ होती है. इसके अलावा पटाखे फोड़ने से निकलने वाला धुआं प्रदूषण फैलाता है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है.

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‘‘मुझे ताश के पत्ते खेलना नही आता..’’

अदा शर्मा

अभी तो मैं अपनी एक नवंबर को प्रदर्षित होने वाली फिल्म ‘‘बाय पास रोड’’ को प्रमोट कर रही हूं. उम्मीद करती हूं कि लोग मेरी फिल्म ‘‘बायपास रोड’’ को देखें. मेरी तरफ से यही दिवाली का तोहफा सभी के लिए होगा. पर दिवाली के त्योहार पर ताश के पत्ते का जुआ खेलना गलत है. मुझे ताश के कार्ड खेलना तो आता नहीं हैं. मैं पटाखे जलाती नहीं हूं. क्योंकि मुझे जानवरों से बहुत प्यार है. मैं हर इंसान से कहना चाहूंगी कि उन्हें पटाखे नहीं जलाना चाहिए. क्योंकि जानवरों को पटाखों से बहुत डर लगता है. उनके लिए यह बम की तरह होता है. पटाखों को फोड़ना गलत मानती हूं.’’

‘‘पटाखों से दूर..’’

एकता जैन

फिल्म अभिनेत्री और टिकटौक स्टार एकता जैन दिवाली के पर्व को लेकर कहती हैं- ‘‘यूं तो मुझे हर पर्व अच्छे लगते हैं. मगर दिवाली का पर्व मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता है. दिवाली से पहले घर की सफाई, उसके बाद पूजा पाठ करके मन की सफाई, और चारो तरफ दिए की रोशनी बहुत अच्छी लगती है. फिर इतने सारे पकवान, मिठाई का पूरा माहौल प्रसन्नचित कर देता है. मुझे यही बात सबसे अधिक आनंद प्रदान करती है. मगर मुझे पटाखे फोड़ना पसंद नहीं. इससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है. जिससे हर इंसान और हर जानवर को तकलीफ होती है. मैं तो हर किसी से एक ही बात कहती हूं कि दिवाली में सिर्फ दिए जलाएं, पटाखे नहीं.

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