त्योहारी सीजन आ गया है और बाजार खरीदारी के लिए सज चुके हैं. आप में से कई लोग दीवाली के मौके पर सोने चांदी की खरीदारी करते होंगे. देश में सोना निवेश का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है. लेकिन चांदी के बजाए लोग सोने के सिक्कों को खरीदने में ज्यादा अहमियत देते हैं, वो इसलिए क्योंकि आगे चलकर इनको अगर कोई बेचता है तो रिटर्न अच्छा मिलता है. हालांकि, इस चक्कर में आप कई गलतियां भी कर देते हैं. हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि सोने के सिक्कों को खरीदने से पहले किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.

सोने की शुद्धता

सोने की शुद्धता जानने के लिए दो मापदंड है कैरेट और फाइननेस. कैरेट का चलन सबसे ज्यादा है. 24 कैरेट शुद्ध सोने का मतलब है कि सोने के 24 में 24 पार्ट्स खरा सोना ही होंगे. 22 कैरेट सोने का अर्थ है कि 24 में 22 पार्ट्स ही सोना होंगे, जबकि बाकी 2 चांदी या जिंक हो सकते हैं.  फाइननेस ज्यादातर 24 कैरेट सोने की जांच के लिए इस्तेमाल की जाती है.

हौलमार्क

भारत सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की स्थापना की ताकि लोगों को अच्छी क्वालिटी का सामान मिले. सोने की खरीदारी में भी बीआईएस की भूमिका काफी अहम होती है क्योंकि सिक्कों या गहनों की शुद्धता के लिए इसकी मुहर अनिवार्य है.

सोने की खरीद के दौरान पांच निशान अहम होते हैं. इसमें बीआईएस की मुहर, शुद्धता का नंबर (22 कैरेट के लिए यह 916 है), परख और हौलमार्क सेंटर का चिह्न, बनावट का साल और ज्वेलर का पहचान चिह्न जरूरी है.

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