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दुनिया के पांच सबसे सुरक्षित स्मॉर्टफोन

कंपटीशन के चलते कंपनियां एक से बढ़कर एक फीचर से लैस स्मॉर्टफोन मार्केट में लॉन्च करने में जुटी हैं. हार्डवेयर हो या सॉफ्टवेयर दोनों को सुरक्षा के लिहाज से काफी सुरक्षित बनाया जा रहा है.

फिंगरप्रिंट सेंसर, आईरिस स्कैनर, एन्क्रिप्शन जैसे कारगर सिक्योरिटी फीचर स्मॉर्टफोन की सुरक्षा को और पुख्ता कर रहे हैं. एक से बढ़कर एक सिक्योरिटी फीचर के बावजूद लोगों को अपनी प्राइवेसी की चिंता सताती रहती है लेकिन कुछ स्मॉर्टफोन ऐसे भी हैं जो लोगों की इस चिंता को दूर कर सकते हैं.

जानिए पांच ऐसे स्मॉर्टफोन्स के बारे में जो हैं सबसे ज्यादा सिक्योर….

Solarin

दुनिया के सबसे महंगे स्मॉर्टफोन्स में से एक 'सोलारिन' को इजराइल स्टॉर्टअप 'सिरिन' ने बनाया है. कंपनी के मुताबिक सोलरिन दुनिया की सबसे एडवांस प्रइवेसी टेक्नोलॉजी से बना हुआ है. यह फोन अभी तक एजेंसी के अलावा दुनिया में कहीं भी उपलब्ध नही है.

जिस सिक्योरिटी का इस्तेमाल सेना अपने संचार को सुरक्षित करने के लिए करती है लगभग उसी तरह की सिक्योरिटी सर्विस इस फोन में है. फोन में सिक्योरिटी ऑप्शन अलग से भी है जिसे आप इसके बैक से ऑन कर सकते हैं.

इस स्मार्टफोन में 256 बिट एईएस एन्क्रिप्शन की सुविधा है. अगर फोन के अन्य फीचर्स के बारे में बात करें तो लाजबाव हैं. 23.8 मेगा पिक्सल कैमरे के साथ इसमें 5.5 इंच की आईपीएस एलसीडी स्क्रीन होती है. स्नैपड्रैगन 810 प्रोसेसर है.

BlackBerry DTEK50

कनाडा की स्मार्टफोन कंपनी ब्लैकबेरी ने हाल ही में अपना DTEK50 स्मॉर्टफोन लॉन्च किया है. कंपनी के मुताबिक यह दुनिया का सबसे सिक्योर एंड्रॉयड स्मॉर्टफोन है.

DTEK50 ऐसे फीचर से लैस जो एप्लीकेशन्स को ऑटोमैटिक ट्रैक कर सकता है और साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम को भी मॉनीटर करता है. यह नहीं जब भी आपकी प्राइवेसी रिस्क पर होगी तो यह फोन आपको उसके बारे में सूचना देगा साथ ही आपको गाइड करेगी कि आपको क्या एक्शन लेना चाहिए जिससे आपकी प्राइवेसी सुरक्षित बनी रहे.

DTEK50 की एक खासियत है इसका 'पॉसवर्ड कीपर' नाम से एक ऐप जो आपको सभी पासवर्ड एक जगह पर स्टोर करने की सुविधा देता है. यह बेहद सिक्योर होता है. 5.2 इंच की फुल हाई डेफीनेशन स्क्रीन है. 13 मेगा पिक्सल कैमरा है.

Blackphone 2

'साइलेंट सर्किल' का ब्लैकफोन-2 दुनिया के सबसे सिक्योर स्मॉर्टफोन्स में से एक है. यह खुद का 'साइलेंट ऑपरेटिंग सिस्टम' देता है जोकि एंड्रॉयड पर ही आधारित है. कंपनी का दावा है कि यह स्मॉर्टफोन सुरक्षा के लिहाज से दुनिया का सबसे तेज स्मॉर्टफोन है.

72 घंटों के अंदर किसी आपको वह सारी सूचना देगा जो आपकी प्राइवेसी को खतरा पहुंचा सकती है. साइलेंट सर्किल ब्लैकफोन 2 मोबाइल में 5.50 इंच का 1080×1920 पिक्सल डिस्प्ले, 1.7 गीगाहर्ट्ज़ प्रोसेसर और 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है.

Boeing Black​

बोइंग ब्लैक, एयरोस्पेस, डिफेंस जिएंट बोइंग और स्मार्टफोन निर्माता ब्लैकबेरी के बीच सहयोग का परिणाम है. यह फोन आपकी कॉल को भी सुरक्षित रखता है.

एंड्रॉयड आधारित यह स्मार्टफोन सरकारी एजेंसियों व उन कारोबार में इस्तेमाल किया जाता है जहां डाटा सुरक्षा बहुत ही गंभीर मुद्दा रहता है. यह फोन साभी कमियां खुद जान लेता है और आपको भी उसके बारे में सूचित करता है.

कोई भी व्यक्ति इस स्मॉर्टफोन में मौजूद आपके डेटा में सेंध नहीं लगा सकता. बोइंग ब्लैक स्मॉर्टफोन में 5.2 इंच की डिस्प्ले के साथ डुअल कोर 1.2 गीगा हार्ड्ज प्रोसेसर व 1,590 एमएएच बैंटरी है.

Turing Phone

इस स्मार्टफोन को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इसे हैक नहीं किया जा सकता. स्मॉर्टफोन को ऐसे मेटल से बनाया गया है जो टाइटेनियम और स्टील से भी ज्यादा मजबूत है. यह स्मॉर्टफोन टूट नहीं सकता. 5.5 इंच के इस फोन में ना ही कोई यूएसबी पोर्ट है और ना ही कोई हेडफोन जैक. इसको बनाने के लिए

लिक्विडमॉरफियम मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया है, जो स्टील या एल्यूमिनियम से भी ज्यादा मजबूत है. ऐसा माना जा रहा है कि यह फोन मेन्यूफैक्चरिंग की दुनिया को पूरी तरह से बदल डालेगा. इसमें 2.5गीगाहर्ट्ज़ क्वाड-कोर स्नैपड्रैगन 801 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है और साथ में है 3जीबी का रैम.

अब मॉर्गन ने सहवाग के सामने रखी 10 लाख की शर्त

ओलंपिक में सिर्फ दो मेडल जीतने पर भारत में मनाए जा रहे जश्न का मजाक उड़ाने वाले ब्रिटिश पत्रकार पियर्स मॉर्गन को दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने करारा जवाब देते हुए इंग्लैंड के क्रिकेट वर्ल्ड कप न जीत पाने की याद दिलाई थी. लेकिन, इस बीच इंग्लैंड की ओर से पाक के खिलाफ वनडे में 444 रन का ताबड़तोड़ स्कोर खड़ा किए जाने के बाद पियर्स ने वीरेंद्र सहवाग के खिलाफ फिर से ट्विटर वार शुरू कर दी है.

इंग्लैंड के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद मॉर्गन ने ट्वीट कर वीरेंद्र सहवाग को चुनौती देते हुए कहा, 'वीरेंद्र सहवाग, मैं आपसे 10 लाख रुपये की शर्त लगाता हूं कि भारत के एक और ओलंपिक गोल्ड जीतने से पहले इंग्लैंड वनडे विश्व कप जीत लेगा.'

हालांकि मॉर्गन ने इससे पहले एक और ट्वीट करते हुए लिखा था, 'वीरेंद्र सहवाग मैं आपसे 10 लाख रुपये चैरिटी की शर्त लगाता हूं कि भारत के एक ओलंपिक गोल्ड जीतने से पहले इंग्लैंड वर्ल्ड कप जीत लेगा. क्या आप इस शर्त को स्वीकार करते हैं?'

इसके बाद मॉर्गन ने अपनी गलती सुधारते हुए पहले ट्वीट को डिलीट किया और उसके बाद दूसरा ट्वीट किया. गौरतलब है कि भारत अब तक ओलंपिक खेलों में 9 गोल्ड मेडल जीत चुका है. भारत ने 8 गोल्ड हॉकी में जीते हैं, जबकि एक गोल्ड मेडल ने शूटर अभिनव बिंद्रा ने पेइचिंग ओलंपिक में जीता था.

वीरेंद्र सहवाग ने अब तक मॉर्गन के इस ट्वीट का जवाब नहीं दिया है. लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि अपनी बेबाकी के लिए मशहूर वीरेंद्र सहवाग एक बार फिर उन्हें करारा जवाब दे सकते हैं.

कभी भी बंद हो सकता है रिलायंस जियो!

हर फेमस हो रही चीज के साथ कुछ न कुछ चलता ही रहता है. काफी कम समय में लोगों को अपनी ओर आकर्षक करने वाली रिलायंस जियो के लिए कुछ मुसीबतें हो सकती हैं. अब खबर है कि जियो 4जी प्रीव्यू ऑफर में कुछ कानूनी परेशानी झेलने को मिल सकती है. जिसका कारण है कि कंपनी ने अभी इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं किया है.

एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया ने ट्राई से अपील की है कि वह रिलायंस जियो पर फाइन लगाए. ऐसा इसलिए क्योंकि रिलायंस सरकार को बिना स्पेक्ट्रम व अन्य फीस देकर प्रीव्यू ऑफर पेश कर रही है. इस सब में अन्य टेलिकॉम कंपनियों की अगुवाई सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) कर रही है.

सीओएआई के अनुसार नए टेलिकॉम कंपनियों के आने से पुरानी कंपनियों को अपना मार्केट शेयर बचाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. वहीं रिलायंस जियो का कहना है कि अन्य कंपनियां उनके प्रवेश में रूकावटे डाल रही हैं.

मोबाइल कंपनियों का पक्ष रखने वाली इस संस्‍था का कहना है कि रिलांयस जियो प्रतिद्वंदी कंपनियों भारती एयरटेल, आइडिया सेल्‍युलर, वोडाफोन के नेटवर्क को चोक कर रही है. वह ट्रायल के नाम पर पूरी सेवाएं दे रही हैं. दूरसंचार विभाग को खत लिखकर कहा गया है कि इसके कनेक्‍शन रोके जाने चाहिए.

इंग्लैंड के रिकॉर्ड तोड़ स्कोर के सामने पाकिस्तान पस्त

पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे वनडे में इंग्लैंड ने वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा कर नया इतिहास रच दिया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मजेबान टीम ने तीन विकेट खोकर निर्धारित 50 ओवर में 444 रन बनाए. जिसके जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम मात्र 275 रन ही बना सकी. इस मैच में पाक को 169 रनों से हार का सामना करना पड़ा.

पाकिस्तान की खराब शुरूआत

445 रनों का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरूआत अच्छी नहीं रही. सलामी बल्लेबाज समी असलम 13 गेंदों में 8 रन बनाकर आउट हो गए. तब पाक का स्कोर 21 रन था. इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे अजहर अली भी कुछ खास नहीं कर पाए और 14 गेंदों में दो चौको की मदद से मात्र 13 रन बना पाए.

हालांकि सलामी बल्लेबाज शरजील खान ने कुछ दम दिखाया और तेज खेलते हुए अपनी हॉफ सैंचुरी पूरी की लेकिन शरजील भी 12 चौके और दो छक्के लगाकर 58 रन बनाकर आउट हो गए.

नहीं टिक पाया कोई बल्लेबाज

पाकिस्तान की तरफ से कोई बल्लेबाज खास टिक्कर नहीं खेल पाया. पाक की तरफ से सरफराज अहमद ने 38, मोहम्मद नवाज ने 34 रन बनाए. हालांकि बल्लेबाजी में पुछल्लों ने भी कुछ दम दिखाया. वाहब रियाज ने 14 और यासिर शाह ने नाबाद 26 रनों की पारी खेली.

आखिर में आमिर ने बांधा समा

पाकिस्तान के 199 के स्कोर पर ही 9 विकेट गिर गए थे. लेकिन इसके बाद गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने बल्लेबाजी में दम दिखाया. आमिर ने 28 गेंदों पर 5 चौको और 4 छक्कों की मदद से 58 रन बनाएं. आमिर ने अपनी इस पारी से पाक को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया. इसके बाद पाकिस्तान की पूरी टीम 275 रनों पर ऑल आउट हो गई.

इंग्लैंड ने बनाए रिकॉर्ड 444 रन

इंग्लैंड के लिए सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स ने 122 गेंद पर 4 चौके और 22 छक्के के साथ 171 रन की पारी खेली जो वनडे इतिहास में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ी पारी है. इससे पहले रॉबिन स्मिथ ने 1993 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 167 रन की पारी खेली थी.

हेल्स के अलावा जो रूट ने 86 गेंद पर 85, जोल बटलर ने सात चौके और सात छक्के की मदद से 51 गेंद पर 90 रन की तूफानी पारी खेली. बटलर ने अपने देश के लिये सबसे तेज अर्धशतक लगाने का नया रिकॉर्ड बनाया. उनके साथ कप्तान इयान मोर्गन 27 गेंद पर 53 रन बनाकर नाबाद रहे. दोनों ने चौथे विकेट के लिए नाबाद 161 रन की साझेदारी कर टीम को सबसे बड़े स्कोर तक पहुंचाया.

इससे पहले वनडे में सबसे बड़ा स्कोर श्रीलंका के नाम था श्रीलंका ने 2006 में नादरलैंड के खिलाफ 9 विकेट पर 443 रन बनाए थे.

इंग्लैंड का इससे पहले सर्वाधिक स्कोर नौ विकेट पर 408 रन था जो उसने पिछले साल बर्मिंघम में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था. इंग्लैंड ने आखिरी दस ओवरों में 135 रन जोड़े और यह भी नया रिकॉर्ड है.

धर्म का धंधा

आजकल रोज नए धंधे निकल रहे हैं. सभी में तेजी व मंदी का जोखिम बना रहता है. साथ ही, तारीख निकल जाने का भी खतरा बना रहता है. इन सब से हट कर एक धंधा ऐसा है, जो इन जोखिमों से दूर बिना पूंजी के अपनी धरती पर सदियों से धड़ल्ले से चलता आ रहा है. वह है, धर्म का धंधा. हाथ कंगन को आरसी क्या… अपने शहर के एक नामी पंडितजी के घर पिछले दिनों मेरा जाना हुआ. दूर के रिश्ते में वे मेरे ताऊजी लगते थे, सो अच्छीबुरी हर बात खुल कर हम लोग आपस में कर लिया करते थे. सारा शहर उन्हें पंडितजी के नाम से जानता है. इसलिए मेरी भी यही कहने की आदत पड़ गई है.

जब मैं उन के घर गया, तो वे एक आरामदेह सोफे पर बैठे थे. जैसे ही उन की आंखों ने मेरी सूरत देखी, तो उन्होंने एक आह भरी. वे अपनी उभरी तोंद पर हाथ फिराते हुए बोले, ‘‘आओ बेटा, बैठो. कहो, कैसे आना हुआ आज?’’

मैं ने हाथ जोड़ कर कहा, ‘‘बस पंडितजी, आप के दर्शन करने के लिए ही आया हूं.’’

यह सुनते ही पंडितजी के चेहरे पर एक चमक उभर आई. वे बोले, ‘‘कुछ अपनी सुनाओ, अभी तक कोई नौकरी मिली या नहीं?’’

पास ही पड़ी एक कुरसी पर बैठते हुए मैं ने कहा, ‘‘कहां मिली है नौकरी? अब तो सोच रहा हूं कि पढ़ाईलिखाई में इतने साल बरबाद किए, इस से तो अच्छा था कि मैं भी आप के साथ पंडिताई में लग जाता. अब तक काफीकुछ खाकमा लेता.’’

यह सुनते ही पंडितजी खिलखिला कर हंसने लगे. वे बोले, ‘‘अभी भी क्या बिगड़ा है, बेटे? छोड़ दो यह पैंटशर्ट पहनना और धोतीकुरता अपना लो, फिर देखो कि कैसा मस्त चलता है तुम्हारा धंधा.’’ मैं यह बात सुनने के लिए पहले से ही तैयार बैठा था. मैं तपाक से बोला, ‘‘पंडितजी, केवल धोतीकुरता पहनने से क्या होगा? मंत्रों की जानकारी भी तो होनी जरूरी है.’’

पंडितजी मुसकराते हुए बोले, ‘‘तुम भी औरों की तरह बड़े भोले हो बेटे. अरे, पंडिताई में मंत्रों की तो कम और ऊंटपटांग चीखनेचिल्लाने की जरूरत ज्यादा पड़ती है. आज वही विद्वान है, जो यजमान के सामने ऊंची आवाज में पूजा करवाए.’’

मैं बड़ी दुविधा में पड़ गया. मैं ने पूछा, ‘‘पर पंडितजी, पूजा करवाने का कोई तरीका तो होता ही है. वह भी तो मुझे नहीं आता.’’

‘‘पूजा में केवल दोचार बातों का ध्यान रखना पड़ता है. बाकी अपनी जरूरत के मुताबिक पूजा करवाते जाओ और दक्षिणा चढ़वाते जाओ,’’ पंडितजी अपने पेट पर हाथ फिराते हुए बोले.

मैं और ज्यादा उलझ गया. बोला, ‘‘उलटीसीधी पूजा करवाई गई, तो वह फलदायी होगी क्या?’’ ‘‘तुम फिर बेवकूफों जैसे सवाल पूछ रहे हो. अरे, आज तक अपने द्वारा करवाई गई पूजा से किसी यजमान का न तो भला हुआ है और न ही बुरा. यह तो अपने बड़ेबुजुर्ग समझदार आदमी थे, जो ऐसी परंपरा चला गए, जिस से कि उन का और उन की आने वाली पीढ़ी का गुजारा होता रहे.’’

‘‘धन्य हो पंडितजी, धन्य हो. अब आप की गूढ़ बातें मेरी समझ में आ रही हैं,’’ मैं खुशी से झूम उठा. पंडितजी ने अपनी एक आंख बंद करते हुए धीमी आवाज में कहा, ‘‘साल 2 साल हमारी सेवा में रह कर गुरु विद्या में होशियार हो जाओगे. बोलो, क्या इरादा है?’’

मैं सिर झुकाता हुआ बोला, ‘‘मुझे मंजूर है पंडितजी. पूजापाठ की बात अब मेरी समझ में आ रही है. आप जन्मकुंडली भी बनाते हैं, उस में क्या करना है?’’ पंडितजी को जैसे मालूम था कि मैं क्या पूछूंगा. मेरे कहने से पहले ही वे कागजकलम निकाल कर उलटीसीधी रेखाएं खींचने लगे. कुछ आड़ीतिरछी रेखाएं खींचने के बाद वे मुझे कागज दिखाते हुए बोले, ‘‘यह जन्मांग चक्रम ध्यान से देख लो. इस में मैं तुम्हें 9 ग्रह भरना सिखाऊंगा. इस में एक बात का तुम्हें हमेशा ध्यान रखना है कि प्रत्येक यजमान को 8 ग्रहों के सही जगह पर बैठे रहने की सूचना देनी है और जिंदगी में मिलने वाले सारे सुखवैभव गिनाने हैं, जो कि उस को मिलेंगे. ‘‘इस के बाद 9वें ग्रह को देखते हुए अपने चेहरे पर चिंता का भाव लाना है. इस महान बलशाली 9वें ग्रह के उलट जगह में बैठे रहने से सारी दशा बदलनी है. पहले गिनाए सुखों को दुखों में बदलना है,’’ कह कर पंडितजी चुप हो गए.

मैं उन की बात बड़े ध्यान से सुन रहा था. एकाएक पंडितजी की बात अधूरी हो जाने से मैं बेचैन हो उठा और पूछा, ‘‘इस से क्या होगा पंडितजी?’’

मेरी उत्सुकता का मजा लेते हुए वे बोले, ‘‘इस से यजमान तुम्हारे सामने हाथ जोड़ कर गिड़गिड़ाएगा और पूछेगा कि इस ग्रह की शांति का कोई उपाय कीजिए. तब तुम्हें आसामी देख कर उस हिसाब से ही ग्रह शांति का उपाय करवाना है और उस से मनचाहा चढ़ावा लेना है.’’ मैं ने बिना देर किए हां में अपना सिर हिलाया. पंडितजी मुसकराते हुए बोले, ‘‘ये तो आम बातें हैं, जो मैं ने तुम्हें बताई हैं. धंधे की बारीकियां जैसेजैसे काम करोगे, वैसेवैसे सीखते चले जाओगे.’’

‘‘पंडितजी, यदि देखा जाए, तो यह एक तरह से धर्म के नाम पर लूट ही तो हुई न?’’

‘‘तो इस में बुराई ही क्या है?’’ पंडितजी तनिक ऊंची आवाज में बोले, ‘‘आखिर जब क्रिकेटरों को मैच फिक्सिंग का, नेताओं को घोटालों का, सरकारी अफसरों को रिश्वत लेने का जन्मसिद्ध अधिकार मिला हुआ है, तो क्या हम पंडों को धर्म के नाम पर लूटने का भी हक नहीं बनता?’’

मैं उन के तेवर देख कर कुरसी से खड़ा हो गया और बोला, ‘‘अच्छा पंडितजी, अब मैं चलता हूं. कल जब आऊंगा, तो आप के कपड़ों में ही आऊंगा और आप के नक्शेकदम पर चलते हुए इस शहर में आप ने जो इज्जत बनाई है, उस तक पहुंचने की कोशिश करूंगा.’’

पंडितजी ने भी आशीर्वाद के रूप में हाथ जोड़ दिए. जाते समय मेरे कान में उन की गुनगुनाहट सुनाई दी, ‘‘रामनाम जपना, पराया माल अपना…’’

ब्यूटी पार्लर से निकली सैक्सी डौल

अब वे दिन लद गए जब युवतियों को सैक्सुअली अट्रैक्शन के लिए वार्डरोब से ले कर मेकअप तक की खाक छाननी पड़ती थी और भारीभरकम खर्च करना पड़ता था. आज तो जमाना मेकओवर का है और इस से भी बढ़ कर सैक्सुअल रिप्रैजैंटेशन का. हुस्न के बाजार में जो बेहतर दिखेगा वही कौंप्लिमैंट पाने का हकदार भी होगा. यदि आप खूबसूरत नहीं भी हैं तब भी कोई बात नहीं, बाजार में आप को सैक्सी डौल बनाने वाली पूरी रेंज भरी पड़ी है. बस, थोड़ा सा ग्लैमर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स का तड़का चाहिए फिर देखिए कैसे आप भी ग्लैमरस और हौट लुक पाती हैं.

सर्वे बताते हैं कि देश की 30-32% महिलाएं जो औसत रंगरूप की हैं सैक्सी व अट्रैक्टिव लुक पाने के लिए अपनी इनकम का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा इस पर खर्च करती रही हैं. यह तो छोटे शहरों की कहानी है, बड़े शहरों और महानगरों में तो यह आंकड़े और भी बड़े हैं. सैक्सी लुक पाने के लिए जहां अधिकतर महिलाएं अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रही हैं वहीं वे नामी ब्यूटी प्रोडक्ट्स और उम्दा ब्यूटी पार्लर्स में जा कर अपना वक्त भी जाया कर रही हैं. शोध बताते हैं कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में जहां महिलाएं महीने में 2-3 बार पार्लर जाती हैं वहीं छोटे शहरों में महिलाएं महीने में एकदो बार और जिलाकसबों में कम से कम एक बार तो ब्यूटी पार्लर जरूर जाती हैं.

सैक्सी लुक पाने वालों की चाहत में खासा इजाफा हुआ है और इसे भुनाने के लिए बाजार भी बाहें फैला कर खड़ा है. खूबसूरत और सैक्सी दिखने का अधिकार अब सिर्फ गोरी और सुंदर युवतियों का ही नहीं है. अब ब्यूटी सैलून साधारण और औसत दरजे की युवतियों को भी सैक्सी मेकओवर के जरिए कामुक बना रहे हैं. जाहिर है कि ऐसे में साधारण कदकाठी व औसत रंगरूप वाली युवतियों के लिए इन ब्यूटी सैलूनों ने ग्लैमर वर्ल्ड से ले कर मौडलिंग और फिल्मों में जाने तक के दरवाजे खोल दिए हैं. यदि आप की सांवली सूरत है तो घबराएं नहीं उस का भी इंतजाम इन सैलूनों में बखूबी किया जाता है.

अट्रैक्टिव लुक पाने के हौट टिप्स

–       मार्केट में जो फैशन चल रहा हो उसे एक बार खुद पर ट्राई जरूर करें.

–       हौट व सैक्सी लुक पाने के लिए अपने बालों के साथ तरहतरह का ऐक्सपैरिमैंट करती रहें.

–       ट्रैडिशनल मेकअप से हट कर मौडर्न मेकअप से हौट व इरोटिक लुक आसानी से पाया जा सकता है.

– हमेशा अच्छी क्वालिटी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इन से स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता.

–       जहां तक संभव हो प्रचलित व फेमस ब्रैंड्स का ही इस्तेमाल करें.

–       मेकअप के साथसाथ जूलरी भी आप को बेहतर लुक दिलाने में मदद कर सकती है. आजकल पेपर जूलरी फैशन में है इसे ट्राई कर सकती हैं.

–       यदि कोई ब्यूटी सैलून आप को कोई ब्यूटी प्रोडक्ट यूज करने के लिए औफर करे तो एक बार सोचें जरूर.

–       अपनी फिगर व हाइट के हिसाब से ही आउटफिट चूज करें.

–       फुटवियर व हैंडबैग भी आप की सैक्सी फिगर में इजाफा करते हैं, इसलिए सोचसमझ कर इन का चयन करें.

–       बाहरी खूबसूरती से बढ़ कर आंतरिक खूबसूरती होती है, अत: इसे उभारने के लिए खूब पानी पीएं. फल खाएं और खुश रहें. जब आप भीतर से खुश होंगी तो बाहर से खुद ही अट्रैक्टिव दिखेंगी.          

कुछ ब्यूटी ऐक्सपर्ट्स की राय

वीएलसीसी मेकअप स्टूडियो व ट्रैनिंग इंस्टिट्यूट, गुड़गांव में बतौर मेकअप आर्टिस्ट छवि चौहान, जो जीटीबी नगर, दिल्ली में रहती है, का कहना है, ‘‘समय के साथसाथ कस्टमर की रेंज भी पूरी तरह चेंज हुई है. वे अब पहले से कहीं अधिक बोल्ड डिमांड और फैंसी डिजायर के साथ मेकअप स्टूडियो आ रही हैं. ओकेजन, इवैंट्स या शादीत्योहारों के अलावा वे और्डिनरी दिनों में भी गुडलुक पाना चाहती हैं. इस में एक बड़ा वर्ग ऐवरेज ऐपीयरैस वाली युवतियों का है.’’

इसी तरह मिसेज ज्योति अरोड़ा नक्यांश ब्यूटी पार्लर, मुखर्जी नगर, दिल्ली, मेकअप स्टूडियो व ब्यूटी पार्लर की ओनर कहती हैं, ‘‘यकीन नहीं होता कि कस्टमर मेकअप आर्टिस्ट से भी दो कदम आगे निकल सकते हैं. उन के पास ब्यूटी, फिटनैस और मेकओवर को ले कर इतने सुझाव व टिप्स होते हैं कि एक बारगी यकीन करना मुश्किल होता है. मेरे पार्लर में तो युवतियां इस चाहत के साथ आती हैं कि उन्हें बस सैक्सी डौल बन के निकलना है और इस के लिए वे हेयर डै्रसिंग व मेकअप के साथ न्यू ऐक्सपैरिमैंट्स करने से भी नहीं चूकतीं. मैं भी अपनी टीम के साथ पूरी शिद्दत से उन की हर इच्छा पूरी करती हूं. कई बार हमें ये कौंप्लिमैंट मिलते हैं कि मैडम, आप के हाथों ने तो कमाल कर दिया.

‘‘सैक्सी और अटै्रक्टिव दिखने की उस की चाहत पूरी करने के लिए हमें मार्केट की छानबीन करनी पड़ती है. फैशन स्टेटमैंट से ले कर ब्यूटी ट्रेंड पर नजर रखनी पड़ती है, क्योंकि कस्टमर की वैराइटी औफ डिमांड होती है, इसलिए खुद को अपडेट रखना बहुत जरूरी होता.

दूसरियों की ब्रैस्ट से ईर्ष्या

ब्रिटेन की सब से सैक्सी और हौट बिकिनी मौडल केट अपटन ने खुलासा किया है कि कभी उन्हें अन्य युवतियों की उन्नत और आकर्षक ब्रैस्ट देख कर जलन महसूस होती थी. केट ने एक इंटरव्यू में बताया कि किशोरावस्था में उन की ब्रैस्ट लगभग सपाट थी और इस के लिए उन की फ्रैंड्स उन का मजाक उड़ाया करती थी. केट का मानना है कि टीनऐज में मिले इस सबक ने उन्हें सुपरमौडल बनने का रास्ता दिखा दिया. केट ने ब्रैस्ट इंप्लांट करवाया और आज केट ब्रिटेन की हौट मौडल हैं.

सिर्फ केट ही नहीं बल्कि बहुत सी युवतियां अपनी ब्रैस्ट साइज को ले कर बहुत टैंशन में रहती हैं. खासकर वे युवतियां जिन की ब्रैस्ट ज्यादा छोटी या ज्यादा बड़ी है. कुछ युवतियों की परफैक्ट ब्रैस्ट न होने के कारण उन्हें चिढ़ाया भी जाता है जिस वजह से अन्य युवतियों की परफैक्ट ब्रैस्ट देख कर वे जलन महसूस करने लगती हैं.

वैसे तो किसी दूसरी को देख कर जलना अच्छी बात नहीं है, लेकिन कई बार यह जलन अपने लिए ही अच्छी साबित होती है. किसी दूसरी से जलन से मन में कंपीटिशन की भावना आती है कि अगर उस की ब्रैस्ट अच्छी है तो मेरी क्यों नहीं हो सकती और अपनी इसी सोच के चलते युवतियां अच्छी ब्रैस्ट पाने के लिए काफी मेहनत करती हैं.

आज लगभग हर युवती अपनी ब्रैस्ट के आकार को ले कर जागरूक है. बहुत कम ऐसी युवतियां हैं जो अपनी ब्रैस्ट के आकार से संतुष्ट हैं. कुछ युवतियों ने अपनी ब्रैस्ट कम करने की कोशिश में कड़ी मेहनत की है तो दूसरी तरफ कुछ युवतियां इंटरनैट पर अपनी ब्रैस्ट कैसे बढ़ाएं? जैसे सवालों का हल जानने को उत्सुक रहती हैं.

अपनी ब्रैस्ट परफैक्ट बनाने के पीछे एक वजह यह भी है कि युवक अकसर युवतियों की ब्रैस्ट देख कर ही उन की तरफ आकर्षित होते हैं और युवतियों को लगता है कि अगर उन की ब्रैस्ट उन्नत नहीं है तो युवक उन की तरफ नहीं देखेंगे. लेकिन सवाल यह है कि युवतियों को ऐसा क्यों लगता है कि उन की ब्रैस्ट को देख कर युवक आकर्षित होते हैं?

ब्रैस्ट की तरफ क्यों अट्रैक्ट होते हैं युवक

युवक युवतियों की ब्रैस्ट की तरफ आकर्षित क्यों होते हैं, इस का जवाब अकसर युवतियां खोजती रहती हैं, लेकिन इस पर हुए अध्ययन में कई कारण सामने आए हैं. आमतौर पर जब युवक युवतियों से बात करना शुरू करते हैं तो उन की निगाहें सीधी आंखों से टकराने के बजाय पहले उन की ब्रैस्ट पर जाती हैं. इस के बाद गरदन की ओर देखते हैं और फिर आंखों से आंखें मिलती हैं.

खास बात यह है कि ऐसी बौडी लैंग्वेज को युवतियां तुरंत समझ जाती हैं और उन्हें उस व्यक्ति की सोच के बारे में भी अंदाजा हो जाता है. लेकिन ऐसे में हर बार पुरुष की मानसिकता गलत नहीं होती. अध्ययन के मुताबिक युवक बातचीत की शुरुआत करते वक्त सब से पहले ब्रैस्ट की ओर देखते हैं. असल में युवकों को लगता है कि युवती की अट्रैक्टिव बै्रस्ट उस में सैक्स की फीलिंग बढ़ाती है.

अध्ययन के मुताबिक अगर ब्रैस्ट ज्यादा छोटी या बड़ी है तो युवक ज्यादा देर तक ब्रैस्ट की तरफ नहीं देखते. उन की नजर सैकंड से भी कम समय में ब्रैस्ट से हट जाती हैं. बात करते वक्त युवक की नजर तभी ब्रैस्ट की तरफ ज्यादा बार जाती है जब ब्रैस्ट सैक्सी और सुडौल हो. इसलिए युवतियां को यह बात बुरी लगती है कि वे अट्रैक्टिव नहीं हैं और कोई युवक उन के सामने उन की दोस्त को देखे वह भी सिर्फ अच्छी ब्रैस्ट की वजह से, तो ऐसे में जलन होना स्वाभाविक है.

यदि कपड़ों के बाहर से हलकी झलक दिख रही है तब भी बात करते वक्त युवक की नजर युवती की ब्रैस्ट पर एक से अधिक बार जाती है. ब्रैस्ट के आकर्षक होने पर युवक ठीक से संचार स्थापित नहीं कर पाते. उन का मन सिर्फ और सिर्फ ब्रैस्ट की ओर देखने को करता है.

अध्ययन में पाया गया कि यदि युवती दूर खड़ी है या फिर युवक की ओर नहीं देख रही है, तब भी 95त्न से ज्यादा युवकों की पहली नजर उस की ब्रैस्ट पर ही पड़ती है. पास आने पर भले ही नजर हट जाए. अध्ययन के मुताबिक 69त्न युवतियां अपनी ब्रैस्ट को उभरा हुआ बनाने की जुगत में लगी रहती हैं. वह भी सिर्फ इसलिए कि युवक उन की तरफ आकर्षित हो सकें.

गाइनोकोलोजिस्ट अंजली वैश्य का इस बारे में कहना है कि सच तो यह है कि वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ब्रैस्ट युवती का सब से आकर्षक अंग है जो न सिर्फ सुंदरता में चारचांद लगाता है, बल्कि युवती को सैक्सी लुक भी प्रदान करती है. लेकिन युवतियों में अकसर अपनी ब्रैस्ट के साइज को ले कर शिकायत रहती है और उस वजह से वे परेशान रहती हैं.

अगर आप भी अपनी ब्रैस्ट के साइज से खुश नहीं हैं तो ब्रैस्ट की सर्जरी करा सकती हैं, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं चाहतीं तो अपनी ब्रैस्ट को इन नैचुरल तरीकों से भी बड़ा या छोटा कर सकती हैं वह भी बिना किसी सर्जरी के. आइए, जानें कैसे :

ब्रैस्ट बढ़ाने और सुडौल करने के लिए

ब्रैस्ट ऐक्सरसाइज करें

अगर ब्रैस्ट छोटी है और उस का आकार बढ़ाना है तो ब्रैस्ट मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए पुशअप, डंबल से ब्रैस्ट प्रैस, वाल प्रैस, स्विंगिंग आर्म्स के साथसाथ घर पर गोमुखासन, वृक्षासन आदि ऐक्सरसाइज कर सकते हैं, क्योंकि इस से ब्रैस्ट बढ़ती है और सुडौल भी बनती है.

इस के अलावा ब्रैस्ट बढ़ाने के लिए आप दोनों हाथों में 5 किलो वजन लें और एक कुरसी पर बैठ जाएं, इसे लिफ्ट करें. ध्यान रखें कि हाथ आप के कंधों के बराबर हों. 5 से 10 सैकंड तक लगातार ऐसा करें. फिर शुरू की स्थिति में आएं और वापस ऐसा करें. हर दिन इस व्यायाम को करने की कोशिश करें.

सही ब्रा का चुनाव करें

अपनी ब्रैस्ट के अनुसार ही ब्रा का चुनाव करना चाहिए. गलत साइज की ब्रा ब्रैस्ट के लिए बहुत हानिकारक है. अगर ब्रैस्ट छोटी है तो उस के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है और यदि ब्रैस्ट का साइज बड़ा है तो प्लेन ब्रा पहनें.

ब्रैस्ट की मसाज करें

ब्रैस्ट बढ़ाने के लिए आप घर पर ही मसाज कर के उस का आकार बढ़ा सकती हैं. ब्रैस्ट बढ़ाने वाले तेल की सहायता से भी मसाज करें या फिर सूखे हाथों से मसाज की जा सकती है. जैसे कि हाथ की हथेलियों को 6-10 मिनट तक आपस में रगड़ कर पहले हथेलियों में गरमी पैदा कर लें, उस के बाद ब्रैस्ट को ऊपर उठाते हुए चारों तरफ से मसाज करें. ऐसा कई महीने तक करें. इस से ब्रैस्ट के रक्त प्रवाह में और प्रोलिक्टन के उत्पादन में वृद्धि होगी, जिस के कारण ब्रैस्ट विस्तार हारमोन को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी और ब्रैस्ट स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी.

खानपान का खयाल रखें

ब्रैस्ट छोटी होने का एक कारण शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होना और टैस्टोस्टेरौन का अधिक मात्रा में होना भी है. ऐसे में आप को हारमोन संतुलित करना जरूरी है. आप अपने भोजन में चिकन, मछली, सोया से बने पदार्थ, सूप, सब्जियां, फलियां, अंडे, नट्स, तिल और सन के बीज भी शामिल कर सकती हैं. एस्ट्रोजन बै्रस्ट विकास में मदद करता है. प्रोटीनयुक्त फल खाने से मसल्स बिल्डअप होते हैं और फेमनिन कर्व साइज में आ कर सुगठित होते हैं.

ब्रैस्ट क्रीम

मार्केट में आज कई ऐसी क्रीम मौजूद हैं जो ब्रैस्ट के विकास का भरोसा दिलाती हैं. आप को ऐसी क्रीम चुननी चाहिए जो आप की त्वचा के लिए सही हो. यह क्रीम आप की ब्रैस्ट को सुडौल और आकर्षक बनाने में काफी उपयोगी सिद्ध होगी.

ब्रैस्ट पंप

ब्रैस्ट का आकार बढ़ाने के लिए ब्रैस्ट पंप को एक आसान तरीका माना जाता है. इस से धीरेधीरे त्वचा और वैक्यूम दबाव के कारण मुलायम ऊतकों में खिंचाव आता है और आप की ब्रैस्ट में ज्यादा उभार आता है.

ब्रैस्ट कम करने के लिए कार्डियो ऐरोबिक्स करें

आप को ब्रैस्ट कम करने के लिए शरीर से अतिरिक्त वसा कम करनी होगी. सही और सुडौल ब्रैस्ट के लिए एरोबिक्स करें. भारी वजन न उठाएं. यह आप की मांसपेशियों के भारीपन को कम नहीं करता बल्कि मांसपेशियों को टोन करता है. यदि आप जिम नहीं जाना चाहतीं तो घर पर ही कार्डियो ऐक्सरसाइज कर सकती हैं. जौगिंग ब्रैस्ट के आकार को कम करने के लिए अच्छी ऐक्सरसाइज है. तेज चलने से ब्रैस्ट से अतिरिक्त वसा कम होगी. साथ ही 25 मिनट तक ऐरोबिक्स करना भी ब्रैस्ट को कम करने में मददगार साबित होगा.

ऐक्सरसाइज

आप को दौड़ने, साइकिलिंग करने, सीढि़यां चढ़ने और स्विमिंग करने जैसी कैलोरी बर्न करने वाली ऐक्सरसाइज करनी चाहिए.

डांस

डांस स्टैप्स के सही चुनाव से आप ब्रैस्ट को कम कर सकती हैं. उन डांस स्टैप्स पर ध्यान दें जो ब्रैस्ट के हिस्सों में मूवमैंट पैदा करते हों.

अदरक

अदरक फैट को बर्न करने में मदद करता है. साथ ही इस में ज्यादा समय भी नहीं लगता. एक कप गरम पानी में पिसा हुआ अदरक और एक चम्मच शहद मिला कर पीएं. यह छाती के फैट को बर्न करने का सब से कारगर उपाय है.

ग्रीन टी

हर दिन कम से कम 2 बार ग्रीन टी पीने से जहां ब्रैस्ट वजन कम होता है,

वहीं कम करने में भी ग्रीन टी काफी प्रभावी है.

अलसी के बीज

अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. यह शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने में मदद करता है. अगर आप एक गिलास अलसी के भिगोए हुए बीजों का सेवन करेंगी तो कुछ ही दिन में आप को मनचाहा परिणाम मिल जाएगा.

अंडे की सफेदी

सुडौल ब्रैस्ट के लिए अंडे की सफेदी सब से अच्छा प्राकृतिक उपाय है. एक अंडे की सफेदी में एक चम्मच प्याज का रस मिलाने से ब्रैस्ट में कठोरता आएगी और बै्रस्ट कम दिखने लगेगी.

नीम

नीम के मुट्ठी भर पत्ते उबालें, इन में थोड़ी हलदी और एक चम्मच शहद मिला लें. फिर इस में पानी मिला कर इस का सेवन करने से 2 हफ्ते में ही ब्रैस्ट कम होने लगेगी.

ब्रैस्ट को बड़ा दिखाने वाली ब्रा

ब्रैस्ट को बड़ा दिखाने के लिए मार्केट में पैडेड ब्रा की बहुत सी वैराइटी मिलती हैं जिन्हें पहन आप भी ब्रैस्ट को बड़ा दिखा सकती हैं.

नैकलाइंस को दिखाएं

ब्रैस्ट बड़ी दिखाने के लिए नैकलाइंस का काफी अहम रोल है. ऐसे में आप बड़े गले के टौप पहनें.            

खान नीलामी में हेराफेरी

जिस कोयला घोटाले की आंच में कांग्रेस सरकार भस्म हो गई थी, वह अभी बुझी नहीं है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 204 खानों का पट्टा निरस्त कर दिया था और मोदी सरकार ने फैसला किया था कि अब बोली इंटरनैट से लगाई जाएगी. इंटरनैट भगवा सरकार के लिए एक नए मंत्र, यज्ञ, हवन व शास्त्र की तरह अवतरित हुआ है, जिस की आड़ में हर कुकर्म को भाग्य का फल कह कर करवाया जा सकता है और जिस में दक्ष होने के कारण इंटरनैटी पंडों की एक बड़ी फौज तैयार हो रही है.

कंपट्रोलर ऐंड औडीटर जनरल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन 11 खानों को इंटरनैटी नीलामी के सहारे मोदी सरकार ने 2015 में अलौट किया था, उन में भारी हेराफेरी हुई है. खासतौर पर नियम ही ऐसे बनाए गए थे कि केवल अपने लोग ही इस नीलामी में भाग ले सकें. बड़े समूहों ने अपनी छोटी कंपनियों को एकसाथ बोली लगाने को कह दिया. कुछ बड़े समूहों ने आपसी सांठगांठ कर ली.

यह मामला तूल नहीं पकड़ रहा, क्योंकि भगवा भक्तों को तो इस सरकार में कोई खराबी उसी तरह नजर नहीं आती, जैसे रामायण, महाभारत, पुराणों, स्मृतियों के देवीदेवताओं के कुकर्मों में नजर नहीं आती. जो आराध्य है, वह हर दोष से ऊपर है. वह गलत हो ही नहीं सकता. जो गलती पकड़े, उसे ईशनिंदक या नया शब्द देशद्रोही कह कर चुप करा दो.

यह स्पष्ट है कि सरकार का ढर्रा आज भी वैसा ही है, जैसा 2014 से पहले था. देश में न कोई सामाजिक सुधार हो रहा है, न आर्थिक और न ही राजनीतिक. देश के हर हिस्से में भयंकर धुआं फैल रहा है, कहीं धर्म के नाम पर, कहीं जाति के नाम पर, कहीं गाय के नाम पर, कहीं आरक्षण के नाम पर. ऐसे में कोयले की खानों में भभक रहे भ्रष्टाचार की ओर नजर किस की जाएगी. कांग्रेसी तो बोलेंगे नहीं, क्योंकि उन के तो चेहरे वैसे ही कोयले से काले हैं, दूसरी पार्टियां भी शरीफ नहीं हैं.

कोयले की 34 खानों की अब तक नीलामी हुई है, जिन से 30 सालों में 2.85 लाख करोड़ मिलेगा. यह मिलेगा या नहीं, इस का हिसाब कौन रखेगा? लोगों ने एक पैसा नहीं लगाया है, यह इसी बात से जाहिर है कि 34 में से केवल 10 खानों पर काम शुरू हुआ है. अगर इसे विकास कहते हैं, तो सही है.

चाहत सरकारी नौकरी की

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी हैं. सरकारी साहबों के मजे तो पहले ही थे, अब और ज्यादा हो गए हैं. ठीक है, सरकारी नौकरी के लिए काफी पढ़ाई करनी पड़ती है, काफी दौड़धूप करनी होती, काफी परीक्षाओं में बैठना होता है और न जाने कहांकहां से सिफारिशें लगानी होती हैं: पर फिर भी जो सरकार के बाबुओं से ले कर अफसरों को मिल रहा है, उस से साफ है कि क्यों 3 करोड़ लोग इन नौकरियों के लिए मरे जा रहे हैं.

जिस देश में एमए, बीए चपरासी की नौकरी के लिए अर्जी देते हैं, वहां साफ है कि सरकारी नौकरी के अलावा जीवन सुधारने का कोई तरीका नहीं है. लाखों लड़केलड़कियां हर साल मातापिता का हजारों रुपया कोचिंग क्लासों, अर्जियों के साथ लगने वाली फीस, परीक्षा सैंटरों पर जाने पर खर्च कर देते हैं. इस दौरान वे निठल्ले बैठे रहते हैं, वह अलग है. सब से बड़ी बात है कि हर सरकारी नौकरी में रिश्वत का मौका है. हर सरकारी कर्मचारी के पास ढेरों तरीके होते हैं आम आदमी को लूटने के. हम कहते हैं कि मुगलों ने देश को लूटा, अंगरेजों ने लूटा, पर असल लूट आज चल रही है जब देश का असली खजाना तीनचौथाई तो सरकारी शाहों पर खर्च होता है और एकचौथाई बरबाद होता है.

आम आदमी को लूट कर जमा किया गया टैक्स देश की सेवा कहलाई जाती है. कैसी सेवा? देश कहां से खुश है? न देश में पढ़ाई ठीक है, न शहरों की गलियां, न गांवों की नहरें, न अस्पताल, न अदालतें. देश ठीक है तो किस तरह से? ठीक है, देश चल रहा है, पर इसलिए कि लोग, आम लोग, जो सरकार में नौकर नहीं हैं, काम करने में लगे हैं. किसान, मजदूर, व्यापारी, तकनीकी मेकैनिक, सेवा देने वाले आदि रातदिन मेहनत करते है. उन्हें नहीं मालूम कि उन की मेहनत का कितना हिस्सा सरकार हड़प कर जाती है, पर जो बच जाता है उसी के लिए उन्हें काम करना पड़ता है, क्योंकि उसी से वे पेट भर सकते हैं, घर चला सकते हैं, परिवार को पाल सकते हैं.

सरकारी शाहों को वैसे वेतन आयोग का इंतजार नहीं करना पड़ता. उन का वेतन हर साल भी बढ़ता है और महंगाई होने पर भी बढ़ता है. अगर नहीं बढ़ता तो आम आदमी का नहीं बढ़ता. दशकों से किसानमजदूर का रहनसहन वैसे का वैसा ही है. हां, 2 कमीजें उस के पास आ गई हैं, पर उस के लिए जिम्मेदार नई तकनीक है, जिस ने कपड़ा सस्ता कर दिया. उसे जूते मिल गए, क्योंकि पैट्रो प्रोडक्ट से चप्पलजूते सस्ते हो गए. दवाइयां मिल गईं, क्योंकि तकनीक की वजह से 8-10 रुपए में ठीक हुआ जा सकता है. सरकार की फौज का इस्तेमाल तो सरकार जनता को लूटने के लिए करती है या जमा हुए पैसे को अपनों में बांटने में. सातवें वेतन आयोग की खुशी मनाई जाएगी, पर उन एक करोड़ लोगों का क्या होगा जो इस दीवाली का पैसा देंगे?

वुमन सैफ्टी ऐप्स 24×7

आज समाज चाहे कितना आगे बढ़ गया हो, कितना हाईटैक हो गया हो लेकिन युवतियों की सुरक्षा के मामले में पीछे ही है. आज जब युवतियां मल्टीनैशनल कंपनियों में काम कर देर रात घर लौटती हैं तो मन में डर बना रहता है. समाज में घटित घटनाएं हमें सचेत रहने को भी आगाह करती हैं.

भले ही खुद चाहे सही क्यों न हों या फिर चाहे कितने भी सैफ रास्ते से घर क्यों न लौटें लेकिन गंदी मानसिकता वालों की निगाह से नहीं बच सकती. लेकिन इस कारण घर से बाहर निकलना नहीं छोड़ा जा सकता. ऐसे में युवतियों को चाहिए कि वे खुद की सैफ्टी बरतें.

आज के हाईटैक दौर में वुमन सैफ्टी के लिए काफी उपाय हुए हैं. अब तक युवतियां जिस स्मार्टफोन का इस्तेमाल ऐंटरटैनमैंट के लिए या फिर सैल्फीज क्लिक करने के लिए करती रही हैं, अब उस का इस्तेमाल खुद की सेफ्टी के लिए कर के डर को हमेशा के लिए बाय कह सकती हैं. जिस के लिए जरूरी है आप के फोन में कुछ ऐप्स.

प्रस्तुत हैं सेफ्टी ऐप्स जो आप को हर मौके पर सुरक्षित रखने में कारगर भूमिका निभा सकते हैं.

आई फील सेफ ऐप

आई फील सेफ नामक ऐप युवतियों को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में अहम रोल अदा करता है. इस ऐप को मोबाइल स्टैंडर्ड एलाइंस औफ इंडिया द्वारा बनाया गया है लेकिन इसे निर्भया ज्योति ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाएगा. हाल ही में एक कार्यक्रम में इस का लोकार्पण निर्भया की मां आशा देवी और पिता बद्रीनाथ सिंह ने किया.

इस ऐप की खासियत यह है कि यह बिना नैटवर्किंग या बिना सिम के भी काम करता है और पूरे भारत में इस का लाभ उठाया जा सकता है. इसे डाउनलोड करने में कोई खर्च भी नहीं आता.

आप को सिर्फ इतना करना है कि पहले इसे अपने प्लेस्टोर से डाउनलोड कर लें, जिस से आप को फोन में एक वर्चुअल बटन मिलेगा, जिसे ‘पावर का सैफ्टी बटन’ कहते हैं, को 5 बार दबा कर अलार्म संचालित करना होगा, जिस से यह ऐप खतरे की स्थिति में खुद ही 100 नंबर पर फोन कर के पीडि़त व्यक्ति की बिलकुल सही जानकारी देगा. सिर्फ एक बार सूचित कर के अपने फर्ज से इतिश्री नहीं करेगा बल्कि हर 30 सैकंड में स्थान को ट्रैक करते हुए इस की सूचना यूजर के इमरजैंसी कौंटैक्ट्स को देने के साथसाथ इमरजैंसी कौल सैंटर टीम को भी देगा जिस से पीडि़त को समय रहते हर संभव मदद पहुंचाई जा सके.

विद यू ऐप

खतरा आप के सामने खड़ा है ऐसे में आप फोन से कौंटैक्ट नंबर निकाल कर किसी को फोन करेंगे तब तक बहुत देर हो जाएगी. ऐसी स्थिति से निबटने के लिए विद यू ऐप आप का साथ निभाएगा. क्योंकि इस का पावर बटन 2 बार दबाने पर अलर्ट मैसिज जैसे ‘आई एम इन डैंजर’ हर 2 मिनट में आप के रजिस्टर्ड इमरजैंसी नंबर्स को मैसिज विद करंट लोकेशन के साथ भेजेगा, जिस से आप खतरे से बच सकती हैं.

स्क्रीम अलर्ट

यह फ्री सैफ्टी ऐप है जो ऐसा कार्य करता है कि सुनने वाला तुरंत अलर्ट हो जाए और पीडि़त व्यक्ति की मदद के लिए हाथपैर दौड़ाने शुरू कर दे. जैसे ही आप इमरजैंसी की स्थिति में इस का पावर बटन दबाएंगी वैसे ही महिला की आवाज में सुनने वाले को चिल्लाने की आवाजें आनी शुरू हो जाएंगी, जो आप खतरे में है का मैसिज देने के लिए काफी है.

स्मार्ट 24×7

स्मार्ट 24×7 ऐप को युवतियों और वृद्धों की सुरक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है, जिसे कई राज्यों की पुलिस ने भी कारगर माना है. यह ऐप संदिग्ध परिस्थिति में इमरजैंसी कौंटैक्ट्स को पैनिक अलर्ट भेजता है. साथ ही इस में वौइस रिकौर्ड और फोटोज ले कर पुलिस के साथसाथ इमरजैंसी कौल सैंटर को भी भेजने की सुविधा रहती है. इस में यूजर को सिर्फ पैनिक बटन दबा कर उसे कौन सी सर्विस चाहिए उसे चुन कर अपनी सहमति दर्ज करनी होती है.

शेक टू सेफ्टी

भले ही इस ऐप का नाम थोड़ा बड़ा है लेकिन यह इस्तेमाल करनें में उतना ही आसान है. इस में यूजन को सिर्फ अपने स्मार्टफोन को हिलाना या फिर पावर बटन को 4 बार दबाना होगा जिस से एसओएस टैक्स्ट या फिर रजिस्टर्ड नंबर्स पर कौल चली जाएगी. यह स्क्रीन लौक होने पर भी वर्क करेगा. लेकिन इस में आप को फोन को हिलाने या फिर पावर बटन दबाने के औप्शन को चुनना होगा.

पुकार

यह करंट लोकेशन के साथ इमरजैंसी कौंटैक्ट्स को थोड़ीथोड़ी देर बाद एसएमएस अलर्ट भेजता रहता है. और यह भी बताता है कि फोन साइलैंट पर होने के कारण उस अलर्ट मैसिज पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

सेफ्टीपिन

जैसा ऐप का नाम है वैसा ही ऐप का काम है यानी यह ऐप युवतियों को सुरक्षा प्रदान करता है. इस में सभी महत्वपूर्ण फीचर्स जैसे जीपीएस ट्रेकिंग, इमरजैंसी कौंटैक्ट नंबर्स, सेफ जगहों की जानकारी, मानचित्र के माध्यम से पिन्स सेफ और अनसेफ जगहों को दर्शाती है आदि शामिल होते हैं. इस से खतरों को टाला जा सकता है.

सर्किल औफ 6

सर्किल औफ 6 ऐप का मतलब अपने इस सर्किल में 6 विश्वासयोग्य फ्रैंड्स को ऐड करना होगा जो मुसीबत की घड़ी में आप को बाहर निकाल सकें. बस इसे औन करने की देर होगी और यह औटोमैटिकली एसएमएस अलर्ट उन्हें भेज देगा. तो हुआ न यह ऐप बड़े काम का.

आई एम शक्ति ऐप

शक्ति ऐप का खतरे की स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए आप की 2 मिनट के भीतरभीतर 5 बार पावर बटन को प्रैस करना होगा जिस से अलर्ट एसएमएस जीपीएस लोकेशन के साथसाथ आप के इमरजैंसी कौंटैक्ट्स के पास पहुंच जाए.

हिम्मत

हिम्मत से बढ़े चलो चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, डरो नहीं. यह बात हिम्मत ऐप के संदर्भ में सटीक बैठती है, क्योंकि जिस युवती के मोबाइल में यह ऐप डाउनलोड होता है वह घबराती नहीं बल्कि मुकाबला करती है.

युवतियों की सुरक्षा के लिए इस ऐप को बनाने की सिफारिश दिल्ली पुलिस ने की थी. इसलिए अगर आप इस ऐप को यूज करना चाहते हैं तो आप को दिल्ली पुलिस की वैबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और जैसे ही रजिस्ट्रेशन पूरा होगा वैसे ही आप को ओटीपी यानी वनटाइम पासवर्ड मिलेगा जिसे आप को ऐप को डानलोड करने के समय मांगे गए नंबर में भरना होगा.

इस से जेसे ही यूजर मुसीबत की घड़ी में बटन दबाएगा वैसे ही उस की लोकेशन, औडियोवीडियो डायरैक्ट दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी जिस से पुलिस वहां पहुंच पाएगी.

इस तरह इन ऐप्स का यूज कर के आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं.

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