‘श्रद्धांजली’, ‘गदरःएक प्रेम कथा’ सहित कई सफल फिल्मों के सर्जक अनिल शर्मा की नई फिल्म ‘‘जीनियस’’ अति निराश करने वाली फिल्म है. ‘जीनियस’ देखकर अहसास होता है कि अनिल शर्मा बतौर लेखक व निर्देशक अब चुक गए हैं. फिल्म की टैग लाइन है-दिल की लड़ाई दिमाग से..मगर फिल्म में न दिल है और न दिमाग.

फिल्म की कहानी मथुरा में पले बढ़े अनाथ वासुदेव शास्त्री की है. जिसे हिंदी, संस्कृत व अंग्रेजी भाषा में महारत हासिल है. पढ़ाई में जीनियस है. वह आई आई टी का विद्यार्थी है. वह जीनियस है. कौलेज में उसे एक बुद्धिमान लड़की नंदिनी (इशिता चौहान) से प्यार हो जाता है. वासुदेव शास्त्री को कम्प्यूटर हैकिंग में महारत हासिल है. इसी के चलते उसे रॉ के चीफ जयशंकर प्रसाद अपनी संस्था के साथ जुड़ने के लिए कहते हैं. कई बार मना करने के बाद महज आईएसआई के सफाए के लिए वह रॉ से जुड़ता है और उसे एक नई टीम दी जाती है.

मगर हथियारों की चोरी की जांच करते हुए जब वह पोरबंदर पहुंचता है, तो वहां उसकी मुठभेड़ एमआरएस (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) से होती है. जो कि एक डिजिटल कंपनी का मालिक है. जयशंकर प्रसाद से उसकी निजी दुश्मनी है, इसलिए वह आईएसआई के साथ भी हाथ मिला लेता है. इस बीच कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. पता चलता है कि एमआरएस से व आईएसआई के साथ रॉ के कुछ अफसर व देश के एक मंत्री भी जुड़े हुए हैं. अंततः वासुदेव शास्त्री के हाथों  मंत्री, रॉ के गद्दार अफसर व एमआरएस मारे जाते हैं. और वासुदेव शास्त्री को उसका प्यार मिल जाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...