एंड्रॉयड फोन में अक्सर ये समस्या आती है कि वो हैंग हो जाता है. ऐसे में इरिटेट होना लाजमी है. हम आपको बताने जा रहे हैं वो कॉमन कारण जिनकी वजह से अक्सर फोन हैंग होता है. साथ ही जानें उनके सॉल्यूशन भी. कौन से हैं वो कारण…
1. अनावश्यक अपडेट करना
कई स्मार्टफोन कंपनियां अपने हैंडसेट के पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करने की सुविधा देती हैं. अपडेट का क्रम जैलीबीन >> किटकैट >> लॉलीपॉप >> मार्शमैलो हो सकता है. लेकिन ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट होने से स्मार्टफोन स्लो हो सकता है. इसकी बड़ी वजह फोन में पुराने हार्डवेयर के साथ कम स्पीड वाला प्रोसेसर और रैम हो सकती है. एंड्रॉइड फोन में कई बार ये समस्या ऐप्स अपडेट करने पर भी आती है. जिस ऐप का काम पड़ता हो उसे ही अपडेट करें.
सॉल्यूशन
कंपनी जो ऑपरेटिंग सिस्टम देती है, वो ही डिवाइस के लिए परफेक्ट होता है. अपडेट तभी करें जब फोन में ऑक्टाकोर प्रोसेसर और कम से कम 2GB रैम हो.
2. कई ऐप्स का ओपन रहना
यूजर जब स्मार्टफोन पर ऐप्स का इस्तेमाल करके उन्हें बैक करता है, तब वे बंद ना होकर मिनिमाइज हो जाते हैं. यानी वे बैकग्राउंड में ओपन रहते हैं. इस तरह धीरे-धीरे बैकग्राउंड में कई ऐप्स ओपन हो जाते हैं. ये ऐप्स फोन की रैम का स्पेस घेरते हैं, साथ ही इंटरनेट एक्सेस करने पर ये वर्क भी करते हैं. इस वजह से फोन लगातार स्लो होने लगता है और कई बार हैंगिंग की प्रॉब्लम आ जाती है.
सॉल्यूशन
किसी भी ऐप का इस्तेमाल करने के बाद उसे नेविगेशन की (Navigation Key) की मदद से प्रॉपर बंद करना चाहिए. Navigation Key पर कुछ देर तक टैब करने पर ओपन ऐप्स की लिस्ट आ जाती है. इस लिस्ट की मदद से आप ओपन ऐप्स को बंद कर सकते हैं.
3. कैशे का इकट्ठा होना
ऐसे यूजर्स जो स्मार्टफोन पर इंटरनेट का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, उनका फोन अक्सर स्लो हो जाता है और बाद में हैंगिंग की समस्या आने लगती है. दरअसल, इंटरनेट पर जब भी कुछ सर्च किया जाता है, तब वो फोन की टेम्परेरी मेमोरी में सेव हो जाता है. जब ये डाटा बहुत ज्यादा हो जाता है, तब स्मार्टफोन स्लो हो जाता है.
सॉल्यूशन
स्मार्टफोन के कैशे को हमेशा डिलीट करते रहना चाहिए. इसके लिए जिस ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी हिस्ट्री में जाकर टेम्परेरी फाइल डिलीट कर देनी चाहिए.
4. थर्ड पार्टी ऐप्स इन्स्टॉल करना
कई यूजर्स स्मार्टफोन में ऐसे थर्ड पार्टी ऐप्स इन्स्टॉल कर लेते हैं जो प्ले स्टोर पर भी नहीं होते. इन ऐप्स से सॉफ्टवेयर के करप्ट होने का खतरा रहता है. साथ ही ये फोन को हैंग करने का भी काम करते हैं.
सॉल्यूशन
केवल वही थर्ड पार्टी ऐप्स इन्स्टॉल करें जो ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद हों.
5. अपने आप एक्स्ट्रा ऐप्स का इन्स्टॉल होना
स्मार्टफोन में कई बार ऐप्स इन्स्टॉल करने के दौरान कुछ एक्स्ट्रा ऐप्स भी इन्स्टॉल हो जाते हैं. ये ऐप्स आपको दिखाई नहीं देते, लेकिन फोन की रजिस्ट्री में ये सेव हो जाते है. बाद में ये स्मार्टफोन को स्लो और हैंग करना शुरू कर देते हैं.
सॉल्यूशन
स्मार्टफोन में एंटीवायरस होने पर वह इन एक्स्ट्रा ऐप्स को क्लीन कर देगा. हालांकि, जिन स्मार्टफोन में कम स्पीड वाला प्रोसेसर होता है या फिर रैम कम होती है, वे एंटीवायरस से भी स्लो हो जाते हैं. ऐसे में उसकी जगह क्लीनर ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
6. इंटरनल मेमोरी में जगह ना होना
स्मार्टफोन की डिफॉल्ट मेमोरी इंटरनल होती है. यानी यूजर कोई ऐप्स इन्स्टॉल करे, फोटो-वीडियो बनाए या फिर कोई डाटा शेयर करे, ये सभी फोन की इंटरनल मेमोरी में आते हैं. ऐसे में जब फोन की मेमोरी में जगह कम बचती है तो स्लो होने से लेकर हैंग होने तक की प्रॉब्लम आने लगती हैं.
सॉल्यूशन
फोन की इंटरनल मेमोरी के डाटा को मेमोरी कार्ड में शिफ्ट कर देना चाहिए. यूजर चाहे तो कई ऐप्स भी मेमोरी कार्ड में मूव कर सकता है.
7. फोन को कभी ऑफ या रिस्टार्ट नहीं करना
कई यूजर्स ऐसे हैं जो स्मार्टफोन को कभी ऑफ या रिस्टार्ट नहीं करते. ऐसे में लगातार इस्तेमाल में आने से फोन स्लो होने लगता है और हैंगिंग की प्रॉब्लम भी आती है. दरअसल, फोन के लगातार ऑन बने रहने से उसमें मौजूद ऐप्स प्रॉपर बंद नहीं हो पाते.
सॉल्यूशन
इसका आसान उपाय ये है कि स्मार्टफोन को बंद करके उसकी बैटरी और मेमोरी कार्ड को रिमूव करके फिर से लगाना चाहिए. सप्ताह में एक बार ऐसा जरूर करना चाहिए.
8. सही चार्जर का इस्तेमाल नहीं करना
स्मार्टफोन यूजर्स अक्सर किसी भी चार्जर से फोन को चार्ज कर लेते हैं, लेकिन ये सही नहीं है. किसी भी चार्जर से फोन को चार्ज करने से फोन की बैटरी पर असर पड़ता है. बैटरी खराब होने से भी फोन स्लो या हैंग हो सकता है.
सॉल्यूशन
हमेशा अपनी कंपनी के चार्जर का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि कई चार्जर अलग-अलग वोल्ट का आउटपुट देते हैं. ऐसे में बैटरी कम वोल्ट की है तो वो खराब हो सकती है.
9. गैर जरूरी ऐप्स को फोन में रखना
कई यूजर्स स्मार्टफोन में ऐसे ऐप्स रखते हैं जिनका इस्तेमाल वे कभी नहीं करते. इनमें ज्यादातर फोटो एडिटिंग, म्यूजिक और वीडियो से जुड़े ऐप्स होते हैं. ये फोन की इंटरनल मेमोरी का स्पेस कवर करते हैं, जो फोन के स्लो होने का कारण भी बन जाता है.
सॉल्यूशन
यदि वीडियो और म्यूजिक प्लेयर से काम चल रहा है तो इससे जुड़े दूसरे ऐप्स नहीं डालने चाहिए. यूजर को ये ऐसा ऐप इन्स्टॉल करना चाहिए जो सभी फॉर्मेट की फाइल प्ले कर सके.