देश के बुनियादी ढांचागत उद्योगों ने इस साल मार्च में उत्पादन के मामले में ऊंची छलांग लगाई है. इस महीने आठों प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 16 महीने के उच्चतम स्तर (6.4 %) पर पहुंच गई.

बुनियादी उद्योगों के प्रदर्शन में यह सुधार रिफाइनरी उत्पादों, सीमेंट और खाद के उत्पादन में तेज वृद्धि के चलते आया. कोर सेक्टर की वृद्धि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, स्टील, सीमेंट, उर्वरक और बिजली क्षेत्र शामिल हैं. यह क्षेत्र औद्योगिक उत्पाद में 38 % योगदान करता है.

पिछले साल मार्च में बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में 0.7 % की गिरावट आई थी. लेकिन इस साल मार्च में उत्पादन में दर्ज तेज वृद्धि दर नवंबर 2014 के बाद सबसे तेज उछाल है. वित्त वर्ष 2015-16 में आठों प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 2.7 % रही. जबकि इसके पिछले वर्ष यानी 2014-15 में वृद्धि दर 4.5 % थी.

सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2016 में रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 10.8 % की उछाल दर्ज की गई. मार्च, 2015 में इस क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 फीसद की गिरावट आई थी. इसी तरह उर्वरकों के उत्पादन में 22.9 % की वृद्धि हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा 5.2 % पर ही रुक गया था.

सीमेंट के उत्पादन में 11.9 % की वृद्धि हुई है. बिजली क्षेत्र का उत्पादन बीते साल के समान 11.3 % पर स्थिर रहा है. केवल कोयला क्षेत्र ही ऐसा रहा है, जिसके उत्पादन की रफ्तार धीमी रही है. इस साल मार्च में इसका उत्पादन मात्र 1.7 % ही बढ़ा है. जबकि मार्च, 2015 में इसकी वृद्धि दर 4.5 % रही थी. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है.

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