सत्ता की सनक और हनक, दबंगई, बिगडै़ल बेटे और शराब ने जनता दल (यूनाइटेड) की नेता मनोरमा देवी की सियासत, रसूख और पूरे परिवार को बरबाद कर दिया है. मनोरमा देवी का पति बिंदी यादव जहां अपराधी है, वहीं उन का बिगड़ैल बेटा रौकी यादव गया के आदित्य सचदेवा मर्डर केस में जेल की कालकोठरी में बंद है. बेटे को बचाने, भगाने और सुबूत मिटाने की कोशिश में बिंदी यादव और घर में शराब रखने के आरोप में मनोरमा देवी भी जेल की हवा खा रहे हैं.
साल 1970 में जनमी मनोरमा देवी के पिता हजारा सिंह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले थे और ट्रक ड्राइवरी करते थे. पंजाब से ट्रक ले कर अकसर उन का बिहार आनाजाना होता था और वे गया जिले के बाराचट्टी इलाके के काहूदाग गांव के पास के ढाबे में ठहरा करते थे. ढाबा चलाने वाले की बेटी कबूतरी से हजारा सिंह की नजरें मिलीं और दोनों ने शादी कर ली. हजारा सिंह और कबूतरी की बेटी मनोरमा देवी बचपन से ही काफी बोल्ड थीं. बाराचट्टी के कन्या हाईस्कूल से मैट्रिक और सोभ कालेज से इंटर करने वाली मनोरमा का मन सामाजिक कामों में खूब रमता था.
साल 1989 में मनोरमा देवी की शादी बिदेंश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव के साथ हुई. बिंदी यादव उस जमाने में ठेकेदारी के छोटेमोटे काम करता था. साल 1990 में लालू प्रसाद यादव जब बिहार के मुख्यमंत्री बने, तो बिंदी यादव अपराध के साथसाथ राजनीति में भी पैर जमाने लगा था.
बिंदी यादव के साथसाथ मनोरमा देवी भी राजद में शामिल हो गई थीं. साल 2001 में बिंदी यादव को गया जिला परिषद का अध्यक्ष चुना गया और उसी साल मनोरमा देवी भी मोहनपुर ब्लौक की प्रमुख बनीं. उस के बाद वे साल 2003 में राजद के कोटे से एमएलसी बनीं और साल 2009 तक उस पद पर रहीं. साल 2015 में वे दोबारा जद (यू) के कोटे से एमएलसी बनाई गई थीं.