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पदक के लिए विदेश में ट्रेनिंग जरूरी: साक्षी मलिक

रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक का मानना है कि ओलंपिक में अधिक पदक हासिल करने के लिए पहले से तैयारी शुरू होनी चाहिए और खिलाड़ियों को विदेशों में भी इसकी ट्रेनिंग दी जानी चाहिये.

हर टीम लगाए अपना कोचिंग कैंप

प्रो कुश्ती लीग में हिस्सा लेने जा रहीं साक्षी ने कहा है कि पीडब्ल्यूएल के शुरू होने से पहले हर टीम अपना कोचिंग कैंप लगाए जिससे खासकर भारतीय खिलाड़ियों को ओलंपिक पदक विजेताओं से कुछ सीखने को मिले.

इन कैंपों में ही भारतीय खिलाड़ी अपनी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये कैंप औपचारिकता पूरी करने के लिए नहीं होने चाहिए.

पहलवानों के लिए हर सुविधा जरूरी

साक्षी ने राष्ट्रीय टीम को विदेशों में अनुभव दिलाने पर भी जोर दिया. उनका कहना है कि अगले ओलंपिक की तैयारी अभी से शुरू हो जानी चाहिए और पहलवानों के लिए डॉक्टर से लेकर फिजियोथेरेपिस्ट तक हर संभव सुविधाएं हमेशा बनी रहनी चाहिए.

भारत में महिला कुश्ती की बुरी स्थिति

भारत में महिला कुश्ती की जैसी स्थिति है, उससे साक्षी संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि पूरे देश में हजारों पहलवान अभ्यास करते हैं लेकिन पदक केवल एक आया है.

उन्होंने कहा 'मैं महिलाओं से भी अपील करती हूं कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस खेल को अपनाएं जिससे इस क्षेत्र में शून्य की स्थिति को खत्म किया जा सके.'

स्वागत समारोहों की वजह तैयारी हुई प्रभावित

साक्षी ने स्पष्ट किया कि हाल में तमाम स्वागत समारोहों की वजह से उनकी तैयारी प्रभावित हुई है लेकिन वह पीडब्ल्यूएल में पूरी तैयारी के साथ उतरेंगी.

इसलिए स्मार्ट ऑप्शन है गूगल मैप

गूगल मैप, इन दिनों हर किसी के लिए एक बड़ा सहारा है. अगर आप किसी शहर में नए हैं और आपको वहां के रास्‍ते और लोकेशन का अंदाजा नहीं है तो आप गूगल मैप की मदद से कहीं भी आ जा सकते हैं या सही लोकेशन पर पहुंच सकते हैं. इसके इस्‍तेमाल से कैब आदि को बुक करने में भी आसानी रहती है. एंड्रायड यूजर्स, गूगल मैप का उपयोग बेहद आसानी से कर लेते हैं. कई सारे एंड्रायड फोन में मैप, प्रीइंस्‍टॉल ही आता है और अगर ये पहले से फोन में उपलब्‍ध नहीं होता है तो इसे प्‍ले स्‍टोर से इंस्‍टॉल किया जा सकता है और आईडी डालकर एक्टिवेट किया जा सकता है.

लेकिन अगर आप, गूगल मैप को ज्‍यादा फास्‍ट और स्‍मार्ट तरीके से इस्‍तेमाल करना चाहते हैं तो ध्‍यान दें.

गूगल नॉउ कमांड का उपयोग

जब भी ड्राईविंग कर रहे हों और आपको पीछे से कोई मैप का डायरेक्‍शन बताने वाला न हो, तो आप गूगल नॉउ कमांड का इस्‍तेमाल करें. इसमें से गूगल की ओर से कमांड को आवाज के रूप में भी दिया जाता है. इससे आपको ड्राईविंग करने में आसानी होगी.

ऑफलाइन गूगल मैप

आप ऑफलाइन गूगल मैप को भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए, आपको ऑफलाइन मैप को डाउनलोड करना होगा. हर शहर का ऑफलाइन मैप भी अलग होता है, जो कि आपको अपनी लोकेशन ऑन करने पर अपने आप एक्टिवेट हो जाएगा.

स्‍पीड और स्‍पीड लिमिट को भी देखा जा सकता है

जी हां, एंड्रायड यूजर्स अपने फोन में अपनी स्‍पीड और स्‍पीड लिमिट को भी देख सकते हैं, जो कि उस मार्ग के लिए निर्धारित होगी. यूजर्स को वेलोसि‍राप्‍टर- मैप स्‍पीड लिमिट एप को इंस्‍टॉल करना होगा.

गूगल मैप के साथ ट्रिप को प्‍लान करें

गूगल मैप के साथ, यूजर्स अपनी ट्रिप को प्‍लान कर सकते हैं इससे उन्‍हें पता चल जाएगा कि उन्‍हें अपने गंतव्‍य तक पहुंचने में कितना समय लगेगा और वो कहां-कहां से होकर गुजरेंगे.

अपने रूट में मल्‍टीपल स्‍टॉप जोड़ना

अगर आप गूगल मैप के द्वारा सजेस्‍ट किए गए रास्‍ते से थोड़ा हटकर रास्‍ता लेना चाहते हैं तो आप ऊपर दिए गए तीन डॉट मेन्‍यू पर जाएं और हैमबर्गर ऑइकॉन को सेलेक्‍ट करें.

आपका रूट रिअरेंज हो जाएगा और आपको अपनी सुविधा के हिसाब से नया रूट मिल जाएगा.

मिस्त्री की विदाई के बाद घटी टाटा स्टील की रेटिंग

टाटा संस के अध्यक्ष पद से साइरस मिस्त्री की विदाई के बाद समूह में मचे घमासान का असर कंपनी की रेटिंग पर भी पड़ने लगा है. वैश्विक रेटिंग फर्म बिकवर्क रेटिंग्स ने टाटा स्टील की रेटिंग में संशोधन कर पॉजिटिव से नेगेटिव कर दिया है. यह रेटिंग इसके 6,500 करोड़ रुपये के गैर परिवर्तनीय ऋण पत्र (एनसीडी) के लिए है. हालांकि रेटिंग के हिसाब से फिलहाल कंपनी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित है.

टाटा स्टील द्वारा बाजार नियामक के समक्ष दी गई जानकारी में बताया है कि  ब्रिकवर्क ने इसके 4,000 करोड़ रुपये के एनसीडी की रेटिंग को बीडब्लूआर एए प्लस से संशोधित कर बीडब्लूआर एए माइनस कर दिया  है. इसका आउटलुक अभी भी स्टेबल है, जिसका मतलब कंपनी में किए गए निवेश की हाई डिग्री ऑफ सेफ्टी है.

बिकवर्क ने कंपनी के 2,500 करोड़ रुपये के डेट इश्यू के लिए भी रेटिंग नेगेटिव आउटलुक के साथ बीडब्लूआर एए से  बीडब्लूआर एए माइनस कर दिया है. इसका आउटलुक भी स्टेबल है, जिसका मतलब कंपनी में किए गए निवेश की हाई डिग्री आफ सेफ्टी है. फर्म का कहना है कि इस समय समूह के शीर्ष प्रबंधन स्तर पर स्पष्टता का अभाव है. इसका असर टाटा स्टील के रणनीतिक फैसलों पर पड़ सकता है.

उल्लेखनीय है कि बीते हफ्ते की शुरूआत में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. इसी  के साथ टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा को 4 महीने के लिए समूह का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. टाटा समूह के नए अध्यक्ष की तलाश एक सेलेक्शन पैनल करेगा और नए अध्यक्ष के आने तक रतन टाटा को अस्थाई रुप से इस पद पर नियुक्त किया गया है.

टाटा समूह के दक्षिण मुंबई स्थित ऐतिहासिक मुख्यालय बांबे हाउस में इन दिनों कुछ कक्षों को खाली करने का काम हो रहा है. समूह से जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना है कि ये कक्ष टाटा संस के निवर्तमान अध्यक्ष सायरस मिस्त्री से जुड़े हैं, जिनकी बर्खास्तगी के बाद सामान निकाला जा रहा है. हालांकि टाटा समूह के प्रवक्ता से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से मना किया.

मिस्त्री वर्ष 2011 में बांबे हाउस तब आए थे, जबकि उन्हें टाटा संस का वाइस चेयरमैन बनाया गया था. टाटा समूह के प्रवक्ता से जब ‘अमर उजाला’ ने इस बारे में जानना चाहा तो इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार किया. उनके मुताबिक इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

आत्महत्या करना चाहते थे ब्रेड हॉग

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर ब्रेड हॉग ने अपनी नई किताब ‘द रांग अन’ में कई हैरान करने वाली बातों का खुलासा किया है. हॉग ने अपनी नई किताब में कहा है कि संन्यास और शादी टूटने के बाद वह आत्महत्या करने की सोचने लगे थे.

बता दें, ब्रेड हॉग ऑस्ट्रेलिया की 2003 और 2007 विश्व कप विजेता टीमों का हिस्सा रहे थे. हॉग ने कहा कि उनके पास 2007-08 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने के अलावा कोई चारा नहीं था क्योंकि आंद्रिया से उनकी शादी टूटने की कगार पर थी.

अपनी आत्मकथा ‘द रांग अन’ में उन्होंने बताया कि शादी टूटने के बाद अगले तीन साल उन पर कितने भारी गुजरे जिसमें वह शराब पीने लगे थे. उन्होंने कहा कि मैंने समुद्र किनारे अपनी गाड़ी पार्क की और वॉक के लिए चला गया. मैंने समुद्र की ओर देखा और सोचा कि मैं इसमें कूद जाता हूं. बच निकला तो ठीक है और नहीं आ सका तो बदकिस्मती. मैं किस्मत पर छोड़ने को तैयार था. मैंने चार बार ऐसा सोचा लेकिन कर नहीं सका.

साल 2008 में हॉग ने नेशनल टीम से संन्यास ले लिया था. ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए हॉग ने 7 टेस्ट और 123 वनडे मैच खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में हॉग ने 3.67 के इकॉनमी रेट से 17 विकेट अपने नाम किया जबकि वनडे में 4.5 के इकॉनमी रेट से 156 विकेट हासिल किए.

निष्क्रिय पीएफ खातों पर 8.8% का ब्याज देगी सरकार

दिवाली के ठीक बाद केंद्र सरकार ने देश के करीब 9.70 करोड़ एंप्लॉयीज को बड़ा तोहफा देने की तैयारी की है. अब सरकार जल्द ही सरकार निष्क्रिय पीएफ अकाउंट्स में जमा राशि पर 8.8 फीसदी का ब्याज दिए जाने का ऐलान कर सकती है. केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को यह जानकारी दी.

दत्तात्रेय ने कहा, ‘निष्क्रिय अकाउंट पर साल 2011 के बाद से ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है. अब पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के आदेश के बाद हम इन खातों पर भी ब्याज का भुगतान करने जा रहे हैं. मैंने इस प्रस्ताव से संबंधित फाइल पर पहले ही साइन कर दिए हैं. जल्दी ही इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा. इन खातों पर हम 8.8 फीसदी की दर से ब्याज देंगे. इस अधिसूचना से देश के करीब 9.70 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलने वाला है. यह लोगों को दिवाली का गिफ्ट है. एक सप्ताह के भीतर इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.’

निष्क्रिय खातों में जमा है बड़ी राशि

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अधिकारियों ने पता लगाया है कि देश भर में निष्क्रिय पीएफ खातों में 42,000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा है. एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘ईपीएफ में लोग जब तक चाहें अपना फंड जमा रख सकते हैं. जब तक निष्क्रिय खातों पर भी लोगों को सरकार की ओर से ब्याज मिलेगा, वह पैसों की निकासी नहीं करना चाहेंगे. यह सुरक्षित निवेश भी है. आज नहीं तो कम हमें दावेदार को उसकी राशि देनी ही होगी. इसलिए इसमें अनक्लेम्ड अमाउंट जैसा कुछ भी नहीं है.’

…तो स्लो हो गई जियो 4जी की स्पीड

रिलायंस जियो 31 दिसंबर तक के लिए मुफ्त में अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग, एसएमएस, जियो ऐप्स सब्सक्रिप्शन समेत अनलिमिटेड 4जी इंटरनेट की सुविधा दे रही है. हालांकि सिम इस्तेमाल कर रहे कई यूजर्स ने जियो की 4जी स्पीड को लेकर शिकायत की है. लोगों का कहना है कि शुरुआत में जियो सिम की स्पीड काफी तेज थी, लेकिन समय के साथ स्पीड बेहद कम हो गई है. यहां हम आपको जियो की 4जी स्पीड कम होने से जुड़े कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं.

1. बढ़ते यूजर्स: रिलायंस जियो की मानें तो कंपनी ने एक महीने के भीतर ही 1.6 करोड़ ग्राहक जोड़ लिए थे. एक महीने में इतने यूजर्स जोड़ना भी एक रिकॉर्ड है. रिलायंस जियो की कमर्शियल लॉन्चिंग सितंबर की शुरुआत में की गई थी और कंपनी ने यह आंकड़े 30 सितंबर को पेश किए थे.

2. डेटा खपत: रिलायंस जियो के 4जी नेटवर्क पर हर दिन बड़ी मात्रा में इंटरनेट डेटा की खपत हो रही है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, जियो यूजर प्रतिदिन औसतन 1 जीबी डाटा उपयोग कर रहा है, वहीं जियो कंपनी पर प्रतिदिन 16000 टेराबाइट का ट्रैफिक होता है. इस आंकड़े से रिलायंस जियो प्रतिदिन की डेटा खपत के मामले में विश्व की नंबर एक कंपनी बनी है. इससे पहले यह रिकॉर्ड China Mobile कंपनी के नाम था, जिसकी डेटा खपत 12 हजार टेराबाइट प्रतिदिन है.

3. डेटा लिमिट: अगर आपको भी रिलायंस जियो की सिम इस्तेमाल करते हुए डेटा स्पीड स्लो लग रही है तो उसकी एक और वजह हो सकती है. दरअसल कंपनी ने 31 दिसंबर तक चल रहे वेलकम ऑफर में एक दिन के लिए 4 जीबी 4जी डेटा की लिमिट तय की है. यदि कोई यूजर इस लिमिट को पार कर लेता है तो दिन के बचे हुए घंटों के लिए स्पीड कम हो जाएगी.

4. ट्राई के आंकड़े: हाल ही में टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने भी दिग्गज टेलिकॉम कंपनियों की 4जी स्पीड के आंकड़े जारी किए थे. जिसके मुताबिक रिलायंस जियो एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, रिलायंस कंम्यूनिकेशंस की तुलना में सबसे स्लो 4जी स्पीड देता है. आंकड़ों के मुताबिक, पहले पायदान पर एयरटेल है जिसकी एवरेज स्पीड 11.4 Mbps वहीं, दूसरे पायदान पर 7.9 mbps स्पीड के साथ अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन रही. तीसरा नंबर आइडिया और चौथा वोडाफोन रहा. आइडिया की 4जी स्पीड 7.6 mbps और वोडाफोन की स्पीड 7.3 mbps रही. वहीं लिस्ट में सबसे नीचे पांचवे नंबर पर रिलायंस जियो रही. रिलायंस जियो की 4जी स्पीड 6.2 mbps आंकी गई.

अब सस्ता नहीं मिलेगा चीन का माल

पूरी दुनिया में सस्ते माल के लिए मशहूर चीन अब ग्लोबल इकॉनमी को नए बदलावों की ओर ले जाने की तैयारी में है. चीनी कंपनियां लंबे समय तक दुनिया भर में सस्ते माल की सप्लाइ के बाद अब कीमतों में इजाफा करने की तैयारी में हैं. ऐसा इसलिए कि चीनी कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डर में कमी आई है, इसके अलावा इन्हें अधिक मजदूरी का भुगतान करना पड़ रहा है. जियांगमेन लक टिशू मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड की ही बात करें तो इस कंपनी ने खुद को बचाए रखने के लिए आधे स्टाफ की छंटनी कर दी है.

इसके अलावा कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट्स के दाम भी बढ़ा दिए हैं और उत्पादन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑटोमेटिक मशीनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 2010 के बाद यह पहला मौका है, जब इस कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट्स की कीमत बढ़ाई है. चीन के दक्षिणी गुआंगदोंग प्रांत में स्थित कंपनी के डेप्युटी डायरेक्टर रोजर झाओ का कहना है कि उनके पास प्रॉडक्ट्स की कीमतों को इससे कम करने की संभावना नहीं है. वह कहते हैं कि कीमतें पहले ही थोड़ी ऊंची हैं और मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में इसमें गिरावट आने की कुछ संभावना है. हम इन कीमतों में कुछ इजाके की संभावना पर ही विचार कर रहे हैं.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियों का कहना है कि कीमतों में इजाफा करके वह पिछले दिनों मार्जिन में आई कमी की भरपाई करना चाहते हैं. वर्ल्ड इकॉनमी की बात की जाए तो जियांगमेन टिशू जैसी चीनी कंपनियों के इस फैसले से कीमतों में कमी रखने से मंदी के दबाव से राहत मिल सकेगी. अब तक पूरी दुनिया में प्रॉडक्ट्स की कम कीमत का दबाव बनाने वाली चीनी इंडस्ट्री के फैसले से ही मार्केट में कीमतें अधिक हो जाएंगी.

बीते 5 साल में चीन पहली बार इस साल सितंबर में चीन में मैन्युफैक्चिरिंग की कीमतें बढ़ गई हैं. इससे प्रॉडक्ट्स की कीमत में इजाफा होना तय माना जा रहा है. चीनी एक्सपोर्ट की कीमतें बढ़ने से जिन देशों के मार्केट को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, उनमें अमेरिका, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया और मेक्सिको हैं.

भारत में अंपायरिंग नहीं करेंगे अलीम दार

पाकिस्तानी अंपायर अलीम दार भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारत दौरे पर नहीं आएंगे. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए आईसीसी ये फैसला लिया है. अलीम दार आईसीसी एलीट पैनल के अंपायर हैं.

भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज में अब उनकी जगह श्रीलंका के अंपायर कुमार धर्मसेना अंपायरिंग करेंगे. भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच की सीरीज खेली जाएगी. इंग्लैंड का भारत दौरा नौ नवंबर से शुरू होगा.

अलीम दार की जगह धर्मसेना करेंगे अंपायरिंग

ये पहला मौका नहीं है जब सुरक्षा को देखते हुए आईसीसी ने अमील दार का नाम वापस लिया है. इससे पहले भी आईसीसी ने शिव सेना की धमकी की वजह पिछले साल भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुई वनडे सीरीज से अलीम दार का नाम वापस लिया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव

उरी अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनावा बढ़ा है. 18 सितंबर को भारत के 19 जवानों को आतंकियों ने मार दिया था. जिसके बाद से दोनों के बीच लगातार तनाव बढ़ता गया. बॉर्डर पर दोनों तरफ से लगातार जबरदस्त फायरिंग हो रही है. जिसके बाद भारत में खेल और पाकिस्तानी कलाकारों को पूरी तरह से बैन करने की मांग उठने लगी.

बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने भी पाकिस्तान से साथ खेलने से इंकार किया था. भारत के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा था कि जब पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद बंद नहीं हो जाता तबतक पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए.

भारत और पाकिस्तान के बीच कोई क्रिकेट नहीं

भारत ने पिछले लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी बायलेटरल सीरीज नहीं खेली है. साल 2012-13 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बायलेटरल सीरीज हुई थी. इसके बाद दोनों देश की टीमें चैंपियन्स ट्रॉफी (2013), वर्ल्ड कप (2015) और टी-टवेंटी वर्ल्ड (2016) में भिड़ी हैं.

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