वायु प्रदूषण से बचना लगभग असंभव है. आप यह समझ सकते हैं मास्क लगाकर या घर में एयर प्यूरीफायर लगाकर आप सुरक्षित हैं. पर हवा में मौजूदा बेहद बारीक प्रदूषण मास्क और प्यूरीफायर के बावजूद आपके शरीर में पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधी समस्या खड़ी कर सकते हैं. भले ही अल्प अवधि तक संपर्क में रहने के कारण इसका गंभीर प्रभाव न हो पर दीर्घअवधि तक संपर्क में रहने से स्वास्थ्य संबंधी चिन्ता हो सकती है. क्या आप जानते हैं कि फेफड़े के कैंसर के प्रमुख कारणों में एक वायु प्रदूषण है?

ऐसा नहीं है कि दमा के मरीज या बुजुर्ग लोग ही प्रदूषण के शिकार होते हैं क्योंकि उनकी प्रतिरोध क्षमता कम होती है. स्वस्थ लोग भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं. हवा की गुणवत्ता खराब हो तो व्यायाम के कारण सांस संबंधी समस्या हो सकती है. इसीलिए लोगों से कहा जाता है कि सुबह या शाम के समय हवा अच्छी न हो तो टहलने न जाएं.

क्लिनिक ऐप्प  के सीईओ, सत्काम दिव्य के अनुसार, हवा को प्रदूषित करने वाली कुछ चीजों को करीब से देखें और आपके स्वास्थ्य पर इनके दीर्घ अवधि के प्रभाव को जानें.

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कार्बन मोनोऔक्साइड

कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ2/Co2) की कोई खास महक नहीं होती है और ना ही इसका कोई रंग है. इसका उत्पादन फोस्सिल फुएल (जीवाश्म ईंधन) से होता है खासकर तब जब दहन ठीक से नहीं होता है. इसे जलती लकड़ी के मामले में देखा जा सकता है. सांद्रता के स्तर और प्रभाव की अवधि के आधार पर जहर के असर का हल्का से लेकर गंभीर असर हो सकता है. इसके लक्षण सामान्य फूड प्वायजनिंग जैसे होते हैं. इसमें कमजोरी, चक्कर आना, मितली आना, उल्टी आना आदि शामिल है.

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