कैरियर के टर्निंग प्वाइंट्स क्या रहे?

मेरे कैरियर की टर्निंग प्वाइंट में पहला टर्निंग प्वाइंट तो मेरी लौंच वाली फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर’’ ही रही. इसके बाद ‘एक विलेन’, जो कि मेरे करियर की तीसरी फिल्म थी. इस फिल्म से मुझे जो रिस्पांस मिला, वह कमाल का रहा. इस फिल्म को न सिर्फ बौक्स आफिस पर सफलता मिली,  बल्कि दर्शकों ने भी काफी सराहा. मेरे लिए इस फिल्म को करना रिस्क भी था.इससे पहले मेरी दोनों फिल्में ‘स्टूडेंट आफ द ईअर’ और ‘हंसी तो फंसी’ प्रेम कहानी वाली फिल्में थीं. इसके बाद मेरे कैरियर की टर्निंग प्वाइंट वाली फिल्म ‘‘कपूर एंड संस’’ रही. यह छोटे बजट की फिल्म थी. पर इसमें कई कलाकार थे. इसकी स्क्रिप्ट मुझे बहुत पसंद थी. इस फिल्म को लोगों का अच्छा प्यार मिला, तो मेरे कैरियर के शुरूआती दौर में यह दोनों फिल्में टर्निंग प्वाइंट रहीं. इन फिल्मों ने मुझे बहुत कुछ दिया. उसके बाद मेरी कई फिल्में सफल हुईं और कई असफल हुर्इं, पर मैंने हर फिल्म में काफी कुछ सीखा.

मैथौस एडीशन ने जब लाइट बाक्स की खोज की, तो उन्हें 160 बार असफला मिली. पर हर कोई यही चर्चा करता है कि उन्होंने इस बात की खोज की, कि बल्ब कैसे जलता है. पर कहने वाले तो कहते हैं कि उन्हें बार बार असफल हुए. इस पर उन्होंने कहा कि मुझे 160 बार समझ में आया कि बल्ब क्यों नहीं जला.

इसी तरह हम पहले से नही कह सकते कि कौन सी फिल्म सफल होगी, कौन सी नही या कौन सी फिल्म क्यों सफल हुई, मेरी कुछ फिल्में असफल हुईं. पर मैंने उनसे भी बहुत कुछ सीखा. मुझे हर बार समझ में आया कि इसमें कुछ तो बेहतर होना चाहिए था, फिर चाहे वह क्रिएटिव हो या कहानी हो या स्क्रिप्ट हो या मैनेजमेंट हो. तो मैं इसे अनुभव की तरह लेकर चल रहा है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...