कैमरों की दुनिया निराली है. ऐसा भी कैमरा होता था जिसे उठाने के लिए 2 लोगों की जरूरत होती थी. अब कैमरे से किए जाने वाले सारे काम परिवार के हर सदस्य के हाथ में मौजूद स्मार्टफोन ने संभाल लिए हैं जिस के चलते कैमरों का बाजार अब ढहता हुआ नजर आ रहा है. किफायती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता के कैमरे आकर्षक फीचर के साथ स्मार्टफोन पर उपलब्ध हैं. नतीजतन, डिजिटल कैमरों की मांग में भी लगातार गिरावट आ रही है. एक साल के दौरान फीचर कैमरों की मांग में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. यह खुलासा वाणिज्य एवं उद्योग मंडल यानी एसोचेम के एक सर्वेक्षण में हुआ है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्मार्टफोन में लगे शानदार कैमरों की वजह से डिजिटल कैमरों का बाजार सिकुड़ रहा है. बाजार में 10 हजार रुपए तक के ऐसे स्मार्टफोन मौजूद हैं जो इतनी कीमत पर मिलने वाले डिजिटल कैमरे से कम नहीं हैं. इस कीमत के 78 फीसदी स्मार्टफोन 10 हजार रुपए तक मिलने वाले कैमरे की खूबियों से लैस हैं.

मोबाइल फोन का इस्तेमाल फोटो खींचने, फोटो भेजने तथा वीडियो बना कर भेजने में किया जा सकता है. इसलिए डिजिटल कैमरे का महत्त्व स्वाभाविकरूप से कम होता जा रहा है. कैमरा बाजार के लिए यह सुखद खबर नहीं है. यह ठीक है कि इलैक्ट्रौनिक्स मीडिया के बढ़ते प्रचलन और प्रसार ने कैमरों की दुनिया के चेहरे पर रौनक बरकरार रखी है लेकिन जनसामान्य की पहुंच डिजिटल कैमरों तक जरूरी है. इस के लिए डिजिटल कैमरों को बहुआयामी बनाए जाने की जरूरत है

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