वैसे तो हम अपने स्मार्टफोन की सुरक्षा को ले कर कई तरह की सावधानियां बरतते हैं जैसे फोन में ऐंटी वायरस व ऐप्स लौकर इंस्टौल कर के रखते हैं ताकि हमारा फोन खराब न हो. फोन में टैंपर्ड ग्लास लगवाते हैं ताकि डिसप्ले पर स्क्रैच न आए. फोन के प्रोटेक्शन के लिए डिजाइनर बैक कवर लगाते हैं. लेकिन जब फोन को सर्विस सैंटर ले कर जाते हैं, तब फटाक से सिम निकाल कर दे देते हैं, ताकि फोन जल्दी ठीक हो जाए. लेकिन ऐसा करना सही नहीं है, फोन में सिम और मैमोरी कार्ड के अलावा भी ढेर सारे निजी डाटा होते हैं, जिसे हम जल्दीबाजी में ध्यान नहीं देते, जिस की वजह से हमारे कई जरूरी डौक्यूमैंट डिलीट हो जाते हैं.

फोन को सर्विस सैंटर भेजने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.

लिस्ट तैयार करें

फोन को सर्विस सैंटर में देने से पहले अपने फोन की हर प्रौब्लम की एक लिस्ट तैयार करें कि किसकिस तरह की प्रौब्लम्स हैं ताकि आप सैंटर में अच्छे से बता सकें क्योंकि जल्दीजल्दी में हम सही तरीके से समझा नहीं पाते हैं. कभीकभी ऐसा भी होता है कि उस वक्त हमें याद नहीं आता है कि फोन में क्याक्या प्रौब्लम है इसलिए अच्छा है कि एक लिस्ट बना लें.

सिर्फ औथराइज्ड सैंटर पर ही जाएं

आप का फोन वारंटी पीरियड में हो या न हो लेकिन हमेशा औथराइज्ड सैंटर पर ही जाएं, क्योंकि वहां मिलने वाले सर्विस की गारंटी होती है. अगर आप कहीं बाहर दूसरी जगह दिखाते हैं तो वे डुप्लीकेट चीजें लगा देते हैं, जिस की वजह से आप के फोन में कई तरह की दिक्कतें आने लगती हैं.

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